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समय को इतिहास लिखने दो
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रचनाकार | असंगघोष |
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प्रकाशक | शिल्पायन, 10295, लेन न. 1, वैस्ट गोरखपार्क, शाहदरा, दिल्ली - 110032 |
वर्ष | 2015 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | |
विधा | कविता |
पृष्ठ | 119 |
ISBN | 978-93-84115-24-1 |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- आदिकवि!! / असंगघोष
- बदलना ही होगा मुझे / असंगघोष
- हिसाब लेकर ही रहूँगा / असंगघोष
- मैं ही तुम्हें छोड़ देता हूँ / असंगघोष
- आहूति / असंगघोष
- समय को इतिहास लिखने दो / असंगघोष
- दीवारें कब गवाही देंगी? / असंगघोष
- तेरे देवता को मैं नकारता हूँ / असंगघोष
- यक्ष प्रश्न / असंगघोष
- तू मौन क्यों है? / असंगघोष
- तेरा ईश्वर / असंगघोष
- मंधाराम! / असंगघोष
- माँ है नदी / असंगघोष
- आ मेरे साथ बैठ / असंगघोष
- समुद्र: तीन कविताएँ / असंगघोष
- बदलाव / असंगघोष
- कदम बढ़ाना ही होगा / असंगघोष
- चुनौती / असंगघोष
- तुम ही जानो / असंगघोष
- लंपट / असंगघोष
- अब और नहीं / असंगघोष
- तीन गुल्ली / असंगघोष
- वल्दी कोरी की दफाई / असंगघोष
- मसनदी कवि / असंगघोष
- घर / असंगघोष
- मेरी परछाईं / असंगघोष
- इंतजार! / असंगघोष
- तेरी कालिख / असंगघोष
- इज्ज़त वाली जात / असंगघोष
- तब तक / असंगघोष
- कहता हूँ अलविदा / असंगघोष
- उतार फेंकूँगा / असंगघोष
- सीढ़ियाँ / असंगघोष
- माँ / असंगघोष
- मिलेंगे कभी / असंगघोष
- विद्रोह / असंगघोष
- भाग जा यहाँ से / असंगघोष
- हमारे नाम / असंगघोष
- घंटा / असंगघोष
- यह वो नहीं / असंगघोष
- ढकोसला / असंगघोष
- हुनर / असंगघोष
- प्रधनमंत्री का आना-जाना / असंगघोष
- जवाब है? / असंगघोष
- तेरा कुलीन कुल / असंगघोष
- विद्रोह की बू / असंगघोष
- सुनो! / असंगघोष
- तेरी चुप्पी / असंगघोष
- तैयार रह / असंगघोष
- कहाँ हो अगस्त्य? / असंगघोष
- तुम देखना काल! / असंगघोष
- ओ मृत्यु तुम चली आओ / असंगघोष