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- 12:25, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+1,091) . . यतीमों की तरफ़ से भी मगर पैग़ाम लिख लेना / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 12:25, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+1,009) . . कहीं इरादा रूपया है तो कहीं तरक़्क़ी है / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 12:24, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+1,023) . . फिर आ गयी है नयी योजना निमरा करे सवाल / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 12:23, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+1,132) . . शहर के ऐशगाहों में टँगे दुख गाँव वालों के / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 12:23, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+1,261) . . गुमराह अक्सर हो गया जहाँ रास्ता आसान था / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 11:49, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+200) . . न हाले दिल क्या सुनाऊँ तुझे वक़्त गुज़रा नहीं भूलता / डी. एम. मिश्र ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=डी. एम. मिश्र |संग्रह=आईना-दर-आईना /...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
- 11:48, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+66) . . मेरे आँसू कागज़ पर थक जाते चलते-चलते / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 11:47, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+66) . . आपकी इक झलक देखकर प्यार की वो नज़र हो गया / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 11:47, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+66) . . दिल को बहलाओ मगर पागल बहलता ही नही / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 11:47, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+66) . . घुट-घुट हो मरना तो प्यार करे कोई / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 11:47, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+66) . . अगर वो चैन-व-क़रार था तो उदासियाँ दे गया कहाँ वो / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 11:47, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+66) . . प्यार समर्पण हार गया, हठ जीत गया / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 11:47, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+66) . . रह-रह के कौन आ रहा दिल में, दिमाग में / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 10:29, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+66) . . घर से बाहर तो आकर हँसा कीजिए / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 10:28, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+66) . . इक घड़ी भी जियो इक सदी की तरह / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 10:28, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+66) . . प्यार के स्वप्न जितने विफल हो गये / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 10:28, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+66) . . प्यार मुझको भावना तक ले गया / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 10:28, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+66) . . जिनके जज़्बे में जान होती है / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 10:28, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+66) . . दो घड़ी फूल की कहानी है ये महक, रूप ये जवानी है / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 10:27, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+66) . . आदमी देवता नही होता / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 10:27, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+66) . . थोडा़-सा मुस्काने में क्यों इतनी देर लगा दी / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 10:26, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+66) . . सेाया है इस तरह से कि उठना मुहाल है / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 10:26, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+66) . . गुलाबों की नर्इ क़िस्मों से वो खु़शबू नहीं आती /डी. एम मिश्र (मौजूदा)
- 10:26, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+66) . . घनी है रात मगर चल पड़े अकेले हैं / डी. एम मिश्र (मौजूदा)
- 10:26, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+66) . . दूर से आकर हमारा वो क़रीबी हो गया / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 10:26, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+66) . . काँटों की बस्ती फूलों की, खु़शबू से तर है / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 10:26, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+66) . . फ़रेब, झूठ का मंज़र कभी नहीं देखा / डी. एम मिश्र (मौजूदा)
- 10:25, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+66) . . देर से जाना उसे वो आदमी मक्कार हूँ / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 10:25, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+66) . . खिली धूप से सीखा मैने खुले गगन में जीना / डी. एम. मिश्र
- 10:24, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+41) . . प्राणों में ताप भर दे वो राग लिख रहा हूँ / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 10:24, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+66) . . छू लिया मिट्टी तो थोड़ा हाथ मैला हो गया / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 10:24, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+42) . . कभी लौ का इधर जाना, कभी लौ का उधर जाना / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 10:24, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+66) . . मुहब्बत टूट कर करता हूँ, पर अंधा नहीं बनता / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 10:24, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+66) . . सुनता नही फ़रियाद कोर्इ हुक्मरान तक / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 10:23, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+66) . . गाँवों का उत्थान देखकर आया हूँ / डी. एम. मिश्र
- 10:21, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+42) . . सत्ता की कामयाबियों में देखिये उसे / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 10:20, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+66) . . ग़ज़ल बड़ी कहो मगर सरल ज़बान रहे / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 10:20, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+66) . . भेदे जो बड़े लक्ष्य को वो तीर कहाँ है / डी. एम. मिश्र
- 10:19, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+42) . . आइने में खरोचें न दो इस क़दर / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 10:11, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+4) . . यह भी एक रास्ता है / डी. एम. मिश्र
- 10:09, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+107) . . यह भी एक रास्ता है / डी. एम. मिश्र
- 10:03, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+42) . . मौत का मंज़र हमारे सामने था / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 10:03, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+200) . . न अश्कों को मैंने पी के भी दिल को बड़ा किया / डी. एम. मिश्र ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=डी. एम. मिश्र |संग्रह=आईना-दर-आईना /...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
- 10:03, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+200) . . न ग़ज़ल ऐसी कहो जिससे कि मिट्टी की महक आये / डी. एम. मिश्र ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=डी. एम. मिश्र |संग्रह=आईना-दर-आईना /...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
- 10:02, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+200) . . न मिट्टी का जिस्म है तो ये मिट्टी में मिलेगा / डी. एम. मिश्र ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=डी. एम. मिश्र |संग्रह=आईना-दर-आईना /...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
- 10:02, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+200) . . न लंबी है ये सियाहरात जानता हूँ मैं / डी. एम. मिश्र ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=डी. एम. मिश्र |संग्रह=आईना-दर-आईना /...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
- 10:02, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+200) . . न समय बदलते अपने भी सब बदल गये / डी. एम. मिश्र ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=डी. एम. मिश्र |संग्रह=आईना-दर-आईना /...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
- 10:02, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+200) . . न जिदगी में यूँ तो लाखों ग़म मिले / डी. एम. मिश्र ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=डी. एम. मिश्र |संग्रह=आईना-दर-आईना /...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
- 10:02, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+200) . . न अँधेरा है घना फिर भी ग़ज़ल पूनम की कहते हो / डी. एम. मिश्र ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=डी. एम. मिश्र |संग्रह=आईना-दर-आईना /...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
- 10:02, 2 जनवरी 2017 (अंतर | इतिहास) . . (+200) . . न बडे आराम से वो क़त्ल करके घूमता है / डी. एम. मिश्र ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=डी. एम. मिश्र |संग्रह=आईना-दर-आईना /...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
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