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सर्वत एम जमाल
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सर्वत एम जमाल
www.kavitakosh.org/sarwatmjamal
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जन्म | 29 अक्तूबर 1956 |
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जन्म स्थान | लखनऊ, उत्तरप्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
सर्वत एम जमाल / परिचय | |
कविता कोश पता | |
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- दूसरों पर ख़ुद को भारी करके देख / सर्वत एम जमाल
- ये हवा, कैसी भी हो, चलती तो है / सर्वत एम जमाल
- लोग कहते बदन से खाल तक / सर्वत एम जमाल
- हर तरफ़ एक ही समां क्यों है / सर्वत एम जमाल
- शोर तो यही था ना ! बदगुमान हैं चेहरे / सर्वत एम जमाल
- शौहर बोला क्यों कडुवाहट घोले जाती है / सर्वत एम जमाल
- सारा गाँव एकजुट था, अड़ गई हवेली फिर / सर्वत एम जमाल
- उम्मीद सभी को है कि इस बार लकीरें / सर्वत एम जमाल
- फिर कहा उस ने, वजू करना / सर्वत एम जमाल
- अजब हैं लोग थोड़ी सी परेशानी से डरते हैं / सर्वत एम जमाल
- हर पल दुःख जैसा लगता है / सर्वत एम जमाल
- चमकती रोशनी आँखों के जब नजदीक होती है / सर्वत एम जमाल
- हम न काग़ज़ हैं न कोई सींक हैं / सर्वत एम जमाल
- मुझे ये वक्त घुटन से रिहाई भी देगा / सर्वत एम जमाल
- हर घड़ी इस तरह मत सोचा करो / सर्वत एम जमाल
- क्या है और क्या पास नहीं है / सर्वत एम जमाल
- मैं भी इस दौर के बशर सा हूँ / सर्वत एम जमाल
- रोशनी सब को दिखलाइये / सर्वत एम जमाल
- भला ये कोई ढंग है, मिला के हाथ देखिए / सर्वत एम जमाल
- अमीर कहता है इक जलतरंग है दुनिया / सर्वत एम जमाल
- लिखते हैं, दरबानी पर भी लिक्खेंगे / सर्वत एम जमाल
- कितने दिन, चार, आठ, दस, फिर बस / सर्वत एम जमाल
- क्या हम इस बात पर गुमान करें / सर्वत एम जमाल
- पैदा जब अपनी फ़ौज में गद्दार हो गए / सर्वत एम जमाल
- रोशनी सब को दिखलाइये / सर्वत एम जमाल
- रोटी, लिबास और मकानों से कट गए / सर्वत एम जमाल
- आपकी आंखों में नमी भर दी / सर्वत एम जमाल
- होगी तेरी धूम बच्चा / सर्वत एम जमाल
- ऊंचाई से सारे मंजर कैसे लगते हैं / सर्वत एम जमाल
- गर हवा में नमी नहीं होती / सर्वत एम जमाल
- धूप की नवाज़िश से जिस्म जलने लगता है / सर्वत एम जमाल
- हर कहानी चार दिन की, बस / सर्वत एम जमाल
- दुआ की बात करते हो, यहाँ गाली नहीं मिलती / सर्वत एम जमाल
- जब जब टुकड़े फेंके जाते हैं / सर्वत एम जमाल
- कहाँ आंखों में आंसू बोलते हैं / सर्वत एम जमाल
- यार अब उनके कमालात कहाँ तक पहुंचे / सर्वत एम जमाल
- लोग जिसका खा रहे हैं / सर्वत एम जमाल
- सब ये कहते हैं कि हैं सौगात दिन / सर्वत एम जमाल
- हवा पर भरोसा रहा / सर्वत एम जमाल
- एक ही आसमान सदियों से / सर्वत एम जमाल
- हैं तो नजरों में कई चेहरे / सर्वत एम जमाल
- एक एक जहन पर वही सवाल है / सर्वत एम जमाल
- कभी आका कभी सरकार लिखना / सर्वत एम जमाल
- क्या है और क्या पास नहीं है / सर्वत एम जमाल
- फिर यह सवाल है कि उजाला कहाँ गया / सर्वत एम जमाल
- हमारा सब्र तोला जा रहा है / सर्वत एम जमाल
- सिला कब ये अहले हुनर मांगते हैं / सर्वत एम जमाल
- आज कल जिसके पास दौलत है / सर्वत एम जमाल
- उन्हें खौफ था बात करने से पहले / सर्वत एम जमाल
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