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"समंदर ब्याहने आया नहीं है / जहीर कुरैशी" के अवतरणों में अंतर

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*[[जो बेहद मुश्किल लगता था उसको भी आसान किया / जहीर कुरैशी]]
 
*[[जो बेहद मुश्किल लगता था उसको भी आसान किया / जहीर कुरैशी]]
 
*[[जिधर कामनाएँ थीं, वे अपने मन के आधीन हुए / जहीर कुरैशी]]
 
*[[जिधर कामनाएँ थीं, वे अपने मन के आधीन हुए / जहीर कुरैशी]]
*[[न मुझसे पूछिए अपने सुभाव की बातें / जहीर कुरैशी]]
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*[[न मुझसे पूछिए उसके  सुभाव की बातें / जहीर कुरैशी]]
 
*[[वो घुप अँधेरे में भी ये कमाल कर देखे / जहीर कुरैशी]]
 
*[[वो घुप अँधेरे में भी ये कमाल कर देखे / जहीर कुरैशी]]
 
*[[पैर अपने थे मगर उनके इशारों पर चले / जहीर कुरैशी]]
 
*[[पैर अपने थे मगर उनके इशारों पर चले / जहीर कुरैशी]]

14:33, 10 दिसम्बर 2008 का अवतरण


समंदर ब्याहने आया नहीं है
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रचनाकार जहीर कुरैशी
प्रकाशक अयन प्रकाशन 1/20 महरौली, नई दिल्ली-110030
वर्ष 1992
भाषा हिन्दी
विषय ग़ज़ल संग्रह
विधा ग़ज़ल
पृष्ठ 88
ISBN
विविध
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