भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
योगेन्द्र दत्त शर्मा
Kavita Kosh से
योगेन्द्र दत्त शर्मा
जन्म | 30 अगस्त 1950 |
---|---|
जन्म स्थान | गाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
ख़ुशबुओं के दंश (नवगीत-संग्रह - 1986), कैसा आए मजा, आए दिन छुट्टी के | |
विविध | |
हिन्दी के एक प्रमुख समकालीन नवगीतकार | |
जीवन परिचय | |
योगेन्द्र दत्त शर्मा / परिचय |
पुस्तकें
- ख़ुशबुओं के दंश / योगेन्द्र दत्त शर्मा (नवगीत-संग्रह)
- नक़ाब का मौसम / योगेन्द्र दत्त शर्मा (ग़ज़ल-संग्रह)
- नीलकण्ठ बोला कहीं / योगेन्द्र दत्त शर्मा (दोहा-संग्रह)
- कैसा आए मज़ा / योगेन्द्र दत्त शर्मा (बाल कविता संग्रह)
- दिवस की फुनगियों पर थरथराहट / योगेन्द्र दत्त शर्मा (प्रगीत-संग्रह)
कविताएँ
- अब नहीं / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- वह युग कविता का नहीं / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- इक्कीसवीं सदी के पांव / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- बच पाई है किसकी अस्मिता / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- जिन्दगी उलझन भरी / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- तेरा दोष / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- मरु-यात्रा आंखों में / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- कंप्यूटर / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- संपाती-गाथा / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- जेब का सन्नाटा / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- सोचो! सोचो! / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- चेहरा / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- महकेगा चंदन-वन / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- या बांसुरी / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- चालीस सीढ़ी पार कर / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- एक कथा-गीत / योगेन्द्र दत्त शर्मा
नवगीत और गीत
- यह भरा दिन भी / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- यात्रा पिछत्तर वर्ष की / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- उसी राह में, उसी मोड़ पर / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- आने वाले कल की सोचो / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- तीर्थ-यात्रा की चढ़ाई में / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- बन्धु, उतारो छद्म मुखौटा / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- सीकरी न जाएँ, तो और क्या करें / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- प्रार्थनाओं से कुछ न हुआ / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- जागो, हे गीत-पुरुष ! माँग है समय की / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- तुलसी-गन्ध माँ / योगेन्द्र दत्त शर्मा
ग़ज़लें
- घर से घर का-सा वास्ता न रहा / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- तू क्यों सूली चढ़ा जा रहा, क्या तू कोई ईसा है? / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- मेहराब थी जो सिर पे, धमक से बिखर गई / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- हम जुड़े,पर अवान्छितों की तरह / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- चाँदनी, जंगल, मरुस्थल, भीड़, चौराहे, नदी / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- आ कि अब मृतप्राय-से-इतिहास को ज़िन्दा करें / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- हर तरफ अन्धी सियासत है, बताओ क्या करें ? / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- सोच कर बोलता हूँ मैं सबसे / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- हर क़दम पर एक क़ौमी गीत गाते जाइए / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- जिन्हें सुने तो कोई बेनक़ाब हो जाए / योगेन्द्र दत्त शर्मा
- साज-सजावट, यह गुलकारी, यह फुलवारी आपकी है / योगेन्द्र दत्त शर्मा