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| एमिली डिकिंसन की कविताएँ | |
| रचनाकार: | एमिली डिकिंसन | 
| अनुवादक: | क्रांति | 
| प्रकाशक: | पश्चिमांचल प्रकाशन, अहमदाबाद, गुजरात, भारत । | 
| वर्ष: | 2000 | 
| मूल भाषा: | अँग्रेज़ी | 
| विषय: | -- | 
| शैली: | -- | 
| पृष्ठ संख्या: | 96 | 
| ISBN: | 81-87302-77-1 | 
| विविध: | मूल अँग्रेज़ी भाषा से अनूदित | 
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 इस पन्ने पर दी गयी रचनाओं को विश्व भर के योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गयी प्रकाशक संबंधी जानकारी प्रिंटेड पुस्तक खरीदने में आपकी सहायता के लिये दी गयी है।  | |
- "सुबह" क्या सचमुच होगी ? / एमिली डिकिंसन
 - यह जाने बिना कि सूर्योदय कब होगा / एमिली डिकिंसन
 - कुछ लोग कहते हैं / एमिली डिकिंसन
 - ये अपिरिचित, विदेशी भूमि पर / एमिली डिकिंसन
 - ओ मृत्यु, सलाखें नीचे डाल दो / एमिली डिकिंसन
 - यदि मैं किसी ह्रदय को टूटने से बचा सकी तो / एमिली डिकिंसन
 - मेरे देश- और दूसरों के बीच / एमिली डिकिंसन
 - ह्रदय ! आज की रात ! / एमिली डिकिंसन
 - एक दूसरा आकाश है / एमिली डिकिंसन
 - वह छोटी नाव थी / एमिली डिकिंसन
 - हमारे हिस्से की रात / एमिली डिकिंसन
 - उसका वक्ष मोतियों के योग्य है / एमिली डिकिंसन
 - यह कैसी सराय है / एमिली डिकिंसन
 - पानी, प्यास से सिखाया जाता है / एमिली डिकिंसन
 - मुझे सूर्यास्त प्याले में ला दो / एमिली डिकिंसन
 - तुम्हारे छोटे-से ह्रदय में एक झरना है / एमिली डिकिंसन
 - क्यों- उन्होंने मुझे स्वर्ग के भीतर नहीं आने दिया / एमिली डिकिंसन
 - आज- मैं एक मुस्कान खरीदने आई हूँ / एमिली डिकिंसन
 - मेरा तर्क है ,पृथ्वी छोटी है / एमिली डिकिंसन
 - मर रही हूँ । रात मे मर रही हूँ ! / एमिली डिकिंसन