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शिवदीन राम जोशी
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शिवदीन राम जोशी
जन्म | 10 जून 1921 |
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निधन | 27 जुलाई 2006 |
जन्म स्थान | खंडेला, सीकर, राजस्थान |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
अनुभव लहर, कृष्ण सुदामा चरित्र, छंद तरंग | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
शिवदीन राम जोशी / परिचय |
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- घर गोप्यां क चोरी करता / शिवदीन राम जोशी
- दिल को बहलाना न आया / शिवदीन राम जोशी
- घनश्याम हमारी आँखों में / शिवदीन राम जोशी
- इन्ही दर्दों की गलियों में / शिवदीन राम जोशी
- मान रे ! मान मान, मन मान / शिवदीन राम जोशी
- कानन में बोलि रहे / शिवदीन राम जोशी
- होरी खेल रहे नंदलाल / शिवदीन राम जोशी
- लाल रंग बरसत चारों ओर / शिवदीन राम जोशी
- अगनित जग से चले जा रहे / शिवदीन राम जोशी
- कुकर्म करे मानव पावत है नाना दुःख / शिवदीन राम जोशी
- राम नाम अमृत है, पीकर भक्त अमर भये / शिवदीन राम जोशी
- कर्म, धर्म, योग, यज्ञ, तीर्थ व्रत दान पुन्य / शिवदीन राम जोशी
- गणिका गज गीध अजामिल से / शिवदीन राम जोशी
- गुजरी गंवारी और ग्वालिनी अहिर जात / शिवदीन राम जोशी
- घुंघट पट में कामिनी, कंचन पावे और / शिवदीन राम जोशी
- भूल ही भूल बही तुझसे, प्रभु-भूल के, माया से प्रीत करी है / शिवदीन राम जोशी
- तीर्थ हजार करे, प्रभु से न प्यार करे / शिवदीन राम जोशी
- अनुराग में प्रेम है त्याग में प्रेम है / शिवदीन राम जोशी
- प्रेम बसाया बस रहा, नगर डगर में प्रेम / शिवदीन राम जोशी
- प्रेम किये जा प्रेम है, नहीं प्रेम में पाप / शिवदीन राम जोशी
- प्रेम बिना जीवन नीरस सरस प्रेम सरसाय / शिवदीन राम जोशी
- राम हृदय में बसि रहा प्रेम प्रगट कर जान / शिवदीन राम जोशी
- पूजा पत्री प्रेम की मन की माला ठीक / शिवदीन राम जोशी
- प्रेम की मूरत, प्रेम की सूरत, प्रेम ही ईश्वर, लक्ष्य हमारो / शिवदीन राम जोशी
- प्रेम के समान ध्यान योग यज्ञ तप नहीं / शिवदीन राम जोशी
- ऐ! ज्ञान के दिवाने उधो कछु नहीं जाने प्रेम / शिवदीन राम जोशी
- चमकत है बिजरी गरजत घन श्याम श्याम / शिवदीन राम जोशी
- श्रावन और भादव की कारी घटा कारी रैन / शिवदीन राम जोशी
- धन्य है विधना तेरे लेख / शिवदीन राम जोशी
- समझ नर मन से सब कोई हारा / शिवदीन राम जोशी
- बनी रे माधो राधा कृष्ण बनी / शिवदीन राम जोशी
- मनन करूं, मन है कूर कुजात / शिवदीन राम जोशी
- तेर मेर छांडे बिना, देर-फेर फेर पडे / शिवदीन राम जोशी
- धरे अनेकों स्वांग पेट की खातिर खोटे / शिवदीन राम जोशी
- स्वांग बना छलिये फिरें बैठे जटा बढ़ाय / शिवदीन राम जोशी
- राम नाम की ओट लिये, करते छल, छलियां / शिवदीन राम जोशी
- निपट कपट की खान दुकानें खुली खुल गई / शिवदीन राम जोशी
- खद्दरधारी खर कई चरग्या चारों कूंट / शिवदीन राम जोशी
- खद्दरधारी कहें करां म्हे भोत भलाई / शिवदीन राम जोशी
- नगर-नगर हर गांव-गांव में जो है बस्ती / शिवदीन राम जोशी
- भारत धारत धीर धीर का धीरज छूटे / शिवदीन राम जोशी
- श्रद्धा सेवा भाव प्रेम अनुराग रहा ना / शिवदीन राम जोशी
- जीवत गारी लाख दें मरत ही घाले बार / शिवदीन राम जोशी
- माता चुप हो बैठ जा बेटा बोले बोल / शिवदीन राम जोशी
- टेलीवीजन हर घरां देखे नंगा नाच / शिवदीन राम जोशी
- अगनित जग से चले जा रहे / शिवदीन राम जोशी
- वसंत के पद / शिवदीन राम जोशी
- ग़म / शिवदीन राम जोशी
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