नेहा नरुका
जन्म | 07 दिसम्बर 1987 |
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जन्म स्थान | उदोतगढ़, तहसील-अटेर, जिला-भिण्ड, मध्य प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
फटी हथेलियाँ (2024) | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
नेहा नरुका / परिचय |
कविता-संग्रह
कविताएँ
- अकाल / नेहा नरुका
- अख़बार पढ़ने की जगह / नेहा नरुका
- अपराध / नेहा नरुका
- अम्मा की रोटी / नेहा नरुका
- इत्रवाले / नेहा नरुका
- उनके काँटे मेरे गले में फंसे हुए हैं / नेहा नरुका
- आओ, मिलो और एक बोसा ले लो / नेहा नरुका
- आखिरी रोटी / नेहा नरुका
- आलू पराठा / नेहा नरुका
- उनके काँटे मेरे गले में फँसे हुए हैं / नेहा नरुका
- एलीना क़ुरैशी / नेहा नरुका
- क़स्बे की प्रेमिकाएँ और उनकी मूर्ख चाहतें / नेहा नरुका
- किसी ने मेरा उड़ता कबूतर मारा / नेहा नरुका
- गिलहरी / नेहा नरुका
- ग़ुलाम / नेहा नरुका
- घृणा भी गोल है / नेहा नरुका
- चावल / नेहा नरुका
- चुम्बन / नेहा नरुका
- चोर और बाग़ी / नेहा नरुका
- चौगुटे की हकूमत / नेहा नरुका
- जेबकतरे / नेहा नरुका
- जब कोई तुम्हें ठग ले / नेहा नरुका
- टच / नेहा नरुका
- डर / नेहा नरुका
- तलाश ख़त्म नहीं होती / नेहा नरुका
- ताला-चाबी / नेहा नरुका
- तिलिस्म / नेहा नरुका
- तीन लड़कियाँ / नेहा नरुका
- तुम्हारा यूँ सोचना / नेहा नरुका
- दण्ड / नेहा नरुका
- न्याय / नेहा नरुका
- पाठकों के लिए एक पत्र कविता की ही शक़्ल में / नेहा नरुका
- पार्वती-योनि / नेहा नरुका
- पिशाच / नेहा नरुका
- प्रकाश-संश्लेषण / नेहा नरुका
- प्रतिस्पर्धा / नेहा नरुका
- प्रेम करते हुए / नेहा नरुका
- बब्बुल की बहुरिया / नेहा नरुका
- बलात्कार के बाद / नेहा नरुका
- बाघ, चिड़ियाघर और मैं / नेहा नरुका
- बावरी लड़की / नेहा नरुका
- बिच्छू / नेहा नरुका
- भर्ती उनके जीवन में शंकराचार्य के मोक्ष की तरह थी / नेहा नरुका
- मर्द बदलनेवाली लड़की / नेहा नरुका
- मिलटरी कैम्प / नेहा नरुका
- मुफ़्त प्रेम / नेहा नरुका
- मेरा सुल्तान शहनाई सुन रहा है / नेहा नरुका
- मेरी हथेलियाँ / नेहा नरुका
- मैं बन्दूक के ख़िलाफ़ हूँ / नेहा नरुका
- यहाँ / नेहा नरुका
- रात, डर और सुबह / नेहा नरुका
- रेपिस्ट्स लिस्ट / नेहा नरुका
- विविधता / नेहा नरुका
- शक्कर से ज़रा बचकर रहना / नेहा नरुका
- शोकगीत / नेहा नरुका
- स्वच्छन्द स्त्री / नेहा नरुका
- सफ़ेद रंग की प्रेमिका / नेहा नरुका
- हड्डियाँ / नेहा नरुका
- हमारी माँएँ पितृसत्ता के घोर षड्यन्त्र में फँसी हुई हैं / नेहा नरुका