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रास्ता ये कहीं नही जाता / शीन काफ़ निज़ाम
Kavita Kosh से
रास्ता ये कहीं नही जाता
रचनाकार | शीन काफ़ निज़ाम |
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प्रकाशक | वाग्देवी प्रकाशन, बीकानेर-334001 |
वर्ष | 2010 |
भाषा | हिंदी |
विषय | |
विधा | ग़ज़ल |
पृष्ठ | 167 |
ISBN | 978-93-80441-00-9 |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- दरवाजा कोई घर से निकलने के लिए दें / शीन काफ़ निज़ाम
- वो गुनगुनाते रास्ते ख्वाबों के क्या हुये / शीन काफ़ निज़ाम
- बूंद बन बन के बिखरता जाये / शीन काफ़ निज़ाम
- और कुछ देर यूं ही शोर मचाये रखिये / शीन काफ़ निज़ाम
- फिर आशना-अजनबी-सा कोई उदास लम्हा / शीन काफ़ निज़ाम
- वही न मिलनें का गम और वही गिला होगा / शीन काफ़ निज़ाम
- नज़्रे-बानी / शीन काफ़ निज़ाम
- दम घुट रहा है रात दिन / शीन काफ़ निज़ाम
- जंगल से जलते बुझते नगर / शीन काफ़ निज़ाम
- ख़ाक भी हो गई खला अब के / शीन काफ़ निज़ाम
- फिर बोले सन्नाटे / शीन काफ़ निज़ाम
- मिरे खुश्क खेतों को बरसाद दे / शीन काफ़ निज़ाम
- जंगल के झरने / शीन काफ़ निज़ाम
- छिन कर वो लज्जते-सोतो-सदा ले जायेगा / शीन काफ़ निज़ाम
- चेहरो की चोरी करता है / शीन काफ़ निज़ाम
- उन में से बच रहे जो, हम है मियां / शीन काफ़ निज़ाम
- रास्ता ये कही नही जाता / शीन काफ़ निज़ाम
- पुरखों से जो मिली है, वो दौलत भी ले न जाय / शीन काफ़ निज़ाम
- मंज़िले ख़्वाब और सफर अब तक / शीन काफ़ निज़ाम
- गये दिनों की याद-सा वो फिर कहीं से आ गया / शीन काफ़ निज़ाम
- तुम्हें भी शहर के चौराहे पर सजा देंगें / शीन काफ़ निज़ाम
- बर्फ है रात, मगर यार पिघलती ही नही / शीन काफ़ निज़ाम
- झील के जजीरे लिख / शीन काफ़ निज़ाम
- ख़ुद हूं तमाशा ख़ुद ही तमाशाईयों में हूं / शीन काफ़ निज़ाम
- अब बामो-दर का सर्द बदन चाटती है धूप / शीन काफ़ निज़ाम
- कहता है अपने आप जो पैकरै-वफा / शीन काफ़ निज़ाम
- आज वो भी घर से बेघर हो गया / शीन काफ़ निज़ाम
- पत्थरो की नदी बह गई शहर में / शीन काफ़ निज़ाम
- किसी के साथ अब साया नही है / शीन काफ़ निज़ाम
- आज हर सम्त भागते है लोग / शीन काफ़ निज़ाम
- गम की नदी में उम्र का पानी / शीन काफ़ निज़ाम
- पहले जमीं बांटी थी फिर घर भी बंट गया / शीन काफ़ निज़ाम
- तेरा पता बताता हैं / शीन काफ़ निज़ाम
- / शीन काफ़ निज़ाम
- / शीन काफ़ निज़ाम
- / शीन काफ़ निज़ाम
- / शीन काफ़ निज़ाम
- / शीन काफ़ निज़ाम
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