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'अना' क़ासमी से जुड़े हुए पृष्ठ
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नीचे दिये हुए पृष्ठ 'अना' क़ासमी से जुडते हैं:
देखें (पिछले 50 | अगले 50) (20 | 50 | 100 | 250 | 500)- कब नहीं खूने जिगर छिड़का तिरे उनवान पर / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- एक जानिब से कहां होती हैं सारी ग़लतियाँ / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- कौन बातों में आता है पगले / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- किया है शायरी का शौक़ फिर क्या यार शरमाना / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- मिरी तबाही का वो ही इरादा रखते हैं / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- आँखों में पढ़ रहा है मुहब्बत के बाब को / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- रमूज़े-रंग खुशबू की ज़बां को कौन समझेगा / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- गुल जो दामन में समेटे हैं शरर देख लिया / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- क़तअ़ात / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- उस शख़्स की अजीब थीं जादू बयानियाँ / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- ये जुमला बहुत पहुंचे फ़क़ीरों से कहा है / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- शहरे दिल हो के क़रिया-ए-जां हो / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- ये भयानक सियाह रात निकाल / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- उसकी रहमत का इक सहाब उतरे / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- अश्क़ इतने हमने पाले आँख में / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- मीठी सी चुभन/ 'अना' कासमी (← कड़ियाँ)
- उस क़ादरे-मुतलक़ से बग़ावत भी बहुत की / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- हमारे बस का नहीं है मौला ये रोज़े महशर हिसाब देना / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- उससे कहना कि कमाई के न चक्कर में रहे / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- हारे थके परिन्दों से कहती है शाम कुछ / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- वो अभी पूरा नहीं था हां मगर अच्छा लगा / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- तेरी इन आंखों के इशारे पागल हैं / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- फिर खिलखिला उठा किसी नादान की तरह / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- कैसा रिश्ता है इस मकान के साथ / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- अक्सर मिलना ऐसा हुआ बस / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- उसको नम्बर देके मेरी और उलझन बढ़ गई / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- उन निगाहों का मोरचा टूटा / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- बर्थ पर लेट के हम सो गये आसानी से / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- कोई नहीं किसी का सुनो इस जहान में / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- है वक़्त कम औ लम्बा सफ़र भागते रहो / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- कम लोग हैं जो सच्ची इबादत में लगे हैं / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- जो जैसे थे वो वैसे ही सरे महशर निकल आये / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- शाम से पहले अगर तुमको चला जाना था / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- देखा मुझे तो शर्म से मुस्का के रह गया / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- गर्मियों की यह तपिश भी चाँदनी हो जायेगी / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- जो ज़बां से लगती है वो कभी नहीं जाती / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- पैसा तो खुशामद में, मेरे यार बहुत है / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- कुछ चलेगा जनाब, कुछ भी नहीं / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- वो एकता थी कि थोड़ा बहुत तज़ाद भी था / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- अपने पुरखों की शान देखो तो / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- आराइशे-खुर्शीदो-क़मर किसके लिए है / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- सारे जहाँ को अब तो ख़बर है और आप हैं / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- ये शबे-अख़्तरो-क़मर चुप है / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- फ़न तलाशे है दहकते हुए जज़्बात का रंग / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- ग़ज़ल तुमको सुनाना चाहता हूं / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- छू जाये दिल को ऐसा कोई फ़न अभी कहाँ / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- ये मक़ामे इश्क है कौन सा, कि मिज़ाज सारे बदल गये / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- शौक़े-परवाज़ न बिखरे हुये पर में रखना / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)
- भूमिका / डॉ. दिनेश कुशवाह (← कड़ियाँ)
- वैसे तो तुम्हें छोड़ के मय पी ही नहीं है / ‘अना’ क़ासमी (← कड़ियाँ)