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श्रेणी:ताँका
चर्चा
"ताँका" श्रेणी में पृष्ठ
इस श्रेणी में निम्नलिखित 97 पृष्ठ हैं, कुल पृष्ठ 97
अ
अंक में सोई / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
अक्षत-प्रीत / कविता भट्ट
अगरू गन्ध रोई / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
अतृप्त नैन / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
अधर सजे/ज्योत्स्ना शर्मा
अनोखी रीत/ ज्योत्स्ना शर्मा
अब किसी मोड़ पे / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
अरी पवन !/ज्योत्स्ना शर्मा
अरे वसंत!/ज्योत्स्ना शर्मा
अलक विचुम्बित भाल / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
आ
आँख जब लगी थी / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
आँगन में फुदके / प्रियंका गुप्ता
आज आपसे/ ज्योत्स्ना शर्मा
आज भी बनवास / कविता भट्ट
आदमी है ठीकरा / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
आलिंगन तरसे / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
आलिंगन में प्रिय / कविता भट्ट
आलिंगन में प्रिय/ कविता भट्ट
इ
इतना प्यार! / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
इतनी चाह- / कृष्णा वर्मा
उ
उगता सूर्य / प्रियंका गुप्ता
उजला थान/ ज्योत्स्ना शर्मा
उदास नैन / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
उदास हो बहती / कविता भट्ट
उष:काल में / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
ए
एकान्त टूटा / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
ओ
ओ वियोगिनी ! / कविता भट्ट
ओर न छोर / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
क
कभी पिला दो / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
कविता मेरी/ ज्योत्स्ना शर्मा
कह लीजिए-/ज्योत्स्ना शर्मा
कामना यही-1-8 / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
किरनें थकीं / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
क आगे.
किसका काँधा ! / कविता भट्ट
कुछ न माँग / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
ख
खुशियों के जुगनू / कृष्णा वर्मा
खोला द्वार / कविता भट्ट
ग
गुनगुनी धूप-से / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
घ
घटाएँ छँटीं/ ज्योत्स्ना शर्मा
च
चाँद जो आया / सुधा गुप्ता
ज
ज़िंदगी क्या है? / कृष्णा वर्मा
झ
झरना बहाएँगे (ताँका)/ रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
झरना बहाएँगे / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
त
ताँका / रचना श्रीवास्तव
ताँका / सुधा गुप्ता
ताँका 1-10 / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
ताँका 11-20 / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
ताँका 21-30 / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
ताँका 31-40 / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
ताँका 41-50 / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
ताँका 51-60 / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
ताँका-1-16 / भावना कुँअर
ताँका-17-32 / भावना कुँअर
ताँका-33-48 / भावना कुँअर
ताँका-49-54 / भावना कुँअर
तुम क्या जानो / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
तुम्हें अर्पण करें / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
द
दु:ख मेरे अपने / सुधा गुप्ता
देह का धर्म / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
दो मुठ्ठी धूप/ज्योत्स्ना शर्मा
न
नारी की आभा (ताँका) / सरस्वती माथुर
निरभ्र नभ / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
निर्मलमना ! / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
नीरांजना / सुधा गुप्ता
नैन तुम्हारे ! / कविता भट्ट
प
पंछी चहकें / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
प आगे.
पुल / कविता भट्ट
पोर से छुआ / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
प्यासा गगन / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
प्रकृति-परी / सुधा गुप्ता
प्रिय की याद / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
प्रेम की बूँद / सुरंगमा यादव
प्रेम- विधान / रश्मि विभा त्रिपाठी
ब
बस तुझको पाया / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
बाँसुरी अष्टक / सुधा गुप्ता
बादलों की चादर / अनिता मंडा
भ
भाव-कलश (ताँका--संग्रह) / रचना श्रीवास्तव
भाव-कलश (ताँका-संग्रह) / भावना कुँअर
भाव-कलश (ताँका-संग्रह) / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
म
मन तरसे / सुरंगमा यादव
मन-अम्बर / अनिता मंडा
मिटे संस्कार / कृष्णा वर्मा
मिला प्रेम पावन / रश्मि विभा त्रिपाठी
मिले किनारे (ताँका-चोका-संग्रह) / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
मेघ धरे चुम्बन ! / कविता भट्ट
र
रस के लोभी / ज्योत्स्ना शर्मा
राधिका और कान्हा / सुधा गुप्ता
ल
लिपटा वहीं / कविता भट्ट
व
वसन्त / कृष्णा वर्मा
श
शैशव यौवन और सपने / सुधा गुप्ता
स
सच से मुठभेड़ / सुधा गुप्ता
सात छेद वाली मैं (ताँका-संग्रह) / सुधा गुप्ता
सुरभित स्पंदन / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
सूखा पड़ा तो / अनिता मंडा
सूनी खिड़की ! / कविता भट्ट
सोई न यशोधरा / अनिता मंडा
सौ अनुबन्ध / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’