भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बोली तूं सुरतां / प्रमोद कुमार शर्मा

Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:53, 27 जनवरी 2011 का अवतरण

यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बोली तूं सुरतां
Bolitusurata.jpg
रचनाकार प्रमोद कुमार शर्मा
प्रकाशक बोधी प्रकाशन, जयपुर
वर्ष अप्रैल, 2005
भाषा राजस्थानी
विषय कविता
विधा
पृष्ठ 80
ISBN 81-87697-73-3
विविध काव्य
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।