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श्रेणी:कृष्ण
चर्चा
.
"कृष्ण" श्रेणी में पृष्ठ
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अ
अति सूख सुरत किये / सूरदास
अद्भुत एक अनुपम बाग / सूरदास
अब कै माधव, मोहिं उधारि / सूरदास
अब हों नाच्यौ बहुत गोपाल / सूरदास
अभिनव कोमल सुन्दर पात / विद्यापति
अभिनव पल्लव बइसंक देल / विद्यापति
अम्बर बदन झपाबह गोरि / विद्यापति
अरी तुम कोन हो री बन में फूलवा बीनन हारी / सूरदास
आ
आइ ब्रज-पथ रथ ऊधौ कौं चढ़ाइ कान्ह / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’
आओ मनमोहना जी जोऊं थांरी बाट / मीराबाई
आगे गाय पाछें गाय इत गाय उत गाय / छीतस्वामी
आजु दिन कान्ह आगमन के बधाए सुनि / पद्माकर
आजु नंद के द्वारैं भीर / सूरदास
आजु मैं गाइ चरावन जैहौं / सूरदास
आवत है वन ते मनमोहन / रसखान
आवहु, कान्ह, साँझ की बेरिया / सूरदास
उ
उधो मनकी मनमें रही / सूरदास
ऐ
ऐसे भक्ति मोहे भावे उद्धवजी / सूरदास
ऐसे संतनकी सेवा / सूरदास
ऐसो पूत देवकी जायो / सूरदास
औ
औरन सों खेले धमार / सूरदास
क
कठण थयां रे माधव मथुरां जाई / मीराबाई
कत हो कान्ह काहु कैं जात / सूरदास
कनक रति मनि पालनौ, गढ्यो काम सुतहार / सूरदास
कन्हैया हालरू रे / सूरदास
कभी राम बनके कभी श्याम बनके / भजन
कमल-दल नैननि की उनमानि / रहीम
कमलापती भगवान / सूरदास
कर कानन कुंडल मोरपखा / रसखान
करत कान्ह ब्रज-घरनि अचगरी / सूरदास
करहु कलेऊ कान्ह पियारे / सूरदास
कहत नंद जसुमति सौं बात / सूरदास
कहन लागे मोहन मैया मैया / सूरदास
काँधे कान्ह कमरिया कारी, लकुट लिए कर घेरै हो / सूरदास
काना कुबजा संग रिझोरे / सूरदास
कान्ह की बाँकी चितौनि चुभी झुकि / अज्ञात कवि (रीतिकाल)
कान्ह की बाँकी चितौनी चुभी / मुबारक
कान्ह चलत पग द्वै-द्वै धरनी / सूरदास
कान्ह भये बस बाँसुरी के / रसखान
कान्ह सौं आवत क्यौऽब रिसात / सूरदास
कान्ह हेरल छल मन बड़ साध / विद्यापति
कान्हा कानरीया पेहरीरे / मीराबाई
कान्हा बनसरी बजाय गिरधारी / मीराबाई
कान्हा बरसाने में आय जैयो / ब्रजभाषा
कायकूं बहार परी / सूरदास
काहू जोगीकी नजर लागी है / सूरदास
कि कहब हे सखि रातुक / विद्यापति
किलकत कान्ह घुटुरुवनि आवत / सूरदास
कुंज भवन सएँ निकसलि / विद्यापति
कुंजबनमों गोपाल राधे / मीराबाई
कुच-जुग अंकुर उतपत् भेल / विद्यापति
कृष्ण / मंजुला सक्सेना
कृष्ण / विष्णु विराट
कृष्ण करो जजमान / मीराबाई
कृष्ण दर्शन / सूरदास
कृष्ण-जन्म / सूरदास
केत्ते गये जखमार भजनबिना / सूरदास
कोण गती ब्रिजनाथ / सूरदास
क्यौरे निंदभर सोया मुसाफर / सूरदास
ख
खीझत जात माखन खात / सूरदास
खेलत कान्ह चले ग्वालनि सँग / सूरदास
खेलत फाग सुहाग भरी / रसखान
खेलन अब मेरी जाइ बलैया / सूरदास
खेलन दूरि जात कत कान्हा / सूरदास
खेलिया आंगनमें छगन मगन / सूरदास
ग
गारुड़ी कृष्ण / सूरदास
गोकुल की गैल, गैल गैल ग्वालिन की / जगन्नाथदास 'रत्नाकर'
ग आगे.
गोकुल की गैल-गैल गोप ग्वालिन कौ / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’
गोकुल प्रगट भए हरि आइ / सूरदास
गोद खिलावति कान्ह सुनी, बड़भागिनि हो नँदरानी / सूरदास
गोपाल राधे कृष्ण गोविंद / मीराबाई
गोपी, ग्वाल, नंद, जसुदा सौं तौं विदा ह्वै उठे / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’
गोविन्द आज तुम नहीं हो / त्रिलोचन
ग्वाल सखा कर जोरि कहत हैं / सूरदास
ग्वालिन मेरी गेंद चुराई / सूरदास
च
चलत स्यामघन राजत, बाजति पैंजनि पग-पग चारु मनोहर / सूरदास
चली ब्रज घर घरनि यह बात / सूरदास
चली ब्रज घर-घरनि यह बात / सूरदास
चले बन धेनु चारन कान्ह / सूरदास
चले सब गाइ चरावन ग्वाल / सूरदास
चानन भेल विषम सर रे / विद्यापति
चिरजीयो होरी को रसिया चिरजीयो / सूरदास
चोरी मोरी गेंदया / सूरदास
छ
छगन मगन प्यारे लाल कीजिये कलेवा / सूरदास
छबि आवन मोहनलाल की / रहीम
छापक पेड़ छिउलिया,त पतवन धन बन हो
छोटी छोटी गैयाँ, छोटे छोटे ग्वाल / भजन
छोटे से मोरे मदन गोपाल (लोरी) / बुन्देली
ज
जननि मथति दधि, दुहत कन्हाई / सूरदास
जनम सब बातनमें बित गयोरे / सूरदास
जबतें कुबर कान्ह रावरी / देव
जमुनाके तीर बन्सरी बजावे कानो / सूरदास
जय जय श्री बालमुकुंदा / सूरदास
जयजय नारायण ब्रह्मपरायण / सूरदास
जसुमति कहति कान्ह मेरे प्यारे / सूरदास
जाइत पेखलि नहायलि गोरी / विद्यापति
जागिये ब्रजराज कुंवर / सूरदास
जागियै गोपाल लाल, प्रगट भई अंसु-माल / सूरदास
जागो पीतम प्यारा लाल / सूरदास
जेंवत कान्ह नंद इकठौरे / सूरदास
जो तुम सुनहु जसोदा गोरी / सूरदास
त
तनक दै री माइ, माखन तनक दै री माइ / सूरदास
तबमें जानकीनाथ कहो / सूरदास
तारा विना श्याम मने एकलडु लागे / गुजराती लोक गरबा
तिहारो दरस मोहे भावे श्री यमुना जी / सूरदास
तुम कत गाइ चरावन जात / सूरदास
तुम जागौ मेरे लाड़िले, गोकुल -सुखदाई / सूरदास
तुम तो श्याम बड़े बेख़बर हो / खड़ी बोली
तुमको कमलनयन कबी गलत / सूरदास
तोती मैना राधे कृष्ण बोल / मीराबाई
द
दरसन बिना तरसत मोरी अखियां / सूरदास
दृढ इन चरण कैरो भरोसो, दृढ इन चरणन कैरो / सूरदास
देख देख एक बाला जोगी / सूरदास
देखत नंद कान्ह अति सोवत / सूरदास
देखे मैं छबी आज अति बिचित्र हरिकी / सूरदास
देखो ऐसो हरी सुभाव / सूरदास
देखो माई ये बडभागी मोर / सूरदास
देखो माई हलधर गिरधर जोरी / सूरदास
देखो री हरि भोजन खात / सूरदास
देखौ माई कान्ह हिलकियनि रोवै / सूरदास
दै री मैया दोहनी, दुहिहौं मैं गैया / सूरदास
दोउ भैया मांगत मैया पें देरी मैया दधि माखन रोटी / सूरदास
द्रुम चढ़ि काहे न टेरौ कान्हा, गैयाँ दूरि गई / सूरदास
ध
धनि गोबिंद जो गोकुल आए / सूरदास
धनि जसुमति बड़भागिनी, लिए कान्ह खिलावै / सूरदास
धूरि भरे अति सोहत स्याम जू / रसखान
धेनु दुहत हरि देखत ग्वालनि / सूरदास
न
नंद जू के बारे कान्ह, छाँड़ि दै मथनियाँ / सूरदास
नंद दुवारे एक जोगी आयो / सूरदास
नंद महर के भावते, जागौ मेरे बारे / सूरदास
नंदहि कहति जसोदा रानी / सूरदास
नन्द ते भाबो रल मिल बेठियाँ ते / पंजाबी
नन्दनक नन्दन कदम्बक / विद्यापति
नाच्यो बहुत गोपाल / भजन
न आगे.
नाम महिमा ऐसी जु जानो / सूरदास
नारी दूरत बयाना रतनारे / सूरदास
निरधनको धनि राम / सूरदास
नेक चलो नंदरानी उहां लगी / सूरदास
नेननमें लागि रहै गोपाळ / सूरदास
नैन भरि देखौ गोकुल-चंद / भारतेंदु हरिश्चंद्र
नैन लख्यो जब कुंजन तैं / रसखान
प
पलना झूलौ मेरे लाल पियारे / सूरदास
पलना स्याम झुलावत जननी / सूरदास
पवित्रा पहरत हे अनगिनती / सूरदास
पवित्रा पहरे को दिन आयो / सूरदास
पवित्रा श्री विट्ठलेश पहरावे / सूरदास
पहरे पवित्रा बैठे हिंडोरे दोऊ निरखत नेन सिराने / सूरदास
पालनैं गोपाल झुलावैं / सूरदास
प्रात समय नवकुंज महल / सूरदास
फ
फल फलित होय फलरूप जाने / सूरदास
फिर कोई कृष्ण सा ग्वाला हो / राजेश चड्ढा
फुलनको महल फुलनकी सज्या / सूरदास
ब
बड़ा नटखट है रे / भजन
बड़ी मान लीला / सूरदास
बाँसुरी कृष्ण की / अवतार एनगिल
बासरी बजाय आज रंगसो मुरारी / सूरदास
बेर बेर नही आवे अवसर / सूरदास
बोले माई गोवर्धन पर मुरवा / सूरदास
ब्रज भयौ महर कैं पूत, जब यह बात सुनी / सूरदास
भ
भक्त को सुगम श्री यमुने अगम ओरें / सूरदास
भगवान श्रीकृष्ण / मन्नन द्विवेदी गजपुरी
भोर भये जागे गिरिधारी / भारतेंदु हरिश्चंद्र
म
मधुरीसी बेन बजायके / सूरदास
मन तोये भुले भक्ति बिसारी / सूरदास
मनमोहन गिरिवरधारी / मीराबाई
मलार मठा खींच को लोंदा / सूरदास
महाराज भवानी ब्रह्म भुवनकी रानी / सूरदास
माखन चोर , नन्द किशोर / भजन
माखन-चोरी / सूरदास
माधव ई नहि उचित विचार / विद्यापति
माधव कत तोर करब बड़ाई / सूरदास
माधव दिवाने हाव-भाव / माखनलाल चतुर्वेदी
माधव! मो समान जग माहीं / तुलसीदास
माधव, मोह-पास क्यों छूटै / तुलसीदास
मिली जुली गावे के बधैया, बधैया गाव सोहर हो
मीरा के प्रभु गिरधर नागर / मीराबाई
मुकुन्द माधव गोविन्द / भजन
मुरली कुंजनीनी कुंजनी बाजती / सूरदास
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई / मीराबाई
मेरो कान्ह कमलदललोचन / सूरदास
मैं गिरधर रंग-राती, सैयां मैं / मीराबाई
मैया कबहुं बढ़ैगी चोटी / सूरदास
मैया मोहिं दाऊ बहुत खिझायो / सूरदास
मैया! मैं नहिं माखन खायो / सूरदास
मो मन गिरिधर छबि पै अटक्यो / कृष्णदास
मो मन बसौ श्यामा-श्याम / गोविन्द
मोहन, मानि मनायौ मेरौ / सूरदास
र
रसिक सीर भो हेरी लगावत / सूरदास
रात यदि श्याम नहीं आये थे / गुलाब खंडेलवाल
राधा कृष्ण मिलन / सूरदास
राधा प्यारी कह्यो सखिन सों सांझी धरोरी माई / सूरदास
राधा-कृष्ण / सूरदास
राधे कृष्ण कहो मेरे प्यारे / सूरदास
राधे जू आज बन्यो है वसंत / सूरदास
रानी तेरो चिरजीयो गोपाल / सूरदास
रुक्मिनी कृष्ण संवाद / सूरदास
रैन जागी पिया संग / सूरदास
व
वृंदावन एक पलक जो रहिये / सूरदास
व्रज में हरि होरी मचाई / सूरदास
व्रजमंडल आनंद भयो प्रगटे श्री मोहन लाल / सूरदास
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