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- 01:50, 1 अगस्त 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+3,042) . . न मैं ख़बरदार हूँ / ओमप्रकाश सारस्वत (नया पृष्ठ: <poem> भोर की पहली किरण के साथ मैं विगला बढ़ा साया हूँ मेरा जैसे आदि क...)
- 01:33, 1 अगस्त 2009 (अंतर | इतिहास) . . (-18) . . मौसम मौसम / प्रेम भारद्वाज (मौजूदा)
- 01:32, 1 अगस्त 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+188) . . मौसम मौसम / प्रेम भारद्वाज
- 01:28, 1 अगस्त 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+1,111) . . न अब सुबह से धूप गरमाने लगी / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> आज सुबह से धूप गरमाने लगी पर्वतों की बर्फ पिघलाने लगी बंद है गो...)
- 01:26, 1 अगस्त 2009 (अंतर | इतिहास) . . (-209) . . कभी उबाल कर ठंडा किया शरारों ने / प्रेम भारद्वाज
- 01:25, 1 अगस्त 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+1,111) . . न कभी उबाल कर ठंडा किया शरारों ने / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> आज सुबह से धूप गरमाने लगी पर्वतों की बर्फ पिघलाने लगी बंद है गो...)
- 00:24, 31 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+917) . . न सोता रहेगा मौसम मौसम / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> सोता रहेगा मौसम-मौसम रोता रहेगा मौसम-मौसम क्या पाएगा आज जो कां...)
- 00:23, 31 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+727) . . न भागी बहुत बेचारी मछली / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> भागी बहुत बेचारी नछली हाँफ गई तो हारी नछली डाला काँटा बाँधा पा...)
- 00:23, 31 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+833) . . न फूटी थी निस्सार नदी / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> फूटी थी निस्सार नदी पतली सी इक धार नदी छोड- अपना घर बार नदी मानो ...)
- 00:21, 31 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+1,074) . . न कभी तो नीर था बहता बहू भिजाने पे / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> कभी तो नीर था बहता बहू भिजाने पे अब आँख भी नहीं झुकती उसे जलाने ...)
- 00:20, 31 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+855) . . न दई से जो पेट छिपाएँ / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> दाई से जो पेट छुपाए बाद में उतना ही पछताए पंछी मिलकर ज़ोर लगाए...)
- 00:19, 31 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+1,329) . . न घनघोर बादलों में में छुपी बिजलियाँ भी हैं / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> घोर बादलों में छुपी बिजलियाँ भी हैं कुछ हवा के दामन में आँधिया...)
- 00:19, 31 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+841) . . न दोस्त भी कोई बनाना चाइए / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> दोस्त भी कोई बनाना चाहिए दुश्मनों को भी जताना चाहिए हाँ मरीज़...)
- 00:18, 31 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+1,165) . . न खुलते -खुलते खुल जाते हैं पर्दे इज़्ज़तदारों के / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> खुलते-खुलते खुल जाते हैं पर्दे इज़्ज़तदारों के आम सभा जब नंगे ...)
- 00:17, 31 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+1,117) . . न नब्ज़ धीमी साँस भारी सुस्तियाँ / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> नब्ज़ धीमी सांस भारी सुस्तियाँ प्रेम रोगी में कहाँ वो फुर्तिय...)
- 00:15, 31 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+874) . . न वास्ता बहरों से मुद्दा असल / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> वास्ता बहरों से है मुद्दा असल कौन गाए गीत होती क्या ग़ज़ल पेच त...)
- 00:14, 31 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+971) . . न इतना वह मजबूर कहाँ है / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> उतना वह मजबूर कहाँ है इतना बड़ा फितूर कहाँ है जिनता है टूटन का ...)
- 00:13, 31 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+726) . . न करनियाँ मरने की हैं / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> करनियाँ मरने की हैं कथनियाँ जीने की हैं तीर तुक्के अटकलें फसल...)
- 00:12, 31 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+853) . . न वैद्य है ढोंगी रोगी झूठा / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> वैद है ढोंगी रोग झूठा कम असलीयत ज़्यादा नख़रा क्या पहचाने बाप ...)
- 00:11, 31 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+873) . . न सेवकों ने जो भी बोला और है / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> सेवकों ने जो भी बोला और है पर गुरों का असलचोला और है शक्ल वाकिफ...)
- 00:10, 31 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+579) . . न कोई राजा कोई रानी / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> कोई राजा कोई रानी कौन भरेगा घर का पानी बातें ही उलझीं कुछ ऐसी ब...)
- 00:08, 31 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+899) . . न हाथ आई क्या व्यस्था देखिए / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> हाथ आई क्या व्यवस्था देखिए आदमी पशुओं से सस्ता देखिए सिर्फ का...)
- 00:06, 31 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+386) . . न बड़े मुस्कुराए / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> बड़े मुस्कुराए कई ग़म छुपाए न जब हाल पूछा न सपने सुनाए न शिकवा ...)
- 00:02, 31 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+634) . . न सख़्त पड़ी करनी रखवाली / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> करनी पड़ी सख़्त रख़वाली जब कोई भी हसरत प्आली मीत नहीं उम्मीद न...)
- 00:00, 31 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+1,165) . . न अपनी ख़ुद्दारी जो दर-दर बेचता रह जाएगा / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> अपनी खुद्दारी जो दर दर बेचता रह जाएगा उम्र भर यूँ ही वह टेकता रह...)
- 23:58, 30 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+686) . . न साँझ ढले जो आते पंछी / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> साँझ ढले जो आते पंछी चीर कलेजा जाते पंछी कैसे जाल बिछाए हमने न...)
- 23:53, 30 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+1,143) . . न छोड़ कर बरबाद सब को ख़ुद मज़ा ले जाएगा / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> दिनभर राम भगत बन जपते रहते मालाधारी सांझ ढले ही बन जाते हैं पूर...)
- 23:50, 30 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+1,197) . . न दौर ज़ुल्मों का अगर अँधियार दे कर जाएगा / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> दौर ज़ुल्मों का अगर अंधकार देकर जाएगा ढूँढकर शमां कोई फनकार दे...)
- 23:48, 30 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+1,749) . . न जन्म के बीमार ! तेरा क्या करेगी / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> जन्म के बीमार तेरा क्या करेगी ये जरा मिकदार तेरा क्या करेगी ऊं...)
- 23:47, 30 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+1,514) . . न नाम बच्चों के अगर उनकी अमानत कीजिए / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> नाम बच्चो के सही उनकी अमानत कीजिए जाहिलों की जात न वहशी हिकारत ...)
- 23:45, 30 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+522) . . न ऊपर समतल / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> ऊपर समतल नीचे दलदल मन में विष,कर में गंगाजल अपना अपना कम्बल सम...)
- 23:42, 30 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+821) . . न सच बयानी जो अपनी आदत है / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> सच बयानी की जो अपनी आदत है उनके आईन में बग़ावत है। आम जन हैं अगर ...)
- 23:37, 30 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+1,148) . . न आज़माइश की घड़ी आई तो है / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> आजमाईश की घड़ी आई तो है ले अगर माहौल अंगड़ाई तो है गो बरसने को अ...)
- 23:32, 30 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+1,580) . . न करने लगेगा बात वोह भी सोचकर / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> करने लगेगा बात वह भी सोचकर रोटियाँ उसको मिली जो पेट भर अब मदारी...)
- 23:30, 30 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+1,141) . . न कहता तो है इसे कि ये लोगों की सनक है / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> कहता तो इसे है कि यह लोगों की सनक है इन हालात का वो असल में खुद ही...)
- 23:28, 30 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+1,592) . . न अब अजब एहसास की परवाज़ में हैं पर लगे / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> अब अजब अहसास की परवाज़ में हैं पर लगे घर लगे होटल नुमाँ अर्धांग...)
- 23:27, 30 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+1,437) . . न ख़ाली तमाशबीन मदारी है मालामाल / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> खाली तमाशबीन मदारी है मालोमाल कुछ हाथ का कमाल तो कुछ बात का कमा...)
- 23:26, 30 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+1,208) . . न जब निराशा का अँधेरा घोर काला मिल गया / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> जब निराशा का अंधेरा घोर काला मिल गया शायरी की लौ जगी तो फिर उजाल...)
- 23:25, 30 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+1,226) . . न आज बैठीं कल उड़ेंगी हस्तियाँ / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> आज बैठी कल उठेंगी हस्तियाँ उजड़तीं बसती रहेंगी बस्तियाँ शर्म ...)
- 23:24, 30 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+1,123) . . न दिल की बात समझने का भी मौसम होता है / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> दिल की बात समझने का भी मौसम होता है कच्ची इमली चखने का भी मौसम ह...)
- 23:22, 30 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+929) . . न क्षण भर में जो बात हो गई / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> क्षण भर में जो बात हो गई जनम-जनम सौग़ात हो गई कैसी आँख झुकाई उसन...)
- 23:22, 30 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+815) . . न वे सब के सब अंतर्यामी / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> वे सब के सब अन्तर्यामी हम ठहरे मूरख खल कामी आँच न आए गुरूजनों प...)
- 23:21, 30 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+859) . . न ऐश में एहसास की बातें चलीं / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> ऐश में अहसास की बातें चली मैकदों में प्यास की बातें चली कीचड़ो...)
- 23:20, 30 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+1,275) . . न अंधकूपों को गगन कहते रहे / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> अन्ध कूपों को गगन कहते रहे पत्त्थरो ही को सुमन कहते रहे नाम ले...)
- 23:19, 30 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+884) . . न उसी ने जंगलों की यह दशा उघाड़ी है / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> उसी ने जंगलों की यह दशा उघाड़ी है उसी के हुक्म पर चलती रही कुल्ह...)
- 23:18, 30 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+1,442) . . न जो मुकर्रर पासबाँ थे उस हसीं के वास्ते / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> जो मुकर्रर पासवां थे उस हसीं के वास्ते यूं ह्ये मुखबिर नहीं रक...)
- 23:16, 30 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+1,412) . . न अंधकूपों का अँधेरा रोशनाई हो गया है / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> अंधकूपों सा अँधेरा रौशनाई हो गया है राहज़न का राज़ लिखना ही बु...)
- 23:15, 30 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+864) . . न राम से अल्ला भिड़ा रस्ता दिखा / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> राम से अल्ला भिड़ा रस्ता दिखा कटघरे में है ख़ुदा रस्ता दिखा खे...)
- 23:14, 30 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+1,480) . . न रिवायतों की वो धुन्धली लकीर बाकी है / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> रिवायतों की वह धुंधली लकीर बाकी है जुदा सा रूह से जैसे शरीर बाक...)
- 23:12, 30 जुलाई 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+1,304) . . न हर ग़ज़ल कहने का यह आधार होना चाहिये / प्रेम भारद्वाज (नया पृष्ठ: <poem> हर ग़ज़ल कहने का यह आधार होना चाहिए आदमीयत का ज़रा विस्तार होन...)
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