भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अंगिका सोहर गीत (प्रथम खण्ड)
Kavita Kosh से
- जुआवा खेलैतै तोहे पिअबा छेका, कि मोरा राजा छेका हे / अंगिका लोकगीत
- धनि धनि राजा दशरथ, धनि रे कोसलया रानी हे / अंगिका लोकगीत
- अँगना जे नीपल ओसरवा लागी ठाढ़ भेलै हे / अंगिका लोकगीत
- भोर भेलै पोह फाटलै, चिरैया एक बोलै हे / अंगिका लोकगीत
- पिया हे, सपना सपनैलै झुनझुनमा मोहि आनि देहाॅे हे / अंगिका लोकगीत
- लटकल देखलौं सोपरिया, पसरल नवरँगिया नै हे / अंगिका लोकगीत
- बान्हल केस फूजिये गेलै, पसीना चूबी गेलै रे / अंगिका लोकगीत
- सभवा बैठलै तोहे पियवा, कि तोहि मोरा हितबन रे / अंगिका लोकगीत
- रजबा जे चललै कचहरिया, त रनियाँ दुपट्टा धैलै हो / अंगिका लोकगीत
- किनका बारी फूललै बहेरबा फुलबा, औरो चमेलिया फुलबा हे / अंगिका लोकगीत
- परभु मोरा बसै बिदेस, कि दूर देस बसै नै रे / अंगिका लोकगीत
- सुपती खेलैतै तोहे ननदो छिकी, कि तोहे मोरी ननदो नै हे / अंगिका लोकगीत
- अँग मोरा काँपैे गहन जकताँ, डँरवा चिल्हिकि मारै हे / अंगिका लोकगीत
- गोरी बेटी अँगहुँ के पातर, अँखिया मिरिग मारै हे / अंगिका लोकगीत
- अजी, सासु, सासु पुकारै, सासु नै बोलै जी / अंगिका लोकगीत
- केबरा धै धानि ठुनुकै, माय बाप सुमिरै रे / अंगिका लोकगीत
- आहे केबड़ा लागल धनि अटरियो रुनुकि झुनुकि बोलै हे / अंगिका लोकगीत
- उठले दरदिया जियरा, बाउर मोर हे ननदी / अंगिका लोकगीत
- एक धनि अँगवा के पातरि, दोसरे गरभ छथि हे / अंगिका लोकगीत
- सासु जे सुतल कोठा पर, ननद कोठलिया हे / अंगिका लोकगीत
- चौकठ सोभलय चनन केरा, मछरी रेहुआ सोभै हो / अंगिका लोकगीत
- कथि लेली देव दिआवन, भगती अराधल रे / अंगिका लोकगीत
- बरिअहि रोपले धतुर फूल, औरो ओरहुल फूल रे / अंगिका लोकगीत
- धीरहि धीरहि ऐलै चैकठिया धरि ठाढ़ि, केबड़िया धरि ठाढ़ि हे / अंगिका लोकगीत
- कौने वने उपजल नरियर, कौने वन केसर हे / अंगिका लोकगीत
- किनकर ऊँची ऊँची महलिया, जरै मानिक दीप हे / अंगिका लोकगीत
- कथि लेॅ बाबा बियाह कैलै, सैयाँ घर भेज देलोह हो लाल / अंगिका लोकगीत
- कौने मासे मेघ गरजिये गेलै, बूँद बरसिये गेलै हे / अंगिका लोकगीत
- कौन मासे बिजुली चमकि गेलै, कौने मासे बूँद बरिसै हे / अंगिका लोकगीत
- घर के बाहर भेली सुन्दरी, लट छिटकावैत हे / अंगिका लोकगीत
- बैसाखे मासे राजा गौनमा कैलकै ललना / अंगिका लोकगीत
- अपना महलिया से चलली सुदरी, ओसारा लागि ठाढ़ भेलै हो / अंगिका लोकगीत
- कौने लगावल बाग बगिचवा, ललना कौने लगावल / अंगिका लोकगीत
- नीपी लेलौ पोती लेलौ मंदिरवा, त चारु ओर चिटकैलै हे / अंगिका लोकगीत
- मचिया बैठली तोहे धानि, धानि सुकुमारी जी / अंगिका लोकगीत
- सोने के खराम पर जदुनदन, अँगनमा पैर घालल हो / अंगिका लोकगीत
- दुअरे से आबै सीरी रामचंदर, अँगनमा बीच ठाढ़ भेलै हे / अंगिका लोकगीत
- असिआ कोस से ननदिया ऐलै हे, कि देहरिया बैठलै हे / अंगिका लोकगीत
- परथम मास जब चढ़ल, देवता मनाबल रे / अंगिका लोकगीत
- जहि देश सोनमा ससत भेलै, रुपया महँग भेलै हे / अंगिका लोकगीत
- रुपया से सोनमा ससता भेलै ललना / अंगिका लोकगीत
- घर पिछुअरबा चमरवा भैया, चमरवा भैया हितबा हो लाल / अंगिका लोकगीत
- किनका ऐँगना बाजै बजनिया, ढोल बजनिया रे / अंगिका लोकगीत
- आँगन निपब गहागही, माड़ब छारब रे / अंगिका लोकगीत
- सोना के खड़मुआ, से झुनकि लागल हे / अंगिका लोकगीत
- आँगन निपल गहागही, मड़बा छराबल हे / अंगिका लोकगीत
- कहमा से ऐलै सिनौरबा, सिनौरबा भरल सेनुर हे / अंगिका लोकगीत