भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मौसम मौसम / प्रेम भारद्वाज" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
प्रकाश बादल (चर्चा | योगदान) |
|||
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 7: | पंक्ति 7: | ||
|नाम=मौसम मौसम | |नाम=मौसम मौसम | ||
|रचनाकार=[[प्रेम भारद्वाज]] | |रचनाकार=[[प्रेम भारद्वाज]] | ||
− | |प्रकाशक= | + | |प्रकाशक=बृज प्रकाशन नगरोटा बगवाँ,(काँगड़ा) हिमाचल प्रदेश(दूरभाषः 01892-252044) |
− | |वर्ष= | + | |वर्ष=2002 |
|भाषा=हिन्दी | |भाषा=हिन्दी | ||
|विषय=ग़ज़ल संग्रह | |विषय=ग़ज़ल संग्रह | ||
|शैली=-- | |शैली=-- | ||
− | |पृष्ठ= | + | |पृष्ठ=95 |
|ISBN=-- | |ISBN=-- | ||
|विविध=-- | |विविध=-- | ||
पंक्ति 27: | पंक्ति 27: | ||
* [[हर ग़ज़ल कहने का यह आधार होना चाहिये / प्रेम भारद्वाज]] | * [[हर ग़ज़ल कहने का यह आधार होना चाहिये / प्रेम भारद्वाज]] | ||
* [[रिवायतों की वो धुन्धली लकीर बाकी है / प्रेम भारद्वाज]] | * [[रिवायतों की वो धुन्धली लकीर बाकी है / प्रेम भारद्वाज]] | ||
− | |||
* [[राम से अल्ला भिड़ा रस्ता दिखा / प्रेम भारद्वाज]] | * [[राम से अल्ला भिड़ा रस्ता दिखा / प्रेम भारद्वाज]] | ||
* [[अंधकूपों का अँधेरा रोशनाई हो गया है / प्रेम भारद्वाज]] | * [[अंधकूपों का अँधेरा रोशनाई हो गया है / प्रेम भारद्वाज]] | ||
पंक्ति 55: | पंक्ति 54: | ||
* [[सख़्त पड़ी करनी रखवाली / प्रेम भारद्वाज]] | * [[सख़्त पड़ी करनी रखवाली / प्रेम भारद्वाज]] | ||
* [[बड़े मुस्कुराए / प्रेम भारद्वाज]] | * [[बड़े मुस्कुराए / प्रेम भारद्वाज]] | ||
− | * [[स्वर्णिम चाम | + | * [[स्वर्णिम चाम चढ़ाई मृगों ने / प्रेम भारद्वाज]] |
* [[हाथ आई क्या व्यस्था देखिए / प्रेम भारद्वाज]] | * [[हाथ आई क्या व्यस्था देखिए / प्रेम भारद्वाज]] | ||
* [[कोई राजा कोई रानी / प्रेम भारद्वाज]] | * [[कोई राजा कोई रानी / प्रेम भारद्वाज]] |
01:33, 1 अगस्त 2009 के समय का अवतरण
मौसम मौसम
रचनाकार | प्रेम भारद्वाज |
---|---|
प्रकाशक | बृज प्रकाशन नगरोटा बगवाँ,(काँगड़ा) हिमाचल प्रदेश(दूरभाषः 01892-252044) |
वर्ष | 2002 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | ग़ज़ल संग्रह |
विधा | |
पृष्ठ | 95 |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- क्या अंगारे और क्या शबनम / प्रेम भारद्वाज
- हुई शांत पीड़ा कभी तो चुभन से / प्रेम भारद्वाज
- जब कभी मन की बात आती है / प्रेम भारद्वाज
- दिल को तो कहीं और लगाए हुए थे लोग / प्रेम भारद्वाज
- जब से मन की बगिया में इक आस उगी है / प्रेम भारद्वाज
- आहों का है प्रासन यारो / प्रेम भारद्वाज
- अब सुबह से धूप गरमाने लगी / प्रेम भारद्वाज
- अन्ध नगर है चौपट राजा / प्रेम भारद्वाज
- जब तलक इन्सान में बदकारियाँ रह जाएँगी / प्रेम भारद्वाज
- हर ग़ज़ल कहने का यह आधार होना चाहिये / प्रेम भारद्वाज
- रिवायतों की वो धुन्धली लकीर बाकी है / प्रेम भारद्वाज
- राम से अल्ला भिड़ा रस्ता दिखा / प्रेम भारद्वाज
- अंधकूपों का अँधेरा रोशनाई हो गया है / प्रेम भारद्वाज
- जो मुकर्रर पासबाँ थे उस हसीं के वास्ते / प्रेम भारद्वाज
- उसी ने जंगलों की यह दशा उघाड़ी है / प्रेम भारद्वाज
- अंधकूपों को गगन कहते रहे / प्रेम भारद्वाज
- ऐश में एहसास की बातें चलीं / प्रेम भारद्वाज
- वे सब के सब अंतर्यामी / प्रेम भारद्वाज
- क्षण भर में जो बात हो गई / प्रेम भारद्वाज
- दिल की बात समझने का भी मौसम होता है / प्रेम भारद्वाज
- आज बैठीं कल उड़ेंगी हस्तियाँ / प्रेम भारद्वाज
- जब निराशा का अँधेरा घोर काला मिल गया / प्रेम भारद्वाज
- ख़ाली तमाशबीन मदारी है मालामाल / प्रेम भारद्वाज
- अब अजब एहसास की परवाज़ में हैं पर लगे / प्रेम भारद्वाज
- कहता तो है इसे कि ये लोगों की सनक है / प्रेम भारद्वाज
- करने लगेगा बात वोह भी सोचकर / प्रेम भारद्वाज
- आज़माइश की घड़ी आई तो है / प्रेम भारद्वाज
- सच बयानी जो अपनी आदत है / प्रेम भारद्वाज
- ऊपर समतल / प्रेम भारद्वाज
- नाम बच्चों के अगर उनकी अमानत कीजिए / प्रेम भारद्वाज
- जन्म के बीमार ! तेरा क्या करेगी / प्रेम भारद्वाज
- दौर ज़ुल्मों का अगर अँधियार दे कर जाएगा / प्रेम भारद्वाज
- छोड़ कर बरबाद सब को ख़ुद मज़ा ले जाएगा / प्रेम भारद्वाज
- कभी उबाल कर ठंडा किया शरारों ने / प्रेम भारद्वाज
- साँझ ढले जो आते पंछी / प्रेम भारद्वाज
- अपनी ख़ुद्दारी जो दर-दर बेचता रह जाएगा / प्रेम भारद्वाज
- सख़्त पड़ी करनी रखवाली / प्रेम भारद्वाज
- बड़े मुस्कुराए / प्रेम भारद्वाज
- स्वर्णिम चाम चढ़ाई मृगों ने / प्रेम भारद्वाज
- हाथ आई क्या व्यस्था देखिए / प्रेम भारद्वाज
- कोई राजा कोई रानी / प्रेम भारद्वाज
- सेवकों ने जो भी बोला और है / प्रेम भारद्वाज
- वैद्य है ढोंगी रोगी झूठा / प्रेम भारद्वाज
- करनियाँ मरने की हैं / प्रेम भारद्वाज
- इतना वह मजबूर कहाँ है / प्रेम भारद्वाज
- वास्ता बहरों से मुद्दा असल / प्रेम भारद्वाज
- नब्ज़ धीमी साँस भारी सुस्तियाँ / प्रेम भारद्वाज
- खुलते -खुलते खुल जाते हैं पर्दे इज़्ज़तदारों के / प्रेम भारद्वाज
- दोस्त भी कोई बनाना चाइए / प्रेम भारद्वाज
- घनघोर बादलों में में छुपी बिजलियाँ भी हैं / प्रेम भारद्वाज
- दई से जो पेट छिपाएँ / प्रेम भारद्वाज
- कभी तो नीर था बहता बहू भिजाने पे / प्रेम भारद्वाज
- फूटी थी निस्सार नदी / प्रेम भारद्वाज
- भागी बहुत बेचारी मछली / प्रेम भारद्वाज
- सोता रहेगा मौसम मौसम / प्रेम भारद्वाज