भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"खुली आँखों में सपना / परवीन शाकिर" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
पंक्ति 40: पंक्ति 40:
 
* [[बज उठे हवा के दफ़ वज्द में कली आई / परवीन शाकिर]]
 
* [[बज उठे हवा के दफ़ वज्द में कली आई / परवीन शाकिर]]
 
* [[पलकें न झपकनी थी कि गुफ़्तार अजब था  / परवीन शाकिर]]
 
* [[पलकें न झपकनी थी कि गुफ़्तार अजब था  / परवीन शाकिर]]
 +
* [[कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तिरा ख़याल भी  / परवीन शाकिर]]
 +
* [[यूँ हौसला दिन ने हारा कब था  / परवीन शाकिर]]
 +
* [[खुलेगी उस नज़र पे चश्म-ए-तर आहिस्ता-आहिस्ता  / परवीन शाकिर]]
 +
* [[अब भला छोड़ के घर क्या करते  / परवीन शाकिर]]
 +
* [[इक न इक रोज़ तो रुख़सत करता  / परवीन शाकिर]]
 +
* [[वक़्त के साथ अनासिर भी रहे साजिश में  / परवीन शाकिर]]
 +
* [[इक लम्हा तो पत्थर भी खूं रो जाए  / परवीन शाकिर]]
 +
* [[शायद उसने मुझको तन्हा देख लिया  / परवीन शाकिर]]
 +
* [[क्या करे मेरी मसीहाई भी करने वाला  / परवीन शाकिर]]
 +
* [[मोती हार पिरोये हुए  / परवीन शाकिर]]
 +
* [[दश्त-ओ-दरिया से गुज़रना  ही कि घर में रहना  / परवीन शाकिर]]
 +
* [[मैं हिज्र के अज़ाब से अनजान भी न थी  / परवीन शाकिर]]
 +
* [[आवाज़ के हमराह सरापा भी तो देखूं  / परवीन शाकिर]]
 +
* [[इक शख्स को सोचती रही मैं  / परवीन शाकिर]]
 +
* [[इश्क में भी मरना इतना आसान नहीं  / परवीन शाकिर]]
 +
* [[जो धूप में रहा न रवाना सफ़र पे था  / परवीन शाकिर]]
 +
* [[दुश्मन को हारने से बचाना अजीब था  / परवीन शाकिर]]
 +
* [[चिराग़ मांगते रहने का कुछ सबब भी नहीं  / परवीन शाकिर]]

18:11, 28 अगस्त 2009 का अवतरण

खुली आँखों में सपना
Khuli aankho.jpg
रचनाकार परवीन शाकिर
प्रकाशक डायमण्ड पॉकेट बुक्स, नई दिल्ली
वर्ष 2005
भाषा हिंदी
विषय
विधा ग़ज़ल
पृष्ठ 173
ISBN 81-288-0868-0
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।