भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"सुर्ख़ियों के स्याह चेहरे / रामकुमार कृषक" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ)
(इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ)
 
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 36: पंक्ति 36:
 
* [[हार हुई तो / रामकुमार कृषक]]
 
* [[हार हुई तो / रामकुमार कृषक]]
 
* [[सावधान ... / रामकुमार कृषक]]
 
* [[सावधान ... / रामकुमार कृषक]]
* [[कार–कोठियाँ बँगले–शँगले / रामकुमार कृषक]]
+
* [[कार - कोठियाँ बँगले - शँगले / रामकुमार कृषक]]
 
* [[जली है रोज़ / रामकुमार कृषक]]
 
* [[जली है रोज़ / रामकुमार कृषक]]
 
* [[कहाँ रहा है पेट / रामकुमार कृषक]]
 
* [[कहाँ रहा है पेट / रामकुमार कृषक]]
पंक्ति 68: पंक्ति 68:
 
* [[गाँव से आना / रामकुमार कृषक]]
 
* [[गाँव से आना / रामकुमार कृषक]]
 
* [[दिन-ब-दिन अब आदमी में शहर बसता जा रहा है ! / रामकुमार कृषक]]
 
* [[दिन-ब-दिन अब आदमी में शहर बसता जा रहा है ! / रामकुमार कृषक]]
* [[छोटे–छोटे नाम / रामकुमार कृषक]]
+
* [[छोटे-छोटे नाम / रामकुमार कृषक]]

18:02, 9 जनवरी 2023 के समय का अवतरण

सुर्ख़ियों के स्याह चेहरे
Ramkumar Krishak (kavita sangrah).jpg
रचनाकार रामकुमार कृषक
प्रकाशक
वर्ष 1977
भाषा हिन्दी
विषय कविता
विधा नवगीत
पृष्ठ 112
ISBN
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।

इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ