मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
जन्म | 01 अप्रैल 1936 |
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जन्म स्थान | खांडवा, मध्य प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
पानी की ज़ुबां (1967) | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
मुज़फ़्फ़र हनफ़ी / परिचय |
ग़ज़लें
- रेत आँखों में इतनी है कि रो भी नहीं सकता / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- हमारे घर में कभी सायबान पड़ता नहीं / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- बशर के हाथ मताए-अज़ीज़ आई है / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- दरिया उथले पानी में क्या करते हैं / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- मज़े से गिन सितारे छत न हो तो / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- हर तरफ़ रेत न थी राह में दरिया थे कई / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- बशर के हाथ मताए-अज़ीज़ आई है / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- ख़बर मिली है कि दरिया भँवर बनाता है / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- वो गुलदस्तों में अशआर लगाता है / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- यहाँ ज़मीं है वहाँ आसमाँ भी पड़ता है / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- मियाँ यही है निज़ामे-हस्ती चलो यहाँ से / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- ज़ह्न में लावा सा पकता है कुछ / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- प्यार शबनम की बूँदें जताती रहीं / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- ज़ख़्मों का आलम अँगूरी जैसा कुछ / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- गिरहबाज़ जो था वो पर बंद है / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- तारों के चले तीर लगातार हमीं पर / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- झिलमिलाते हैं सितारे आसमाँ के जाल में / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- इक आबशार था मुझको बहाने वाला था / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- पैग़ामे-सबा दिल से ग़म दूर करे हैगा / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- दामन फैलाने से पहले वो भी बह निकला / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- जब दरवाज़ा वा होगा / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- तशवीश और ज़ियाँ के पहलू अर्ज़े-हुनर में साफ़ / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- पा-बा-ज़ंजीर हैं बेबाक़ सदाएँ कैसी / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- पता देंगे नकूशे-पा न छोड़ो / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- मरना बरहक़ है जब छुपकर तीर चलाए तू / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- मैं चराग़े-सहर टिमटिमाता हुआ / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- क़ारोबारे-शौक़ मंदा चल रहा है / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- इक दश्ते-ख़तर में आ गए हम / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- इतनी नोकीली किरनों में हर पौधा जल जाएगा / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- सुना है इस त्रफ़ इक वादिए-पुरख़ार आती है / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- क़तरे ख़ूँ के दीदा-ए-तर में क्या करते / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- फूल काँटे बिना तो निकलता नहीं / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- हम ग़रीबों पे जितने सितम ढाएँगे / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- लायक़े-दीद वो नज़ारा था / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- यह चमक ज़ख़्मे-सर से आई है / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- कौन हमारा सर काटेगा / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- डुबो कर ख़ून में लफ़्ज़ों को अंगारे बनाता हूँ / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- कुछ न कुछ आँख के महवर से निकल आएगा / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- जब चाहा तलवार समझकर मुझको इस्तेमाल किया / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- फिर बर्फ़ की चोटी से उगी आग मिरे भाई / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- मौला ख़ुश्क आँखें तर कर दे / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- झरना बने हुए हो कोई तुम से क्या मिले / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- ख़ुदी अच्छी मगर उसका नतीजा / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- ज़ुरूरत तलबगार पर चढ़ गई / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- इक आबशार था मुझको बहाने वाला था / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- बशर के हाथ मता-ए-अज़ीज़ आई है / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- ज़ालिम से टक्कर लेने में आनाकानी मत करना / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- तेरे सुलूक से होकर खफ़ा चली भी गई / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- हमारी सादगी में कोई पुरकारी नहीं होगी / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- जहाँ कोई भली सूरत नज़र में बैठ जाती है / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- होने लगी है अब तो ग़ज़ल बात बात पर / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- उन से ताज़ा शेर होंगे नित नए मज़मून के / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- जो हमारा खून पीने आये थे / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- दिल पर सीकल भी नहीं गर्दे कदूरत ही नहीं / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- मुसलसल झिलमिलाता है के अब होने ही वाला है / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- घटाते क्यूँ हो मेरा क़द मेरी आवाज़ नक़ादू / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- अब इतना बुर्द बार न बन मेरे साथ आ / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- रास्ते में ना हो जाए शाम चलना है तो आ / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- वो गुलदस्तों में अशआर लगाता है / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- दरया को और कोई बहाना तो है नहीं / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- रंग नफरत का तेरे दिल से उतरता है कभी / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- दाग़ सीने के मेरे यार के देखे हुए हैं / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- शिकस्त उनकी हुई ना होगी के मोर्चो पर अड़े हुए थे / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- आग पर चलना पड़ा है तो कभी पानी पर / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- दश्ते ज़ुल्मत में भी इम्कान को ज़िंदा रखा / मुज़फ़्फ़र हनफ़ी