भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"पाल ले इक रोग नादाँ / गौतम राजऋषि" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
पंक्ति 86: पंक्ति 86:
 
* [[प्रस्ताव अनुमोदित हुआ / गौतम राजरिशी]]
 
* [[प्रस्ताव अनुमोदित हुआ / गौतम राजरिशी]]
 
* [[बुढ़ाते ख़्वाब के होठों पे है जो क़ैद इक सिसकी / गौतम राजरिशी]]
 
* [[बुढ़ाते ख़्वाब के होठों पे है जो क़ैद इक सिसकी / गौतम राजरिशी]]
 +
* [[एक ग़ज़ल है बनने को / गौतम राजरिशी]]
 +
* [[ख़्वाब जो भी बुना वो बुना रह गया / गौतम राजरिशी]]
 +
* [[उठी जब हूक कोई मौसमों की आवाजाही से / गौतम राजरिशी]]
 +
* [[कहने को कह तो दूँ कि मुहब्बत नहीं मुझे / गौतम राजरिशी]]
 +
* [[है मुस्कुराता फूल कैसे तितलियों से पूछ लो / गौतम राजरिशी]]
 +
* [[यूँ उट्ठी यादों की पलटन दिल में आज अचानक से / गौतम राजरिशी]]
 +
* [[ख़बर मिली है जबसे ये कि उनको हमसे प्यार है / गौतम राजरिशी]]
 +
* [[इक ज़िद्दी सा ठिठका लम्हा यादों के चौबारे में / गौतम राजरिशी]]
 +
* [[जब तौलिये से कसमसाकर ज़ुल्फ़ उसकी खुल गई / गौतम राजरिशी]]
 +
* [[ख़्वाब की थी आँच कैसी नींद जलती रह गई / गौतम राजरिशी]]
 +
* [[जो धुन निकली हवा की सिंफनी से / गौतम राजरिशी]]
 +
* [[पूछे तो कोई जाकर ये कुनबों के सरदारों से / गौतम राजरिशी]]
 +
* [[दूर क्षितिज पर सूरज चमका सुबह खड़ी है आने को / गौतम राजरिशी]]
 +
* [[कुछ करवटों के सिलसिले इक रतजगा ठिठका हुआ / गौतम राजरिशी]]
 +
* [[करवट बदल-बदल के ही आँखों में ही सही / गौतम राजरिशी]]
 +
* [[तू जब से अल्लादिन हुआ / गौतम राजरिशी]]
 +
* [[तू दौड़ता है बन कर मेरा लहू नसों में / गौतम राजरिशी]]
 +
* [[न समझो बुझ चुकी है आग गर शोला न दिखता है / गौतम राजरिशी]]
 +
* [[तू जो मुझसे जुदा नहीं होता / गौतम राजरिशी]]
 +
* [[जबसे मुझको तूने छुआ है / गौतम राजरिशी]]
 +
* [[दूर यहाँ तस्वीर यही बस दिल में रोज़ निकलती है / गौतम राजरिशी]]
 +
* [[पाल ले इक रोग नादाँ ज़िंदगी के वास्ते / गौतम राजरिशी]]

21:23, 26 फ़रवरी 2016 का अवतरण

पाल ले इक रोग नादाँ
Paal-le-ik-rog-nadan-kavitakosh.jpg
रचनाकार गौतम राजरिशी
प्रकाशक शिवना प्रकाशन, सीहोर-466001
वर्ष 2015
भाषा हिन्दी
विषय ग़ज़लें
विधा ग़ज़ल
पृष्ठ 120
ISBN 978-93-81520-07-9
विविध मुल्क की समस्त साहित्यिक पत्रिकाओं हंस,कादंबिनी,वागर्थ,कथादेश,आजकल,अहा ज़िंदगी,लफ़्ज़,अलाव वगैरह में ग़ज़लों का नियमित प्रकाशन
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।

दो भूमिकाएँ

ग़ज़लें