भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
घर सुख और आदमी / सरोज परमार
Kavita Kosh से
द्विजेन्द्र द्विज (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:33, 30 जनवरी 2009 का अवतरण
घर सुख और आदमी
रचनाकार | सरोज परमार |
---|---|
प्रकाशक | भावना प्रकाशन,दिल्ली-91 |
वर्ष | 1994 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविताएँ |
विधा | |
पृष्ठ | 65 |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- समर्पण / सरोज परमार
- जागना है ख़तरनाक / सरोज परमार
- आक / सरोज परमार
- घर / सरोज परमार
- डायरी / सरोज परमार
- रेत पर / सरोज परमार
- एक बूँद शब्द / सरोज परमार
- हरसिंगार / सरोज परमार
- किंचित ख़ामोशी दे दो / सरोज परमार
- लफ़्ज़ों की काश्त कैसे करूँ? / सरोज परमार
- फिसल गए / सरोज परमार
- अमलतास-सी / सरोज परमार
- बहेलिये / सरोज परमार
- अलाव / सरोज परमार
- ज़मीन का टुकड़ा / सरोज परमार
- काँचघर / सरोज परमार
- बेतरतीब लतर / सरोज परमार
- कैसे बुहारूँ / सरोज परमार
- गुणनफल आँक दो हर आँख पर / सरोज परमार
- बीसवें साल में / सरोज परमार
- विषकन्या / सरोज परमार
- सुख / सरोज परमार
- बहुत शर्मिन्दा हैं / सरोज परमार
- लाल रुमाल / सरोज परमार
- भोर मेरे गाँव की / सरोज परमार
- डाकिए-सी... साँझ / सरोज परमार
- अल्हड़ चीड़ / सरोज परमार
- टीन की झालर / सरोज परमार
- कूची / सरोज परमार
- सूरज बनजारा / सरोज परमार
- बेटे की मृत्यु के बाद / सरोज परमार
- [[विडंब
ना / सरोज परमार]]