अल्लामा इक़बाल
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जन्म | 09 नवम्बर 1877 |
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निधन | 21 अप्रैल 1938 |
उपनाम | इक़बाल |
जन्म स्थान | सियालकोट, पंजाब (अब पाकिस्तान में) |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
बांग-ए-दरा | |
विविध | |
अल्लामा इक़बाल "सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा" गीत के रचयिता हैं। इसके अलावा इनकी बेहद मशहूर रचनाओं में "लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी" और "शिक़वा" तथा "जवाबे-ए-शिक़वा" शामिल हैं। | |
जीवन परिचय | |
मोहम्मद इक़बाल / परिचय | |
कविता कोश पता | |
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संकलन
इक़बाल की प्रतिनिधि रचनाएँ
- तराना-ए-हिन्दी (सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोसिताँ हमारा ) / अल्लामा इक़बाल
- तस्कीन न हो जिस से / इक़बाल
- डरते-डरते दमे-सहर से / इक़बाल
- लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना / इक़बाल
- दुनिया की महफ़िलों से उक्ता गया हूँ / इक़बाल
- शिकवा / इक़बाल
- जवाब-ए-शिकवा / इक़बाल
- आम मशरिक़ के मुसलमानों का दिल मगरिब में जा अटका है / इक़बाल
- हर मुक़ाम से आगे मुक़ाम है तेरा / इक़बाल
- जिस खेत से दहक़ाँ को मयस्सर नहीं रोज़ी / इक़बाल
- असर करे न करे सुन तो ले मेरी फ़रियाद / इक़बाल
- अगर कज-रौ हैं अंजुम आसमाँ तेरा है या मेरा / इक़बाल
- एक आरज़ू / इक़बाल
- उक़ाबी शान से झपटे थे जो बे-बालो-पर निकले / इक़बाल
- सख़्तियाँ करता हूँ दिल पर ग़ैर से ग़ाफ़िल हूँ मैं / इक़बाल
- परीशाँ हो के मेरी ख़ाक आख़िर दिल न बन जाए / इक़बाल
- है कलेज़ा फ़िग़ार होने को / इक़बाल
- अक़्ल ने एक दिन ये दिल से कहा / इक़बाल
- नसीहत / इक़बाल
- ख़ुदी में डूबने वालों / इक़बाल
- लेकिन मुझे पैदा किया उस देस में तूने / इक़बाल
- सफ़र कर न सका / इक़बाल
- हिमाला / इक़बाल
- ख़ुदा के बन्दे तो हैं हज़ारों बनो में फिरते हैं मारे-मारे / इक़बाल
- फिर चराग़े-लाला से रौशन हुए कोहो-दमन / इक़बाल
- न आते हमें इसमें तकरार क्या थी / इक़बाल
- आता है याद मुझ को गुज़रा हुआ ज़माना / इक़बाल
- अजब वाइज़ की दींदारी है या रब / इक़बाल
- गुलज़ार-ए-हस्त-ओ-बू न बेगानावार देख / इक़बाल
- कभी ऐ हक़ीक़त-ए- मुन्तज़र नज़र आ लिबास-ए-मजाज़ में / इक़बाल
- गेसू-ए- ताबदार को और भी ताबदार कर / इक़बाल
- हम मश्रिक़ के मुसलमानों का दिल / इक़बाल
- जिन्हें मैं ढूँढता था आसमानों में ज़मीनों में / इक़बाल
- ख़िरद के पास ख़बर के सिवा कुछ और नहीं / इक़बाल
- ख़ुदा का फ़रमान / इक़बाल
- लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी / इक़बाल
- चमक तेरी अयाँ बिजली में आतिश में शरारे में / इक़बाल
- ख़िरदमंदों से क्या पूछूँ कि मेरी इब्तिदा क्या है / इक़बाल
- जब इश्क़ सताता है आदाबे-ख़ुदागाही / इक़बाल
- क्या कहूँ अपने चमन से मैं जुदा क्योंकर हुआ / इक़बाल
- अनोखी वज़्अ है सारे ज़माने से निराले हैं / इक़बाल
- मजनूँ ने शहर छोड़ा है सहरा भी छोड़ दे / इक़बाल
- मुहब्बत का जुनूँ बाक़ी नहीं है / इक़बाल
- नहीं मिन्नत-कश-ए-ताब-ए-शनीदन दास्ताँ मेरी / इक़बाल
- नया शिवाला / इक़बाल
- सितारों से आगे जहाँ और भी हैं / इक़बाल
- तेरे इश्क़ की इन्तहा चाहता हूँ / इक़बाल
- तू अभी रहगुज़र में है / इक़बाल
- ज़मीं-ओ-आसमाँ मुमकिन है / इक़बाल
- हकी़क़ते-हुस्न / इक़बाल
- साक़ी / इक़बाल
- परवाना और जुगनू / इक़बाल
- जमहूरियत / इक़बाल
- राम / इक़बाल
- बच्चों की दुआ / इक़बाल
- जुगनू / इक़बाल
- गुलज़ारे-हस्ती-बूद न बेगानावार देख / इक़बाल
- उक़ाबी शान से झपटे थे जो बे-बालो-पर निकले / इक़बाल
- सच कह दूँ ऐ ब्रह्मन गर तू बुरा न माने / इक़बाल
- न तू ज़मीं के लिए है न आसमाँ के लिए / इक़बाल
- दयारे-इश्क़ में अपना मुक़ाम पैदा कर / इक़बाल
- मुझे आहो-फ़ुगाने-नीमशब का / इक़बाल
- ये पयाम दे गई है मुझे / इक़बाल
- चमने-ख़ार-ख़ार है दुनिया / इक़बाल
- जुदाई / इक़बाल
- मेरी निगाह में है मोजज़ात की दुनिया / इक़बाल
- लहू / इक़बाल
- अपनी जौलाँ-गाह ज़ेर-ए-आसमाँ समझा / इक़बाल
- दिल सोज़ से ख़ाली है निगह पाक नहीं है / इक़बाल
- फ़ितरत को ख़िरद के रू-ब-रू कर / इक़बाल
- हादसा वो जो अभी पर्दा-ए-अफ़लाक में है / इक़बाल
- ख़ुदी की शोख़ी ओ तुंदी में किब्र ओ नाज़ नहीं / इक़बाल
- मकतबों में कहीं रानाई-ए-अफ़कार भी है / इक़बाल
- मता-ए-बे-बहा है दर्द-ओ-सोज़-ए-आरज़ू-मंदी / इक़बाल
- मेरी नवा-ए-शौक़ से शोर हरीम-ए-ज़ात में / इक़बाल
- न तख़्त ओ ताज में ने लश्कर ओ सिपाह / इक़बाल
- तू ऐ असीर-ए-मकाँ ला-मकाँ से दूर नहीं / इक़बाल
- वहीं मेरी कम-नसीबी वही तेरी बे-नियाज़ी / इक़बाल
- वो हर्फ़-ए-राज़ के मुझ को सिखा गया है जुनूँ / इक़बाल
- ज़मिस्तानी हवा में गरचे थी शमशीर की तेज़ी / इक़बाल
- मेरा वतन वही है / इक़बाल