शलभ श्रीराम सिंह

| जन्म | 05 नवम्बर 1938 | 
|---|---|
| निधन | 22 अप्रैल 2000 | 
| जन्म स्थान | ग्राम मसोढ़ा, जलालपुर, फ़ैज़ाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत | 
| कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
|   कल सुबह होने के पहले (1966), अतिरिक्त पुरुष (1976),त्रयी-२ में संकलित (1977), राहे-हयात (1982), निगाह-दर-निगाह (1983), नागरिकनामा (1983),
 अपराधी स्वयं (1985), पृथ्वी का प्रेम गीत(1991), ध्वंस का स्वर्ग (1991), उन हाथों से परिचित हूँ मैं (1993)  | |
| विविध | |
| जीवन परिचय | |
| शलभ श्रीराम सिंह / परिचय | |
कविता संग्रह
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- नफ़स-नफ़स क़दम-क़दम / शलभ श्रीराम सिंह
 - ज़माने को बदलना है / शलभ श्रीराम सिंह
 - क़दम ये इंक़लाब के / शलभ श्रीराम सिंह
 - जीवन बचा है अभी / शलभ श्रीराम सिंह
 - बाढ़ में ज़रूरतें क्यों नहीं बहतीं / शलभ श्रीराम सिंह
 - दिल्लियाँ / शलभ श्रीराम सिंह
 - एक दिन / शलभ श्रीराम सिंह
 - राग-बोध / शलभ श्रीराम सिंह
 - उस दिन / शलभ श्रीराम सिंह
 - तुम्हारा शरीर है यह / शलभ श्रीराम सिंह
 - सुबह / शलभ श्रीराम सिंह
 - कामरेड नछत्तर सिंह / शलभ श्रीराम सिंह
 - विकास / शलभ श्रीराम सिंह
 - एक ख़याल / शलभ श्रीराम सिंह
 - समय / शलभ श्रीराम सिंह
 - भाषा की विपत्ति / शलभ श्रीराम सिंह
 - स्त्री / शलभ श्रीराम सिंह
 - प्यार / शलभ श्रीराम सिंह
 - रास्ता है / शलभ श्रीराम सिंह
 - धड़कनों में कहीं / शलभ श्रीराम सिंह
 - स्वातंत्र्योत्तर भारत / शलभ श्रीराम सिंह
 - ताल भर सूरज / शलभ श्रीराम सिंह
 - एक और नया गीत / शलभ श्रीराम सिंह
 - अब तक की यात्रा में / शलभ श्रीराम सिंह
 - धरे हथेली गाल पर / शलभ श्रीराम सिंह
 - आनेवाले ! स्वागत / शलभ श्रीराम सिंह
 - विध्वंस का स्वर्ग / शलभ श्रीराम सिंह
 - मोची की आँखों में / शलभ श्रीराम सिंह
 - काव्य-पाठ / शलभ श्रीराम सिंह
 - रात के अन्धेरे में ट्रैक्टर / शलभ श्रीराम सिंह
 - अब भी / शलभ श्रीराम सिंह
 - पढाई / शलभ श्रीराम सिंह
 - बेटियाँ / शलभ श्रीराम सिंह
 - रात थम-थम के ढल रही होगी / शलभ श्रीराम सिंह
 - नाम पे मेरे हामी भर थी पर हामी से जल गए लोग / शलभ श्रीराम सिंह
 - जो सपने हमने बोए थे नीम की ठंडी छावों में / शलभ श्रीराम सिंह
 - नया नर्क / शलभ श्रीराम सिंह
 - वह / शलभ श्रीराम सिंह
 - शिन्नी / शलभ श्रीराम सिंह
 - जिस दिन / शलभ श्रीराम सिंह
 - नफ़रत का माहौल / शलभ श्रीराम सिंह
 - सोये हुए लोगों के बीच जागना पड़ रहा है मुझे / शलभ श्रीराम सिंह
 - मुर्गी कुड़कुड़ाई है / शलभ श्रीराम सिंह
 - घाव / शलभ श्रीराम सिंह
 - प्रति विकास / शलभ श्रीराम सिंह
 - सज़ा / शलभ श्रीराम सिंह
 - ख़तरा / शलभ श्रीराम सिंह
 - अन्धेरे के बाहर एक निगाह / शलभ श्रीराम सिंह
 - लम्बा रास्ता / शलभ श्रीराम सिंह
 - विजयकांत / शलभ श्रीराम सिंह
 - शायद / शलभ श्रीराम सिंह
 - पूरे हुए पचास-वर्ष / शलभ श्रीराम सिंह
 - अंततः / शलभ श्रीराम सिंह
 - वापस आने के लिए / शलभ श्रीराम सिंह
 - आख़िरी तस्वीर / शलभ श्रीराम सिंह
 - केवल तुम / शलभ श्रीराम सिंह
 - लड़की अकेली है इस वक़्त / शलभ श्रीराम सिंह
 - तुम्हारा अकेलापन / शलभ श्रीराम सिंह
 - तुमने कहाँ लड़ा है कोई युद्ध / शलभ श्रीराम सिंह
 
ग़ज़लें
- अन्धेरे में भी कोहरा हो गया है / शलभ श्रीराम सिंह
 - कल भी मैं सफ़र में था,आज भी सफ़र में हूँ / शलभ श्रीराम सिंह
 - हर ज़र्रा यहाँ शोला दहन है कि नहीं? है / शलभ श्रीराम सिंह
 - रस्ते में कहीं चाहने वाले भी पड़ेंगे / शलभ श्रीराम सिंह
 - हस्ती को हसरत की नई रह गुज़र करो / शलभ श्रीराम सिंह
 - ये सदाओं की बात चलने दो / शलभ श्रीराम सिंह
 - रुत की नई किताब-सी खुलने लगी है वह / शलभ श्रीराम सिंह
 - आपने जिसमें रंग भरा था, वह तस्वीर बदल गई है / शलभ श्रीराम सिंह
 - आपकी नज़रों तक हम पहुँचे कुछ मख़सूस ख़यालों से / शलभ श्रीराम सिंह