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* [[शरीफों के मुखौटों में छिपे हैं भेड़िये कितने/ जहीर कुरैशी]]
 
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* [[कमीज उनकी है लेकिन बदन हमारा है / जहीर कुरैशी]]
 
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23:09, 19 सितम्बर 2008 का अवतरण


भीड़ में सबसे अलग
Bheed mein sabse alag.jpg
रचनाकार जहीर कुरैशी
प्रकाशक मेधा बुक्स, एक्स-11, नवीन शाहदरा, दिल्ली-110032
वर्ष 2003
भाषा हिन्दी
विषय ग़ज़ल संग्रह
विधा ग़ज़ल
पृष्ठ 112
ISBN 81-8166-008-O
विविध
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