भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
साँचा:KKCatPad से जुड़े हुए पृष्ठ
Kavita Kosh से
नीचे दिये हुए पृष्ठ साँचा:KKCatPad से जुडते हैं:
देखें (पिछले 50 | अगले 50) (20 | 50 | 100 | 250 | 500)- जिस पर ये दिल फ़िदा है दिलदार वो है निराला / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- नक्शा है दिल तस्वीर घनश्याम की / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- भक्त बनता हूँ मगर अधमों का सिरताज भी / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- सच पूछो तो मुझको नहीं है ज्ञान तुम्हारा / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- कोशिश हजार कर के भी ढूंढें जो उम्र भर / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- अड़ा हूँ आज इस दिल पै कि कुछ पा के हटूँ / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- जग असार में सार रसना हरि-हरि बोल / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- बैठे कहाँ रूठ के ब्रजधाम बसैया / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- जलवा-ए-यार है कहाँ जख्मी दिलो जिगर में है / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- ये न कहना कि अजी क्या है भला चोरी में / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- या तो जादू तुझे श्याम हुनर आता है / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- विरही की विरह वेदनाएँ सुनकर भी भूल जाते हो / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- सभी तुझसे कहते हैं हाल अपना-अपना / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- हिन्दू कुल का है सम्मान श्री गोविन्द और गौ से / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- कौन है गुलशन कि जिस गुलशन में रौशन तू नहीं / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- संसार के करतार का साकार न होता / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- है प्रेम जगत में सार और सार कुछ नहीं / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- वही प्यारा है जिसका हुस्न हर दिल को हिलाता हो / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- चाहे मैं भूलूँ तो भूलूँ मोहन! तू मत मुझको भूल / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- रे मन! द्रुति श्वांस पुकार रही जय राम हरे घनश्याम हरे / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- न मैं घनश्याम तुमको दुःख से घबराकर छोडूंगा / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- हमेशा दीनों को छोड़कर भी लुभा जो करते हो चार बातें / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- तुम्हारी कृपा है तो दुश्मन का डर क्या / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- भजन श्यामसुंदर का करते रहोगे / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- ग़ुलाम ग़र्चे ख़ता बेशुमार करते हैं / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- कुछ दशा अनोखी उनकी बतलाते हैं / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- सुघर साँवले पर लुभाए हुए हैं / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- पर प्रेम की इस दिल में लगी घात न होती / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- श्रीराम धुन में जब तक मन तू मगन न होगा / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- हे नाथ! दयावानों के सिरमौर / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- क्या वह स्वभाव पहला सरकार अब नहीं है / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- जिससे ब्रजमंडल का मन गोपाल मनमोहन में है / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- क़ैद दुनिया जिस अजब जादू की है टोने की है / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- बहुत दिन से तारीफ़ सुनकर तुम्हारी / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- वो जाने श्याम की नजरों के मजे कस-कस के / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- जब से घनश्याम इस दिल में आने लगे / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- कृपा की न होती जो आदत तुम्हारी / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- अहो! शंकर भोले भगवान / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- हे मेरे घनश्याम! हृदयाकाश पर आया करो / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- मिला है मुझको किस्मत से खयाले रिन्द मस्ताना / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- श्याम सुंदर तुझे कुछ मेरी खबर है कि नहीं / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- तेरा कौन संघाती हरि बिन! / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- जीवन को मैंने सौंप दिया अब सब भार तुम्हारे हाथों में / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- यही हरिभक्त सब कहते हैं यही सब ग्रन्थ गाते हैं / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- तोलने बैठा हूँ मैं आज / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- न यज्ञ साधन न तप क्रियाएँ / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- हे नाथ!! पद कमल का मुझको पराग करना / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- जब दर पे तुम्हारे ही अधमों का ठिकाना है / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- दो शुभ संगति दीन दयाल / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- बसहु मन! मनमोहन के पाँव! / बिन्दु जी (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)