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"पूँजी और सत्ता के ख़िलाफ़ / 'सज्जन' धर्मेन्द्र" के अवतरणों में अंतर

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* [[आदमी की ज़िन्दगी है दफ़्तरों के हाथ में / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
 
* [[आदमी की ज़िन्दगी है दफ़्तरों के हाथ में / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
  
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'''दूसरा भाग : 44 ग़ज़लें'''
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* [[गगन का स्नेह पाते हैं, हवा का प्यार पाते हैं / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[दूसरों में कमी ढूँढ़ते हैं / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[वक़्त क़साई के हाथों मैं इतनी बार कटा हूँ / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[हर एक शक्ल पे देखो नक़ाब कितने हैं / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[जिस्म की रंगत भले ही दूध जैसी है / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[जहाँ दर्द आया हुनर में उतर कर / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[श्रोडिंगर ने सच बात कही / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[इंसाँ दुत्कारे जाते हैं धर्मान्धों की नगरी में / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[चेहरे पर मुस्कान लगा कर बैठे हैं / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[लहरों के सँग बह जाने के अपने ख़तरे हैं / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[सभी पैरहन हम भुला कर चले / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[अपनी मिठास पे उसे बेहद ग़ुरूर था / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[अँधेरी रात की फ़ाक़ाकशी मिटाते हैं / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[सूरज मिटे, चंदा मिटे, धरती बनी जोगिन रहे / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[हाँ मैं भी ग़लती करता हूँ मैंने कब इन्कार किया है / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[जीवन की बहती धारा में जो रुक जाता है / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[माना मिट जाते हैं अक्षर, क़लम नहीं मिटता / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[अगर चंदन के तरु पर घोसला रखना / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[ये प्रेम का दरिया है इसमें सारे ही कमल मँझधार हुए / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[हुस्न का दरिया जब आया पेशानी पर / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[ये ख़ुराफ़ात करने से क्या फ़ायदा / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[नींद में जब मुस्कुराई सादगी सोई हुई / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[जीने का या मरने का / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[गर्म और नाज़ुक बाँहों में खो जाएँगे / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[फिर मिल जाये तुम्हें वही रस्ता, रुक जाना / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[अब न उतरे, बुख़ार टेढ़ा है / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[जो करा रहा है पूजा बस उसी का फ़ायदा है / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[उतर जाए अगर झूटी त्वचा तो / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[एल ई डी की क़तारें सामने हैं / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[प्रगति की होड़ न ऐसे मक़ाम तक पहुँचे / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[आजकल ये रुझान ज़्यादा है / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[जीवन में कुछ बन पाते / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[जीवन भर ख़ुद को दुहराना / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[दुश्मनी हो जाएगी यदि सच कहूँगा मैं / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[सूर्य से जो लड़ा नहीं करता / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[जल्दी में क्या सीखोगे / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[सब खाते हैं इक बोता है / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[कुछ पलों में नष्ट हो जाती युगों की सूचना / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[अंधे बहरे हैं चंद गूँगे हैं / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[तेज़ चलना चाहता है तो अकेला चल / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[रंग सारे हैं जहाँ हैं तितलियाँ / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[एक बिन्दी लगा साँवली खिल उठी / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[रगों में ख़ून है पंखों में जान बाक़ी है / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[आह निकलती है यह कटते पीपल से / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
  
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'''तीसरा भाग : 19 ग़ज़लें'''
 
* [[महीनों तक तुम्हारे प्यार में इसको पकाया है / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
 
* [[महीनों तक तुम्हारे प्यार में इसको पकाया है / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]
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* [[ / 'सज्जन' धर्मेन्द्र]]

22:29, 4 अप्रैल 2018 का अवतरण


पूँजी और सत्ता के ख़िलाफ़
Punji aur satta ke khilaf.jpg
रचनाकार 'सज्जन' धर्मेन्द्र
प्रकाशक अंजुमन प्रकाशन, 942 आर्य कन्या चौराहा, मुट्ठीगंज, इलाहाबाद-211003, उत्तर प्रदेश, भारत
वर्ष 2017
भाषा हिन्दी
विषय ग़ज़ल संग्रह
विधा ग़ज़ल
पृष्ठ 127
ISBN 978-93-86027-71-9
विविध
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पहला भाग : 34 ग़ज़लें

दूसरा भाग : 44 ग़ज़लें

तीसरा भाग : 19 ग़ज़लें