प्रकाशवर्ष
रचनाकार | संजय चतुर्वेदी |
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प्रकाशक | आधार प्रकाशन,372/ सेक्टर-17, पंचकूला-134 109 |
वर्ष | 1993 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविताएँ |
विधा | |
पृष्ठ | 80 |
ISBN | 81-85469-23-7 |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- सभी लोग और बाक़ी लोग / संजय चतुर्वेदी
- अत्याचारियों के स्मारकों पर धर्मलेख / संजय चतुर्वेदी
- फ़ुटबाल जैसा ही कोई प्यारा खेल / संजय चतुर्वेदी
- जब हमें लगता है डर / संजय चतुर्वेदी
- एक दिन / संजय चतुर्वेदी
- सपनों के मुताबिक़ / संजय चतुर्वेदी
- बड़े आदमी का युग / संजय चतुर्वेदी
- पतंग / संजय चतुर्वेदी
- बरगद / संजय चतुर्वेदी
- लोग नहीं नष्ट होने वाले / संजय चतुर्वेदी
- बुलबुला / संजय चतुर्वेदी
- आदमी का देश / संजय चतुर्वेदी
- वह जो दयालु है / संजय चतुर्वेदी
- कंचनजंघा / संजय चतुर्वेदी
- हमसे पहले भी / संजय चतुर्वेदी
- लद्दाख / संजय चतुर्वेदी
- बाहर निकलने की ज़ुरूरत / संजय चतुर्वेदी
- रात के मन्दिर / संजय चतुर्वेदी
- जो मर गए पिछली सर्दियों में / संजय चतुर्वेदी
- आसमान में तारे की तरह / संजय चतुर्वेदी
- बुरे दिन / संजय चतुर्वेदी
- उसकी आवाज़ आती है / संजय चतुर्वेदी
- कल / संजय चतुर्वेदी
- शोकसभा में बच्चे की खिलखिलाहट / संजय चतुर्वेदी
- पिता को फ़ुर्सत नहीं / संजय चतुर्वेदी
- हमारी तरह / संजय चतुर्वेदी
- शान्ति के कबूतर / संजय चतुर्वेदी
- गऊमाता / संजय चतुर्वेदी
- सगरमाथा के रास्ते / संजय चतुर्वेदी
- अगली भाषाओं की तलाश में / संजय चतुर्वेदी
- पकी हुई फ़सल का रंग / संजय चतुर्वेदी
- लोहे ने आदमी की कुत्ते जैसी सेवा की / संजय चतुर्वेदी
- ख़ुशियाँ मनाने से / संजय चतुर्वेदी
- जिस दिन यह शहर बना था / संजय चतुर्वेदी
- पहले से ही / संजय चतुर्वेदी
- हाथों में स्वतन्त्रता की तरह / संजय चतुर्वेदी
- पप्पियों की पीढ़ियाँ / संजय चतुर्वेदी
- उनकी सफ़लता का राज / संजय चतुर्वेदी
- लुटेरे बनकर इतिहास / संजय चतुर्वेदी
- धनबाद / संजय चतुर्वेदी
- कौन चाहता है रक्तपात / संजय चतुर्वेदी
- आप जब इस गाँव में आएंगे / संजय चतुर्वेदी
- हवा एक धातु है / संजय चतुर्वेदी
- तिनके गिर रहे हैं मेज़ पर / संजय चतुर्वेदी
- साहस-गाथा / संजय चतुर्वेदी
- कुत्ते / संजय चतुर्वेदी
- रेलगाड़ी / संजय चतुर्वेदी
- चांद चल रहा है / संजय चतुर्वेदी
- जहाँ सर और पैर हो सकते हैं / संजय चतुर्वेदी
- पौधे उगते रहेंगे / संजय चतुर्वेदी
- पता नहीं / संजय चतुर्वेदी
- बूढ़े / संजय चतुर्वेदी
- वही आदमी / संजय चतुर्वेदी
- पैसे के दाँत / संजय चतुर्वेदी
- उनके गीत गाते हैं बच्चे / संजय चतुर्वेदी
- बुरे दिन आ रहे हैं / संजय चतुर्वेदी
- सात हज़ार साल बाद / संजय चतुर्वेदी
- यह इस दुनिया की ताक़त है / संजय चतुर्वेदी