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+ | * [[बड़े घरन के छोरा नईंयाँ / महेश कटारे सुगम]] |
00:44, 16 दिसम्बर 2014 का अवतरण
महेश कटारे सुगम
जन्म: 24 जनवरी 1954
उपनाम
सुगम
जन्म स्थान
पिपरई, ललितपुर, उत्तरप्रदेश भारत
कुछ प्रमुख कृतियाँ
विविध
बुन्देली के कवि।
जीवन परिचय
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- करम सबई हैं कारे उनके / महेश कटारे सुगम
- बिन्नू हो गईं स्यानी मर रये ऐई फिकर के मारें / महेश कटारे सुगम
- जा दुनिया आबाद बनी रय / महेश कटारे सुगम
- आज मिलौ है सुख साँचौ सौ / महेश कटारे सुगम
- घोर कुकर्मन कौ खा रये हैं / महेश कटारे सुगम
- सरपंचन बन गई घरवारी / महेश कटारे सुगम
- खूबई दौलत रोरत जा रये / महेश कटारे सुगम
- जुग कौ जादू चल गऔ भौजी / महेश कटारे सुगम
- हमनें देखौ बर्राटन में / महेश कटारे सुगम
- काय भये सन्तोषी भैया / महेश कटारे सुगम
- का है जौ भोपाल समझ लो / महेश कटारे सुगम
- बड़ी आँख कौ जो तारौ है / महेश कटारे सुगम
- दार ,बरीं, जौ, दरिया लै गए / महेश कटारे सुगम
- रिश्तों को मुट्ठियों की ज़दों में छुपा लिया / महेश कटारे सुगम
- बड़े गए ते ऐंठ आँठ कें / महेश कटारे सुगम
- कागज कौ तौ भन्ना भर दऔ / महेश कटारे सुगम
- हम तुम तौ हैं एक जगा के / महेश कटारे सुगम
- दुःख झेलत तौ ग़ज़ल कैत हैं / महेश कटारे सुगम
- जीवन चाल चलन नईं दै रये / महेश कटारे सुगम
- ख्वाब मेरे भटकते रहे रात भर / महेश कटारे सुगम
- गरे गरे तक संकट हो गए / महेश कटारे सुगम
- बड़े घरन के छोरा नईंयाँ / महेश कटारे सुगम