भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
शून्य मुटुको धड्कनभित्र / सुमन पोखरेल
Kavita Kosh से
Sirjanbindu (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:32, 8 जून 2020 का अवतरण
शून्य मुटुको धड्कनभित्र
रचनाकार | सुमन पोखरेल |
---|---|
प्रकाशक | वाणी प्रकाशन, नेपाल |
वर्ष | सन् २००० |
भाषा | नेपाली |
विषय | |
विधा | |
पृष्ठ | 163 |
ISBN | |
विविध | OCLC= 43992745 / LC Class= PK2598.P659 S86 1999 |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- भोकाएको मन / सुमन पोखरेल
- कसरी दिऊँ माया ? / सुमन पोखरेल
- जिन्दगी म बाँचिरहेछ / सुमन पोखरेल
- के तिमी भाषण हौ र ! / सुमन पोखरेल
- दुवै निद्रा आइपर्दा / सुमन पोखरेल
- मेरो मान्छे कता दौडिँदैछ ? / सुमन पोखरेल
- एक पटक नारीमाथि / सुमन पोखरेल
- केही केही केही केही / सुमन पोखरेल
- एक कण मात्र बाँचिँदोरहेछ / सुमन पोखरेल
- म पागल हुँ / सुमन पोखरेल
- मैले आत्महत्या गर्दा / सुमन पोखरेल
- तस्विरसँग / सुमन पोखरेल
- मध्यरातको जिन्दगीसँगको जम्काभेट / सुमन पोखरेल
- कल्पना पतन / सुमन पोखरेल
- अभिनय / सुमन पोखरेल
- पर्खालपारिपट्टिलाई एउटा सम्प्रेषण / सुमन पोखरेल
- झझल्को / सुमन पोखरेल
- भ्यालेन्टाइन्स डे / सुमन पोखरेल
- यो मेरै देश हो / सुमन पोखरेल
- माया हैन भन्न सक्दिनँ / सुमन पोखरेल
- सर्पहरू त जहाँ पनि हुन्छन् / सुमन पोखरेल
- काठमाण्डौ ! हिँड जौँ / सुमन पोखरेल
- म आदेश दिन्छु / सुमन पोखरेल
- धमिलो आकाश र धर्तीमा / सुमन पोखरेल
- व्यर्थै बोलायौ काठमाण्डू, तिमीले मलाई / सुमन पोखरेल
- शून्य मुटुको धड्कनभित्र (शीर्षक कविता) / सुमन पोखरेल
- आर्यघाटमा केही लेखिरहेको छैन / सुमन पोखरेल
- मेरो परिवेशमा / सुमन पोखरेल
- मेरो ब्रम्हाण्ड / सुमन पोखरेल
- परिवर्तन / सुमन पोखरेल
- रगतको डिनर / सुमन पोखरेल
- त्यो भूकम्प अन्तिम हैन / सुमन पोखरेल
- देश र धरहरा / सुमन पोखरेल
- हुलाक / सुमन पोखरेल
- जहाँ शून्यताले आकार बुन्छ / सुमन पोखरेल
- फेरि तिम्रै माया / सुमन पोखरेल
- अब खुकुरी दापभित्र पनि चल्न थालेको छ / सुमन पोखरेल
- आभास अनिष्टको / सुमन पोखरेल
- यात्रा-बाटोको / सुमन पोखरेल
- पख पख, यो रात च्यातौँ / सुमन पोखरेल
- कतै देवता नहोऊँ / सुमन पोखरेल
- खै त मुटु ? / सुमन पोखरेल
- स्वभक्षणको हक / सुमन पोखरेल
- हरे ! कति बिध्न कविता ? / सुमन पोखरेल
- शङ्का लाग्न थालेको छ / सुमन पोखरेल
- अब मान्छे मर्नै पर्छ कि कसो! / सुमन पोखरेल
- पहिरो छ / सुमन पोखरेल
- तिमी मात्र हैन ऊ पनि छ / सुमन पोखरेल
- मेरो सपना तिम्रो आँखाभरि / सुमन पोखरेल
- आक्रान्ता रहर बोक्छ / सुमन पोखरेल
- कुखुरी काँ / सुमन पोखरेल
- छोरीलाई / सुमन पोखरेल
- अब घामको सुत्ने पालो / सुमन पोखरेल