भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
Kavita Kosh से
मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
जन्म | 01 अप्रैल 1936 |
---|---|
जन्म स्थान | खांडवा, मध्य प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
पानी की ज़ुबां (1967) | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
मुज़फ़्फ़र हनफ़ी / परिचय |
ग़ज़लें
- इक आबशार था मुझको बहाने वाला था / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- बशर के हाथ मता-ए-अज़ीज़ आई है / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- ज़ालिम से टक्कर लेने में आनाकानी मत करना / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- तेरे सुलूक से होकर खफ़ा चली भी गई / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- हमारी सादगी में कोई पुरकारी नहीं होगी / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- जहाँ कोई भली सूरत नज़र में बैठ जाती है / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- होने लगी है अब तो ग़ज़ल बात बात पर / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- उन से ताज़ा शेर होंगे नित नए मज़मून के / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- जो हमारा खून पीने आये थे / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- दिल पर सीकल भी नहीं गर्दे कदूरत ही नहीं / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- मुसलसल झिलमिलाता है के अब होने ही वाला है / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- घटाते क्यूँ हो मेरा क़द मेरी आवाज़ नक़ादू / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- अब इतना बुर्द बार न बन मेरे साथ आ / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- रास्ते में ना हो जाए शाम चलना है तो आ / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- वो गुलदस्तों में अशआर लगाता है / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- दरया को और कोई बहाना तो है नहीं / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- रंग नफरत का तेरे दिल से उतरता है कभी / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- दाग़ सीने के मेरे यार के देखे हुए हैं / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- शिकस्त उनकी हुई ना होगी के मोर्चो पर अड़े हुए थे / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- आग पर चलना पड़ा है तो कभी पानी पर / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- दश्ते ज़ुल्मत में भी इम्कान को ज़िंदा रखा / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- हर इंसान बराबर है / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी