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− | + | * [[जो बात है हद से बढ़ गयी है / फ़िराक़ गोरखपुरी]] | |
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+ | * [[ज़िन्दगी क्या है / फ़िराक़ गोरखपुरी]] | ||
+ | * [[खो के इक शख्स को / फ़िराक़ गोरखपुरी]] | ||
+ | * [[हमको तुमको फेर समय का / फ़िराक़ गोरखपुरी]] | ||
+ | * [[देखा हर एक शाख पे / फ़िराक़ गोरखपुरी]] | ||
+ | * [[जो दिलो-जिगर में उतर गई / फ़िराक़ गोरखपुरी]] | ||
+ | * [[अरे ख्वाबे मोहब्बत की / फ़िराक़ गोरखपुरी]] | ||
+ | * [[आधी रात को / फ़िराक़ गोरखपुरी]] | ||
+ | * [[धुँधलका / फ़िराक़ गोरखपुरी]] | ||
+ | * [[कुछ ग़में-जानां,कुछ ग़में-दौरां / फ़िराक़ गोरखपुरी]] | ||
+ | * [[दोहे / फ़िराक़ गोरखपुरी]] | ||
+ | * [[नई हुई फिर रस्म पुरानी / फ़िराक़ गोरखपुरी]] |
02:50, 11 जनवरी 2024 के समय का अवतरण
फ़िराक़ गोरखपुरी
www.kavitakosh.org/firaq
www.kavitakosh.org/firaq
जन्म | 28 अगस्त 1896 |
---|---|
निधन | 03 मार्च 1982 |
उपनाम | फ़िराक़ |
जन्म स्थान | गोरखपुर, उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
गुले-नग़मा, बज्में जिन्दगी रंगे-शायरी, सरगम | |
विविध | |
फ़िराक़ साहब का मूल नाम रघुपति सहाय था। उन्हें गुले-नग़मा के लिये 1969 में ज्ञानपीठ पुरस्कार पद्म भूषण सहित अनेक प्रतिष्ठित सम्मान और पुरस्कार से सम्मानित | |
जीवन परिचय | |
फ़िराक़ गोरखपुरी / परिचय | |
कविता कोश पता | |
www.kavitakosh.org/firaq |
संग्रह
रचनाएँ
- जो बात है हद से बढ़ गयी है / फ़िराक़ गोरखपुरी
- उमीदे-मर्ग कब तक / फ़िराक़ गोरखपुरी
- कुछ अशआर / फ़िराक़ गोरखपुरी
- ये माना ज़िन्दगी है चार दिन की / फ़िराक़ गोरखपुरी
- उस ज़ुल्फ़ की याद जब आने लगी / फ़िराक़ गोरखपुरी
- दयारे-गै़र में सोज़े-वतन की आँच न पूछ / फ़िराक़ गोरखपुरी
- कभी जब तेरी याद आ जाये है / फ़िराक़ गोरखपुरी
- ख़ुदनुमा होके निहाँ छुप के नुमायाँ होना / फ़िराक़ गोरखपुरी
- छिड़ गये साज़े-इश्क़ के गाने / फ़िराक़ गोरखपुरी
- होकर अयाँ वो ख़ुद को छुपाये हुए-से हैं / फ़िराक़ गोरखपुरी
- तुम्हीं ने बायसे-ग़म बारहा किया दरयाफ़्त / फ़िराक़ गोरखपुरी
- इस सुकूते फ़िज़ा में खो जाएं / फ़िराक़ गोरखपुरी
- तहों में दिल के जहां कोई वारदात हुई / फ़िराक़ गोरखपुरी
- मैं होशे-अनादिल हूँ मुश्किल है सँभल जाना / फ़िराक़ गोरखपुरी
- तमाम कैफ़ ख़मोशी तमाम नग़्म-ए-साज़ / फ़िराक़ गोरखपुरी
- निगाह-ए-नाज़ ने पर्दे उठाए हैं क्या क्या / फ़िराक़ गोरखपुरी
- कुछ इशारे थे जिन्हें दुनिया समझ बैठे थे हम / फ़िराक़ गोरखपुरी
- रस में डूबा हुआ लहराता बदन क्या कहना / फ़िराक़ गोरखपुरी
- सितारों से उलझता जा रहा हूँ / फ़िराक़ गोरखपुरी
- यह नर्म नर्म हवा झिलमिला रहे हैं चिराग़ / फ़िराक़ गोरखपुरी
- शाम-ए-ग़म कुछ उस निगाह-ए-नाज़ की बातें करो / फ़िराक़ गोरखपुरी
- ये माना ज़िन्दगी है चार दिन की / फ़िराक़ गोरखपुरी
- अब अक्सर चुप-चुप से रहे हैं / फ़िराक़ गोरखपुरी
- ऐ जज्बा-ए-निहां और कोई है कि वही है / फ़िराक़ गोरखपुरी
- बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं / फ़िराक़ गोरखपुरी
- ग़ैर क्या जानिये क्यों मुझको बुरा कहते हैं / फ़िराक़ गोरखपुरी
- जब नज़र आप की हो गई है / फ़िराक़ गोरखपुरी
- कभी पाबंदियों से छूट के भी दम घुटने लगता है / फ़िराक़ गोरखपुरी
- मौत इक गीत रात गाती थी / फ़िराक़ गोरखपुरी
- मुझको मारा है हर एक दर्द-ओ-दवा से पहले / फ़िराक़ गोरखपुरी
- रात आधी से ज्यादा गई थी सारा आलम सोता था / फ़िराक़ गोरखपुरी
- रात भी, नींद भी, कहानी भी / फ़िराक़ गोरखपुरी
- सकूत-ए-शाम मिटाओ बहुत अंधेरा है / फ़िराक़ गोरखपुरी
- सर में सौदा भी नहीं, दिल में तमन्ना भी नहीं / फ़िराक़ गोरखपुरी
- ये निखतों की नर्म रवी, ये हवा ये रात / फ़िराक़ गोरखपुरी
- ये तो नहीं कि ग़म नहीं / फ़िराक़ गोरखपुरी
- थरथरी सी है आसमानों में / फ़िराक़ गोरखपुरी
- कोई नई ज़मीन हो नया आसमां भी हो / फ़िराक़ गोरखपुरी
- छलक के कम न हो ऐसी कोई शराब नहीं / फ़िराक़ गोरखपुरी
- न जाना आज तक क्या शै ख़ुशी है / फ़िराक़ गोरखपुरी
- हर जलवे से एक दरस-ए-नुमू लेता हूँ / फ़िराक़ गोरखपुरी
- देखते देखते उतर भी गये / फ़िराक़ गोरखपुरी
- हिंज़ाबों में भी तू नुमायूँ नुमायूँ / फ़िराक़ गोरखपुरी
- किसी का यूं तो हुआ कौन उम्र भर फिर भी / फ़िराक़ गोरखपुरी
- रुबाईयाँ / फ़िराक़ गोरखपुरी
- हमसे फ़िराक़ अकसर छुप-छुप कर / फ़िराक़ गोरखपुरी
- क्यों तेरे ग़म-ए-हिज्र में / फ़िराक़ गोरखपुरी
- न जाने अश्क से आँखों में क्यों है आये हुए / फ़िराक़ गोरखपुरी
- जुगनू / फ़िराक़ गोरखपुरी
- डरता हूँ कामयाबी-ए-तकदीर देखकर / फ़िराक़ गोरखपुरी
- अब तो हम हैं / फ़िराक़ गोरखपुरी
- किस तरफ़ से आ रही है / फ़िराक़ गोरखपुरी
- जिससे कुछ चौंक पड़ें / फ़िराक़ गोरखपुरी
- वुसअते-बेकराँ में खो जायें / फ़िराक़ गोरखपुरी
- इश्क-बेबाक को रोके हुए है / फ़िराक़ गोरखपुरी
- इश्क तो दुनियाँ का राजा है / फ़िराक़ गोरखपुरी
- कर गई कम वो नज़र / फ़िराक़ गोरखपुरी
- आह वो मंजिले-मुराद / फ़िराक़ गोरखपुरी
- रुकी-रुकी-सी / फ़िराक़ गोरखपुरी
- अगर बदल न दिया / फ़िराक़ गोरखपुरी
- जो भूलतीं भी नहीं / फ़िराक़ गोरखपुरी
- आ ही जाती है / फ़िराक़ गोरखपुरी
- हुस्न का जादू जगाए / फ़िराक़ गोरखपुरी
- न आना तेरा अब भी / फ़िराक़ गोरखपुरी
- सोजें-पिनहाँ हो / फ़िराक़ गोरखपुरी
- न पूछ क्या काम कर गई है / फ़िराक़ गोरखपुरी
- फरिश्तों और देवताओं का भी / फ़िराक़ गोरखपुरी
- ज़िन्दगी क्या है / फ़िराक़ गोरखपुरी
- खो के इक शख्स को / फ़िराक़ गोरखपुरी
- हमको तुमको फेर समय का / फ़िराक़ गोरखपुरी
- देखा हर एक शाख पे / फ़िराक़ गोरखपुरी
- जो दिलो-जिगर में उतर गई / फ़िराक़ गोरखपुरी
- अरे ख्वाबे मोहब्बत की / फ़िराक़ गोरखपुरी
- आधी रात को / फ़िराक़ गोरखपुरी
- धुँधलका / फ़िराक़ गोरखपुरी
- कुछ ग़में-जानां,कुछ ग़में-दौरां / फ़िराक़ गोरखपुरी
- दोहे / फ़िराक़ गोरखपुरी
- नई हुई फिर रस्म पुरानी / फ़िराक़ गोरखपुरी