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अरी ओ करुणा प्रभामय / अज्ञेय
Kavita Kosh से
अरी ओ करुणा प्रभामय
रचनाकार | अज्ञेय |
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प्रकाशक | भारतीय ज्ञानपीठ |
वर्ष | 1959, पाँचवां संस्करण (2006) |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविताएँ |
विधा | |
पृष्ठ | 169 |
ISBN | 81-263-1171-1 |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- हम कृती नहीं हैं / अज्ञेय
- सुख-क्षण / अज्ञेय
- चाँदनी चुप-चाप / अज्ञेय
- सपने का सच / अज्ञेय
- प्याला : सतहें / अज्ञेय
- ब्राह्म मुर्हूत : स्वस्तिवाचन / अज्ञेय
- एक प्रश्न / अज्ञेय
- मोह-बंध / अज्ञेय
- चेहरे असंख्य : आँखें असंख्य / अज्ञेय
- हरा-भरा है देश / अज्ञेय
- शब्द और सत्य / अज्ञेय
- पगली आलोक-किरण / अज्ञेय
- जागरण-क्षण / अज्ञेय
- तू-मैं / अज्ञेय
- रात कटी / अज्ञेय
- पहेली / अज्ञेय
- अपलक रूप निहारूँ / अज्ञेय
- रात भर आते रहे सपने / अज्ञेय
- कवि कर्म / अज्ञेय
- रूप-केकी / अज्ञेय
- रात और दिन / अज्ञेय
- औद्योगिक बस्ती / अज्ञेय
- लौटे यात्री का वक्तव्य / अज्ञेय
- सांध्य तारा / अज्ञेय
- सागर पर भोर / अज्ञेय
- मैं ने कहा, पेड़ / अज्ञेय
- सागर पर साँझ / अज्ञेय
- मानव अकेला / अज्ञेय
- सागर-तट : सांध्य तारा / अज्ञेय
- हवाई अड्डे पर विदा / अज्ञेय
- मैं ने देखा, एक बूँद / अज्ञेय
- जन्म-दिवस / अज्ञेय
- प्राप्ति / अज्ञेय
- चिड़िया की कहानी / अज्ञेय
- वसंत / अज्ञेय
- धूप / अज्ञेय
- न दो प्यार / अज्ञेय
- पगडंडी / अज्ञेय
- यह मुकुर / अज्ञेय
- सागर-चित्र / अज्ञेय
- नया कवि : आत्म स्वीकार / अज्ञेय
- नए कवि से / अज्ञेय
- यह कली / अज्ञेय
- रोपयित्री / अज्ञेय
- बड़ी लम्बी राह / अज्ञेय
- इशारे जिंदगी के / अज्ञेय
- नए कवि : आत्मोपदेश / अज्ञेय
- बाँगर और खादर / अज्ञेय
- वहाँ पर बच जाय जो / अज्ञेय
- जीवन-छाया / अज्ञेय
- मछलियाँ / अज्ञेय
- उन्मत्त / अज्ञेय
- जब-जब / अज्ञेय
- हिरोशिमा / अज्ञेय
- रश्मि-बाण / अज्ञेय
- टेर रहा सागर / अज्ञेय
- चिड़िया ने ही कहा / अज्ञेय
- सरस्वती-पुत्र / अज्ञेय
- पास और दूर / अज्ञेय
- झील का किनारा / अज्ञेय
- अंतरंग चेहरा / अज्ञेय
- अच्छा खंडित सत्य / अज्ञेय
- हे अमिताभ / अज्ञेय
- धरा-व्योम / अज्ञेय
- सोन-मछली / अज्ञेय
- दीप पत्थर का / अज्ञेय