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सन्नाटे के शिलाखंड पर / हरीश भादानी
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सन्नाटे के शिलाखंड पर
रचनाकार | हरीश भादानी |
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प्रकाशक | धरती प्रकाशन, बीकानेर |
वर्ष | १९८२ |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविताएँ |
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विविध |
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* समर्पण / हरीश भादानी
* रात तो रिसती / हरीश भादानी * अब तो उठ जा थार / हरीश भादानी * धूप / हरीश भादानी * रेत जाये / हरीश भादानी * चिटखा है / हरीश भादानी * बिछा हुआ है / हरीश भादानी * मुझ पर तेरा होना / हरीश भादानी * आखर / हरीश भादानी * क्या कहूं / हरीश भादानी * लो उठ गए / हरीश भादानी * तूने तूने ही तो / हरीश भादानी * क्या कहें / हरीश भादानी * दसमाले ऊंचा है / हरीश भादानी * फिरे बांधता / हरीश भादानी * फूटी है / हरीश भादानी * सांस-सांस / हरीश भादानी * पटरियां पहिये/ हरीश भादानी * धर्म था उनका / हरीश भादानी * तेरी आंख में हो / हरीश भादानी * अरे ओ / हरीश भादानी * यादें नहीं / हरीश भादानी * आंख मिचौनी/ हरीश भादानी * स्तूप मीनारों से बनी/ हरीश भादानी * मैंने तो नहीं चाहा/ हरीश भादानी * तन पर सूजन / हरीश भादानी * कितनी-कितनी/ हरीश भादानी * हमेशा की तरह / हरीश भादानी * गलियों में / हरीश भादानी * पानी की साध / हरीश भादानी * गहरा ही सही/ हरीश भादानी * नहीं / हरीश भादानी * नदी / हरीश भादानी * रोज सुनता हूँ / हरीश भादानी * तूने ही / हरीश भादानी * हाथ ही तो हैं / हरीश भादानी * शब्द ही तो थे / हरीश भादानी