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गुले-तर / मख़दूम मोहिउद्दीन
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गुले-तर
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रचनाकार | मख़दूम मोहिउद्दीन |
---|---|
प्रकाशक | |
वर्ष | |
भाषा | हिन्दी-उर्दू |
विषय | शायरी |
विधा | ग़ज़लें, नज़्में |
पृष्ठ | |
ISBN | |
विविध |
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- क़ैद / मख़दूम मोहिउद्दीन
- नया चीन / मख़दूम मोहिउद्दीन
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- तेरे दीवाने तेरी चश्म-ओ-नज़र से पहले / मख़दूम मोहिउद्दीन
- दराज़ है शबे-ग़म, सोज़-ओ-साज़ साथ रहे / मख़दूम मोहिउद्दीन
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- फिर बुला भेजा है फूलों ने गुलिस्तानों से / मख़दूम मोहिउद्दीन
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- जाने ग़ज़ल / मख़दूम मोहिउद्दीन
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- रोशन है बज़्मे शोला रुखाँ देखते चलें / मख़दूम मोहिउद्दीन
- बढ़ गया बादा-ए-गुलगूँ का मज़ा आखिरे शब / मख़दूम मोहिउद्दीन
- वो जो छुप जाते थे काबों में सनमख़ानों में / मख़दूम मोहिउद्दीन
- फिर छिड़ी रात बात फूलों की / मख़दूम मोहिउद्दीन
- उसी अदा से उसी बाँकपन के साथ आओ / मख़दूम मोहिउद्दीन
- तुम गुलिस्ताँ से गए हो तो गुलिस्ताँ चुप है / मख़दूम मोहिउद्दीन
- आप की याद आती रही रात भर / मख़दूम मोहिउद्दीन
- इश्क़ के शोलों को भड़काओ के कुछ रात कटे / मख़दूम मोहिउद्दीन
- ज़िन्दगी मोतियों की ढलकती लड़ी / मख़दूम मोहिउद्दीन
- कुछ फूल सरे सहने चमन खिल तो रहे हैं / मख़दूम मोहिउद्दीन
- फूल खिलते ही रहे, कलियाँ छटकती ही रहीं / मख़दूम मोहिउद्दीन
- फ़ासले / मख़दूम मोहिउद्दीन
- एहसास की रात / मख़दूम मोहिउद्दीन
- चुप न रहो / मख़दूम मोहिउद्दीन
- क़तअ / मख़दूम मोहिउद्दीन
- गगारिन / मख़दूम मोहिउद्दीन
- हम दोनों / मख़दूम मोहिउद्दीन
- सन्नाटा / मख़दूम मोहिउद्दीन
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- ख़्वाहिशें / मख़दूम मोहिउद्दीन
- विसाल / मख़दूम मोहिउद्दीन
- अभी न रात के गेसू खुले न दिल महका / मख़दूम मोहिउद्दीन
- नेहरू / मख़दूम मोहिउद्दीन
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