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* [[भरा फसलों से घर आंगन, सजा दरबार दीवाली / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास']]
 
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* [[दूसरों का ग़म गले अपने लगाता कौन है / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास']]
 
* [[दूसरों का ग़म गले अपने लगाता कौन है / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास']]
* [[लियाक़त रब सभी को यह समझने की नहीं देता / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास']]
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* [[लियाक़त रब सभी को ये समझने की नहीं देता / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास']]
 
* [[घबरा न मेरे दिल तू ग़म से, हालात को रंग बदलने दे / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास']]
 
* [[घबरा न मेरे दिल तू ग़म से, हालात को रंग बदलने दे / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास']]
 
* [[फिर सुना चौपाल में झगड़ा हुआ है / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास']]
 
* [[फिर सुना चौपाल में झगड़ा हुआ है / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास']]

12:47, 12 जून 2019 का अवतरण

रेत पर उंगली चली है
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रचनाकार कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास'
प्रकाशक वी.पी. पब्लिशर्स, कानपुर
वर्ष 2017
भाषा हिंदी
विषय शायरी
विधा ग़ज़ल
पृष्ठ 128
ISBN 978 83 84397 20 7
विविध
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