भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
निश्तर ख़ानक़ाही से जुड़े हुए पृष्ठ
Kavita Kosh से
नीचे दिये हुए पृष्ठ निश्तर ख़ानक़ाही से जुडते हैं:
देखें (पिछले 50 | अगले 50) (20 | 50 | 100 | 250 | 500)- कविता कोश मुखपृष्ठ (← कड़ियाँ)
- रचनाकारों की सूची (← कड़ियाँ)
- उत्तर प्रदेश (← कड़ियाँ)
- सौ बार लौह-ए-दिल से मिटाया गया मुझे / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- अपने ही खेत की मट्टी से जुदा हूँ मैं तो / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- अनजाने हादसात का खटका लगा रहा / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- आप अपनी आग के शोलों में जल जाते थे लोग / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- एक पल ताअल्लुक का वो भी सानेहा जैसा / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- क्यों बयाबाँ बयाबाँ भटकता फिरा / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- तेज़ रौ पानी की तीख़ी धार पर चलते हुए / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- धड़का था दिल कि प्यार का मौसम गुज़र गया / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- न मिल सका कहीं ढूँढ़े से भी निशान मेरा / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- संदल के सर्द जंगल से आ-आ के थक गई हवा / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- निश्तर ख़ानक़ाही / परिचय (← कड़ियाँ)
- मैं भी तो इक सवाल था हल ढूँढते मेरा / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- सौ बार लौहे-दिल से मिटाया गया मुझे / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- तेज़ रौ पानी की तीखी धार पर चलते हुए / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- फुटकर शेर /निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- हर गाम पे यह सोच के, में हूँ कि नहीं हूँ / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- हर गाम पे यह सोच के, मैं हूँ कि नहीं हूँ / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- जाँ भी अपनी नहीं, दिल भी नहीं तनहा अपना /निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- छत से उतरा साथी इक / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- दिल तेरे इंतज़ार में कल रात-भर जला / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- रिश्ता ही मेरा क्या है अब इन रास्तों के साथ /निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- अभी तक जब हमें जीना ना आया / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- हर बार नया ले के जो फ़ित्ना नहीं आया / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- कभी तो मुल्तवी ज़िक्र-ए-जहाँ-गर्दां भी होना था / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- कशिश तो अब भी गज़ब की है नाज़नीनों में / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- ख़ुश-फ़हमियों को दर्द का रिश्ता अज़ीज़ था / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- सहरा का पता दे न समंदर का पता दे / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- सुरमई धूप में दिन सा नहीं होने पाता / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- तामीर हम ने की थी हमीं ने गिरा दिए / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- ये दश्त को दमन कोह ओ कमर किस के लिए है / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- देखा नहीं देखे हुए मंज़र के सिवा कुछ / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- वो जो पल ख़ाली हुआ, मर कर बसर मेरा हुआ / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- सामने परबत भी हैं, कुछ लोग कहते आए थे / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- वो रेगिस्तान ले जाते तो सागर छोड़ जाते थे / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- रूख़ बदलते हिचकिचाते थे कि डर ऐसा भी था / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- रूख पे भूली हुई पहचान का डर तो आया / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- अब तमाशा देखने वालों में हमसाया भी है / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- चुप थे बरगद, ख़ुश्क मौसम का गिला करते न थे / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- ज़मीं-ज़मीं गुनाह है सजे हुए गुलाब से / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- क्या कहेगी कौन तन्हा छोड़कर आया उसे / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- फूल जो कल मुझमें खिलने थे, क़यासी हो गए / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- गुमराही में कौन अब घर का पता देगा मुझे / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- दो घड़ी को सोने वाले, कल के सपने भूल जा / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- बस्ती-बस्ती देखता था कर्बला होते हुए / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- आख़िरी गाडी़ गुज़रने की सदा भी आ गई / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- कहता है आज दिन में उजाला बहुत है यार / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- किन परबतों पे तेशा उठाए हुए हैं हम / निश्तर ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)