भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"निरुपमा, करना मुझको क्षमा‍ / रवीन्द्रनाथ ठाकुर" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
पंक्ति 37: पंक्ति 37:
 
*  [[पथ का वह बंधु, बंधु वही तेरा है, बंधु वही तो / रवीन्द्रनाथ ठाकुर]]
 
*  [[पथ का वह बंधु, बंधु वही तेरा है, बंधु वही तो / रवीन्द्रनाथ ठाकुर]]
 
*  [[विपुल तरंग रे, विपुल तरंग रे / रवीन्द्रनाथ ठाकुर]]
 
*  [[विपुल तरंग रे, विपुल तरंग रे / रवीन्द्रनाथ ठाकुर]]
*  [[कह तो दो शेष कथा / रवीन्द्रनाथ ठाकुर]]
+
*  [[कह तो दो शेष कथा / रवीन्द्रनाथ ठाकुर / प्रयाग शुक्ल]]
*  [[मेरे अंग-अंग में बंसी कौन बजाए / रवीन्द्रनाथ ठाकुर]]
+
*  [[मेरे अंग-अंग में बंसी कौन बजाए / रवीन्द्रनाथ ठाकुर / प्रयाग शुक्ल]]
*  [[दो तो रहने मुझे अपने मन / रवीन्द्रनाथ ठाकुर]]
+
*  [[दो तो रहने मुझे अपने मन / रवीन्द्रनाथ ठाकुर / प्रयाग शुक्ल]]
*  [[सखी, खेल नहीं, यह खेल नहीं / रवीन्द्रनाथ ठाकुर]]
+
*  [[सखी, खेल नहीं, यह खेल नहीं / रवीन्द्रनाथ ठाकुर / प्रयाग शुक्ल]]
*  [[तिमिर से ढक कर अपना बदन / रवीन्द्रनाथ ठाकुर]]
+
*  [[तिमिर से ढक कर अपना बदन / रवीन्द्रनाथ ठाकुर / प्रयाग शुक्ल]]
*  [[सागर को पार कर, पूरब से आया है कौन / रवीन्द्रनाथ ठाकुर]]
+
*  [[सागर को पार कर, पूरब से आया है कौन / रवीन्द्रनाथ ठाकुर / प्रयाग शुक्ल]]
 
*  [[चुप-चुप रहना सखि / रवीन्द्रनाथ ठाकुर]]
 
*  [[चुप-चुप रहना सखि / रवीन्द्रनाथ ठाकुर]]
 
*  [[बजो, रे बंशी, बजो / रवीन्द्रनाथ ठाकुर]]
 
*  [[बजो, रे बंशी, बजो / रवीन्द्रनाथ ठाकुर]]
पंक्ति 58: पंक्ति 58:
 
*  [[खोलो यह तिमिर-द्वार / रवीन्द्रनाथ ठाकुर]]
 
*  [[खोलो यह तिमिर-द्वार / रवीन्द्रनाथ ठाकुर]]
 
*  [[मैंने पाया उसे बार-बार / रवीन्द्रनाथ ठाकुर]]
 
*  [[मैंने पाया उसे बार-बार / रवीन्द्रनाथ ठाकुर]]
*  [[जागो-जागो, ओ! दखिन हवा / रवीन्द्रनाथ ठाकुर]]
+
*  [[जागो-जागो, ओ! दखिन हवा / रवीन्द्रनाथ ठाकुर / प्रयाग शुक्ल]]
 
*  [[जो गए उन्हें जाने दो / रवीन्द्रनाथ ठाकुर]]
 
*  [[जो गए उन्हें जाने दो / रवीन्द्रनाथ ठाकुर]]
 
*  [[किसलय ने पाया क्या उसका संदेश / रवीन्द्रनाथ ठाकुर]]
 
*  [[किसलय ने पाया क्या उसका संदेश / रवीन्द्रनाथ ठाकुर]]

23:53, 7 मई 2022 का अवतरण

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: रवीन्द्रनाथ ठाकुर  » निरुपमा, करना मुझको क्षमा‍
निरुपमा, करना मुझको क्षमा

140px

रचनाकार: रवीन्द्रनाथ ठाकुर
अनुवादक: प्रयाग शुक्ल
प्रकाशक: सस्ता साहित्य मंडल, एन-77, पहली मंज़िल, कनाट सर्कस, नई दिल्ली-110001
वर्ष: 2011
मूल भाषा: बंगला
विषय: --
शैली: --
पृष्ठ संख्या: 92
ISBN: 978-81-7309-596-2
विविध: रवीन्द्रनाथ ठाकुर के गीतों का हिन्दी अनुवाद है

इस पन्ने पर दी गयी रचनाओं को विश्व भर के योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गयी प्रकाशक संबंधी जानकारी प्रिंटेड पुस्तक खरीदने में आपकी सहायता के लिये दी गयी है।