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10:30, 15 मार्च 2017 का अवतरण
काजी नज़रुल इस्लाम
जन्म | 25 मई 1899 |
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निधन | 27 अगस्त 1976 |
उपनाम | কাজী নজরুল ইসলাম |
जन्म स्थान | बर्दवान, पश्चिमी बंगाल, भारत । |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विद्रोही, धूमकेतु, भांगरगान, राजबन्दिर जबानबन्दी आदि कविता-संग्रह।'नज़रुल गीति' के नाम से 4000 गीतों का संग्रह। | |
विविध | |
कवि और संगीतकार । पद्म भूषण सहित अनेक प्रतिष्ठित सम्मान और पुरस्कार से सम्मानित | |
जीवन परिचय | |
काजी नज़रुल इस्लाम / परिचय |
- कमल-काँटा / काजी नज़रुल इस्लाम
- नदी में ज्वार / काजी नज़रुल इस्लाम
- मेरी कैफ़ियत / काजी नज़रुल इस्लाम
- अरुणकांत जोगी भिखारी तुम हो कौन / काजी नज़रुल इस्लाम
- आज भी रोये वन में कोयलिया/ काजी नज़रुल इस्लाम
- सावन की रात में गर स्मरण तुम आये/ काजी नज़रुल इस्लाम
कृष्ण भक्ति रचनाएँ
- आज बन-उपवन में चंचल मेरे मन में / काजी नज़रुल इस्लाम
- अरे अरे सखी बार बार छि छि / काजी नज़रुल इस्लाम
- अगर तुम राधा होते श्याम / काजी नज़रुल इस्लाम
- कृष्ण कन्हईया आयो मन में मोहन मुरली बजाओ / काजी नज़रुल इस्लाम
- खेलत वायु फूलवन में, आओ प्राण-पिया / काजी नज़रुल इस्लाम
- चक्र-सुदर्शन छोड़के मोहन तुम बने बनवारी / काजी नज़रुल इस्लाम
- चंचल सुन्दर नन्दकुमार / काजी नज़रुल इस्लाम
- जगजन मोहन संकटहारी / काजी नज़रुल इस्लाम
- जपे त्रिभूवन कृष्ण के नाम पवन / काजी नज़रुल इस्लाम
- जयतू श्रीकृष्ण श्रीकृष्ण मुरारी शंखचक्र गदा पद्मधारी / काजी नज़रुल इस्लाम
- झूले कदम के डार के झूलना पे किशोरी किशोर / काजी नज़रुल इस्लाम
- झुलन झुलाए झाउ झक् झोरे / काजी नज़रुल इस्लाम
- तुम प्रेम के घनश्याम मैं प्रेम की श्याम-प्यारी / काजी नज़रुल इस्लाम
- तुम हो मेरे मन के मोहन मै हूँ प्रेम अभिलाषी / काजी नज़रुल इस्लाम
- देखोरी मेरो गोपाल धरो है नवीन नट की साज / काजी नज़रुल इस्लाम
- नाचे यशोदा के अंगना में शिशु गोपाल / काजी नज़रुल इस्लाम
- प्रेम नगर का ठिकाना कर ले प्रेम नगर का ठिकाना / काजी नज़रुल इस्लाम
- मेरे तन के तुम अधिकारी ओ पिताम्बरधारी / काजी नज़रुल इस्लाम
- यमुना के तीर पे सखीरी सुनी मै / काजी नज़रुल इस्लाम
- राधा श्याम किशोर प्रीतम कृष्ण गोपाल / काजी नज़रुल इस्लाम
- श्याम सुन्दर मन-मन्दिर में आओ आओ / काजी नज़रुल इस्लाम
- सुन्दर हो तुम मनमोहन हो नेरे अंतरयामी / काजी नज़रुल इस्लाम
- सोवत जागत आँठू जान राहत प्रभू मन में तुम्हारे ध्यान / काजी नज़रुल इस्लाम
- हर का भजन कर ले मनुआ हर का भजन कर ले / काजी नज़रुल इस्लाम