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"निरुपमा, करना मुझको क्षमा‍ / रवीन्द्रनाथ ठाकुर" के अवतरणों में अंतर

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*  [[मैंने पाया उसे बार-बार / रवीन्द्रनाथ ठाकुर]]
 
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*  [[रखो मत अँधेरे में दो मुझे निरखने / रवीन्द्रनाथ ठाकुर]]
 
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21:27, 11 जून 2012 का अवतरण

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निरुपमा, करना मुझको क्षमा

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रचनाकार: रवीन्द्रनाथ ठाकुर
अनुवादक: प्रयाग शुक्ल
प्रकाशक: सस्ता साहित्य मंडल, एन-77, पहली मंज़िल, कनाट सर्कस, नई दिल्ली-110001
वर्ष: 2011
मूल भाषा: बंगला
विषय: --
शैली: --
पृष्ठ संख्या: 92
ISBN: 978-81-7309-596-2
विविध: रवीन्द्रनाथ ठाकुर के गीतों का हिन्दी अनुवाद है

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