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कुइयाँ मेँ काँटोॅ
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रचनाकार | अमरेन्द्र |
---|---|
प्रकाशक | अंगिका संसद, भागलपुर |
वर्ष | 2004 |
भाषा | अंगिका |
विषय | |
विधा | |
पृष्ठ | 64 |
ISBN | |
विविध |
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- खसलॉ जाय जिनगी रोॅ होने सब साल / अमरेन्द्र
- आरो कोॅन दुख छै, जे बचलोॅ छै? / अमरेन्द्र
- मोॅन छै मरुवैलोॅ / अमरेन्द्र
- आँधी केॅ देखै लेॅ आरो परहेज लेॅ / अमरेन्द्र
- फसकै छै जिनगी रोॅ फसराहा धोती / अमरेन्द्र
- टँगलोॅ छै पटवासी साल्हौं सेॅ शीतला / अमरेन्द्र
- देखी केॅ समय-चाल कालो मुँह ढाटपै छै / अमरेन्द्र
- उगी गेलै वैठा ही चतरा के काँटों / अमरेन्द्र
- छपरी पर गमलै छै कागा, के ऐतै? / अमरेन्द्र
- जहिया सेॅ दुर्दिन सेँ भेंट भेलै / अमरेन्द्र
- की करतै कालोॅ रोॅ तक्षक-करैत? / अमरेन्द्र
- एक यहाँ हम्मी नै छुच्छे छी गाँव मेँ / अमरेन्द्र
- हेन्हैं केॅ किरियैलोॅ आठो याम काटै छी / अमरेन्द्र
- कुइयाँ रोॅ पानी केॅ पीयेॅ नै दै छै / अमरेन्द्र
- तितिर-बितिर किंछा सब गोछियावोॅ / अमरेन्द्र
- गुजुर-गुजुर ताकै छै किंछा गोदेला / अमरेन्द्र
- यहैं कहीं कसलोॅ छै देवता तिजोरी मेँ / अमरेन्द्र
- कहिया दिन घुरतै ऊ घाँटो-घँटेसर रोॅ? / अमरेन्द्र
- चन्दन रोॅ गाछ एक / अमरेन्द्र
- ई जिनगी की जिनगी / अमरेन्द्र
- ई छाप केन्होॅ चेन्होॅ / अमरेन्द्र
कुण्डलियाँ
पद
- प्रभु जी हमरौ टिकिट दिलावोॅ / अमरेन्द्र
- बस रोॅ महिमा भारी / अमरेन्द्र
- प्रभु ई लोकतंत्र उद्धारोॅ / अमरेन्द्र
- प्रभु, वैतरणी पार करैय्योॅ / अमरेन्द्र
- आबेॅ केकरा कहबौ दागी / अमरेन्द्र
- प्रभु जी, तोहें भीतरिया छोॅ ज्ञानी / अमरेन्द्र
- मंत्री जी तोहें खोआ हम्में बाटी / अमरेन्द्र
सॉनेट
- मुलुक-मुलुक में जहाँ गरीबी आतंकी रोॅ फेरा / अमरेन्द्र
- बाबा तखनी सबकॅे बोलै-बैटा, उत्तम खेती / अमरेन्द्र
- बड़ोॅ-बड़ोक्का लोग जहाँ पर नंगा नाचै / अमरेन्द्र
- हिन्दी विन्दी होतै कभियो आबेॅ तेॅ ऐत्ता छै / अमरेन्द्र
- जे पक्का मनुवादी वहेॅ मनुवाद-विरोधी / अमरेन्द्र
- बासी-ताजा, सूंचा-नकली सोची कुछ नै लीहोॅ / अमरेन्द्र
- गाँधी केरोॅ मूर्ति-अनावरण रोॅ छेलै माहौल / अमरेन्द्र
- आबेॅ मरदे ही मरदोॅ संग बीहा करतै / अमरेन्द्र
- देशी अंग्ररेजेॉ रोॅ ई अंगरेजी-शिक्षा / अमरेन्द्र
- गली-गली मेँ कपड़ा रोॅ दूकान सजैलोॅ / अमरेन्द्र
- अंत्री-मंत्री, नेता-वेता-सब्भे बात हटावोॅ / अमरेन्द्र
- नया राज मेँ नया चलन छै राजनीति असनावै / अमरेन्द्र