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ग़ज़ल
रचनाकार | विजय वाते |
---|---|
प्रकाशक | वाणी प्रकाशन |
वर्ष | 2006 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | |
विधा | ग़ज़ल |
पृष्ठ | 86 |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- बातें करें-1 / विजय वाते
- बिंदी तेरी / विजय वाते
- दादी अम्मा / विजय वाते
- क्या जरूरत दियासलाई की / विजय वाते
- सरल ये गणित हमने सीखा नही है / विजय वाते
- उसने संकेत मे कहा होगा / विजय वाते
- इसलिए कोई गजल गाई नहीं / विजय वाते
- या बस सन्नाटा बाँटा / विजय वाते
- शायरी खुद खिताब होती है / विजय वाते
- अंदर कहीं उतरा हुआ / विजय वाते
- बाकी आना जाना है / विजय वाते
- सुबह / विजय वाते
- दोपहर / विजय वाते
- शाम / विजय वाते
- सो भी जा / विजय वाते
- नींव अनाम सिपाही होंगे / विजय वाते
- गुनगुनाना चाहिए / विजय वाते
- मर जाती है बात / विजय वाते
- तो हम रुकें / विजय वाते
- सौ वजूहात याद आने के / विजय वाते
- कितने आसान सबके सफर हो गये / विजय वाते
- खुल्ला खाता है / विजय वाते
- दे धक्का आगे बढ़ जा तू / विजय वाते
- सीख लिया / विजय वाते
- बर्फ को पिघलने दो / विजय वाते
- मन रसखान हुआ / विजय वाते
- दर्द बयान हुआ / विजय वाते
- लोग / विजय वाते
- हम सभी / विजय वाते
- इंसां को समझाए कौन / विजय वाते
- अपनी मर्जी जाना क्या / विजय वाते
- अपनी जगह / विजय वाते
- थोडा मन के अंदर देख / विजय वाते
- पहले थोडा सा तोला कर / विजय वाते
- उर्मिला से पूछिए / विजय वाते
- आजमाने का हुनर / विजय वाते
- उदास तो है / विजय वाते
- सबसे दोस्ती रखना / विजय वाते
- सितारों की बात है / विजय वाते
- मेरी तेरी सबकी बात / विजय वाते
- सबकी अपनी एक सफाई / विजय वाते
- कहाँ से लाऊं / विजय वाते
- के लिए / विजय वाते
- तो गजल होती है -१ / विजय वाते
- तो गजल होती है -२ / विजय वाते
- मेरी शायरी से उधार लो / विजय वाते
- सूर्य मेघों के भीतर छितर जाएँ रे / विजय वाते
- वो उनकी लुगाई है / विजय वाते
- आसपास / विजय वाते
- ना हो / विजय वाते
- शानदार / विजय वाते
- दो पदचिन्ह तेरे / विजय वाते
- पंथ बनता जाएगा / विजय वाते
- कर लो / विजय वाते
- होते गये / विजय वाते
- बातें करें-२ / विजय वाते
- क्या करूँ / विजय वाते
- नाजुक हिस्से दे / विजय वाते
- रह गई / विजय वाते
- केंचुआ / विजय वाते
- अच्छा लगा / विजय वाते
- नमी कुछ रुमालों मे है / विजय वाते
- है वो / विजय वाते
- कूव्वते इंतज़ार आ जाए / विजय वाते
- दूर तक जाती लगे / विजय वाते
- अटका है पांखी / विजय वाते
- दिन हफ्ते पखवाड़े बदले / विजय वाते