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साख / नीरज दइया
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साख
रचनाकार | नीरज दइया |
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प्रकाशक | नेगचार प्रकाशन, बीकानेर |
वर्ष | 1997 |
भाषा | राजस्थानी |
विषय | कविता |
विधा | मुक्त छंद |
पृष्ठ | 80 |
ISBN | |
विविध | काव्य |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- कविता / नीरज दइया
- धरती माथै कविता / नीरज दइया
- लोककथा- एक / नीरज दइया
- लोककथा- दो / नीरज दइया
- आपां रै पांती री छिंया / नीरज दइया
- मन रै ऐन बिचाळै / नीरज दइया
- तो म्हैं लिखूंला / नीरज दइया
- ओळख्यां अंधारो / नीरज दइया
- पड़ रैयी है पार / नीरज दइया
- हाकै मांय / नीरज दइया
- दादी दांई दुनिया / नीरज दइया
- कांई सांचाणी / नीरज दइया
- पगोथिया / नीरज दइया
- अखराऊं थांनै / नीरज दइया
- ओळख री आरसी / नीरज दइया
- राजा नीं देखै / नीरज दइया
- चांद : दो चितराम / नीरज दइया
- जद-जद पड़ै काळ / नीरज दइया
- धकै रो मारग / नीरज दइया
- साख भरै सबद / नीरज दइया
- रचाव रा रंग / नीरज दइया
- डर / नीरज दइया
- अधूरी कवितावां बाबत / नीरज दइया
- स्यात लिखै जीसा / नीरज दइया
- जिण दिन सूं / नीरज दइया
- छळगारी मौत / नीरज दइया
- रूंख रा छोड़ा / नीरज दइया
- भाई / नीरज दइया
- बेमाता ई भूलगी / नीरज दइया
- माठाई / नीरज दइया
- भदरक / नीरज दइया
- ओळखतां थकां ई / नीरज दइया
- हीणै मन री ओट / नीरज दइया
- समझ पकड़ियां पछै / नीरज दइया
- दपूचो / नीरज दइया
- पतियारो / नीरज दइया
- थांरी साख मांय / नीरज दइया
- थारै गयां पछै / नीरज दइया
- म्हैं दपट’र राखी है / नीरज दइया
- सबदां री नदी मांय / नीरज दइया
- अंवेरण मांय सुख / नीरज दइया
- घूमै है दुनिया / नीरज दइया
- घर / नीरज दइया
- थारो हेत / नीरज दइया
- तिरस रो छैड़ो नीं है / नीरज दइया
- पक्कायत करै हर / नीरज दइया
- म्हनै नीं लाधै सबद / नीरज दइया
- माटी अर मिनख / नीरज दइया
- कठै कांई निपजैला / नीरज दइया
- आभो थिर है / नीरज दइया