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फ़िल्मों के लिए लिखे गीत-1 / शैलेन्द्र
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फ़िल्मों के लिए लिखे गीत-1
रचनाकार | शैलेन्द्र |
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प्रकाशक | |
वर्ष | |
भाषा | हिन्दी |
विषय | गीत-संग्रह |
विधा | |
पृष्ठ | 72 |
ISBN | |
विविध | कुल 60 गीतों का संग्रह |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
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- अपनी उल्फ़त पे ज़माने का न पहरा होता / शैलेन्द्र
- आवारा हूँ / शैलेन्द्र
- ऐ मेरे दिल कहीं और चल / शैलेन्द्र
- मिट्टी से खेलते हो बार-बार किस लिए / शैलेन्द्र
- तू प्यार का सागर है / शैलेन्द्र
- मेरा जूता है जापानी / शैलेन्द्र
- दिल का हाल सुने दिलवाला / शैलेन्द्र
- सुर न सजे क्या गाऊँ मैं / शैलेन्द्र
- मुन्ना बड़ा प्यारा अम्मी का दुलारा / शैलेन्द्र
- आ जा रे परदेसी / शैलेन्द्र
- किसी की मुस्कराहटों पे हो निसार / शैलेन्द्र
- सूरज ज़रा आ पास आ / शैलेन्द्र
- होठों पे सच्चाई रहती है / शैलेन्द्र
- कैसे मनाऊँ पिउवा, गुन एकउ मेरे नाहीं / शैलेन्द्र
- झूमती चली हवा याद आ गया कोई / शैलेन्द्र
- बहुत दिया देने वाले ने तुझको / शैलेन्द्र
- अब के बरस भेज भईया को बाबुल / शैलेन्द्र
- पूछो न कैसे मैंने रैन बिताई / शैलेन्द्र
- कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन / शैलेन्द्र
- वहाँ कौन है तेरा, मुसाफ़िर, जाएगा कहाँ / शैलेन्द्र
- सजनवा बैरी हो गए हमार / शैलेन्द्र
- नन्हें मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है / शैलेन्द्र
- बरसात में हमसे मिले तुम सजन / शैलेन्द्र
- मुझको यह ज़हर न चाहिए / शैलेन्द्र
- घर आया मेरा परदेसी / शैलेन्द्र
- एक,दो,तीन,आजा मौसम है रंगीन / शैलेन्द्र
- अनमोल प्यार बिन मोल बिके दुनिया के बाज़ार में / शैलेन्द्र
- तूने हाय मेरे जख़्म-ए-जिगर को छू लिया / शैलेन्द्र
- रोऊँ मैं सागर के किनारे / शैलेन्द्र
- प्रीत ये कैसी बोल री दुनिया / शैलेन्द्र
- कारे बदरा तू न जा / शैलेन्द्र
- हैं सबसे मधुर वो गीत जिन्हें / शैलेन्द्र
- राजा की आएगी बारात / शैलेन्द्र
- ये शाम की तनहाइयाँ, ऎसे में तेरा ग़म / शैलेन्द्र
- ठहर ज़रा ओ जाने वाले / शैलेन्द्र
- तुम्हारे हैं तुमसे दया माँगते हैं / शैलेन्द्र
- नैन से नैन हुए चार / शैलेन्द्र
- रुलाकर चल दिए इक दिन / शैलेन्द्र
- ये दुनिया बनाई किस बेरहम ने / शैलेन्द्र
- पतिव्रता सीतामाई को दिया तूने बनवास / शैलेन्द्र
- मुड़-मुड़ के न देख मुड़-मुड़ के / शैलेन्द्र
- प्यार हुआ इकरार हुआ है / शैलेन्द्र
- रमय्या वस्तावय्या, मैंने दिल तुझको दिया / शैलेन्द्र
- ये रात भीगी-भीगी, ये मस्त फ़िजाएँ / शैलेन्द्र
- मन भावन के घर जाए गोरी / शैलेन्द्र
- मैं गाऊँ, तुम सो जाओ / शैलेन्द्र
- कहाँ जा रहा है तू ऐ जाने वाले / शैलेन्द्र
- मेरे तुम्हारे बीच में अब तो न पर्वत न सागर / शैलेन्द्र
- अजब है दास्तां तेरी ऐ ज़िन्दगी / शैलेन्द्र
- मुझे तुमसे कुछ भी न चाहिए / शैलेन्द्र
- रुक जा ओ जाने वाली रुक जा / शैलेन्द्र
- नी बलिए रुत है बहार की / शैलेन्द्र
- सब कुछ सीखा हमने ना सीखी होशियारी / शैलेन्द्र
- तेरा जाना दिल के अरमानों का लुट जाना / शैलेन्द्र
- भैया मेरे, राखी के बंधन को निभाना / शैलेन्द्र
- मैं रिक्शावाला / शैलेन्द्र
- दिल अपना और प्रीत पराई / शैलेन्द्र
- मतवाली नार ठुमक-ठुमक चली जाए / शैलेन्द्र
- मेरा नाम राजू घराना अनाम / शैलेन्द्र
- प्यार कर ले नई तो फाँसी चढ़ जाएगा / शैलेन्द्र
- बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना / शैलेन्द्र