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हरियाणा के प्रेमगीत / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
- राजा पतले रे राजा पतले रे / हरियाणवी
- ए परदेसी चाल्या जाइये / हरियाणवी
- मेरे टांडै मैं सोला सै राणी / हरियाणवी
- राजा गर्मी के मारे अंगिया भीजै हमारी / हरियाणवी
- मेरे राजा भीजै मेरी चम्पा साड़ी / हरियाणवी
- ये जुल्मी नैण बुरे कोए दिन याद करो / हरियाणवी
- नाई की तेरे लाम्बे लाम्बे खेस / हरियाणवी
- पिया पतले जी पतंग जैसे पैर / हरियाणवी
- खिल खिल गए दो दाणे अनार के / हरियाणवी
- हो बरसाणे वाली कदम्ब नीचे आइयो री / हरियाणवी
- लम्बी नाड़ लटकमा चोटी / हरियाणवी
- मेरी भूरी भूरी पींडी री सासड़ काली जराब / हरियाणवी
- क्या यह किसमत की खूबी बालमा खोटे मिले / हरियाणवी
- रोटी पूई धरी तड़के की देखूं बाट तेरे लड़के की / हरियाणवी
- आया था ओ गेहूं काट कै / हरियाणवी
- हो रास्ते में पड़ गयो झील, छेल तेरे आने जाने में / हरियाणवी
- ठहर बटेऊ ठहर बटेऊ के नै जाइये / हरियाणवी
- राधा चली गई मेले / हरियाणवी
- हार सै सिंगार छोरियो कुरता ढीला हे / हरियाणवी
- जीजे कै सिरहाणे साली कद की खड़ी / हरियाणवी
- सुसराल पणै मैं चाल पड़ा रे / हरियाणवी
- सोह्रा मेरा लोभी बेटे न भरती घालै सै / हरियाणवी
- तेरे पकडूं घोड़े की लगाम जाण न दूं पिया नौकरी / हरियाणवी
- ले ले हे गोरी म्हारी नमस्ते हम तो नौकर चाल पड़े / हरियाणवी
- हे मेरे नौकर गए भरतार / हरियाणवी
- खूंटी पै तै झोला तार कै रै / हरियाणवी
- बोये चले थे भंवर जी पीपली / हरियाणवी
- झिल मिल साफा बांध दिखे री / हरियाणवी
- जैपर जाइओ जी ढोला / हरियाणवी
- जानी छज्जै तै ईंट गिरी होती / हरियाणवी
- ऊंची सी अटारी मेरी पानै फूले / हरियाणवी
- हे मेरा पति बड़ा धोखे बाज मिरै तै दे गया धोखा / हरियाणवी
- बागां के मैं मत जाइये नार सैन मार तक लेगा / हरियाणवी
- आणे का वायदा किया, हो आए ना बालमा / हरियाणवी
- हाय ला दो पान पिटारी, हमारे जाने की तैयारी / हरियाणवी
- मेरा नैफा डिगर ग्या भरतार मेरे तै लड़कै / हरियाणवी
- गांधी का फोटू खिंचा है सांवरिआ / हरियाणवी
- बेकदर को दिल दिया है देखना कैसे निभे / हरियाणवी
- सरवर पाणी नै गई सुण आई नई नई बात / हरियाणवी