भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
हबीब जालिब
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:41, 13 अगस्त 2019 का अवतरण
हबीब अहमद
जन्म | 24 मार्च 1928 |
---|---|
निधन | 12 मार्च 1993 |
उपनाम | हबीब जालिब |
जन्म स्थान | होशियारपुर, पंजाब, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
कराची के 'डेली इमरोज़' में प्रूफ़-रीडर रहे। आधी ज़िन्दगी जेलों में बीती क्योंकि हमेशा सरकार के विरोध में रहे। | |
जीवन परिचय | |
हबीब जालिब / परिचय |
ग़ज़लें
- इस शहर-ए-खराबी में / हबीब जालिब
- और सब भूल गए हर्फे-सदाक़त लिखना / हबीब जालिब
- कहाँ क़ातिल बदलते हैं फ़क़त चेहरे बदलते हैं / हबीब जालिब
- बटे रहोगे तो अपना यूँही बहेगा लहू / हबीब जालिब
- ज़र्रे ही सही कोह से टकरा तो गए हम / हबीब जालिब
- ये उजड़े बाग़ वीराने पुराने / हबीब जालिब
- ये और बात तेरी गली में न आएँ हम / हबीब जालिब
- वही हालात हैं फ़क़ीरों के / हबीब जालिब
- उस रऊनत से वो जीते हैं कि मरना ही नहीं / हबीब जालिब
- तुम से पहले वो जो इक शख़्स यहाँ तख़्त-नशीं था / हबीब जालिब
- तेरी आँखों का अजब तुर्फ़ा समाँ देखा है / हबीब जालिब
- शेर से शाइरी से डरते हैं / हबीब जालिब
- शहर वीराँ उदास हैं गलियाँ / हबीब जालिब
- फिर दिल से आ रही है सदा उस गली में चल / हबीब जालिब
- न डगमगाए कभी हम वफ़ा के रस्ते में / हबीब जालिब
- मावरा-ए-जहाँ से आए हैं / हबीब जालिब
- लोग गीतों का नगर याद आया / हबीब जालिब
- कुछ लोग ख़यालों से चले जाएँ तो सोएँ / हबीब जालिब
- यूँ वो ज़ुल्मत से रहा दस्त-ओ-गरेबाँ यारो / हबीब जालिब
- ये सोच कर न माइल-ए-फ़रियाद हम हुए / हबीब जालिब
- वो देखने मुझे आना तो चाहता होगा / हबीब जालिब
- उस ने जब हँस के नमस्कार किया / हबीब जालिब
- उस गली के लोगों को मुँह लगा के पछताए / हबीब जालिब
- तू रंग है ग़ुबार हैं तेरी गली के लोग / हबीब जालिब
- तिरे माथे पे जब तक बल रहा है / हबीब जालिब
- शे'र होता है अब महीनों में / हबीब जालिब
- फिर कभी लौट कर न आएँगे / हबीब जालिब
- नज़र नज़र में लिए तेरा प्यार फिरते हैं / हबीब जालिब
- 'मीर'-ओ-'ग़ालिब' बने 'यगाना' बने / हबीब जालिब
- महताब-सिफ़त लोग यहाँ ख़ाक-बसर हैं / हबीब जालिब
- क्या क्या लोग गुज़र जाते हैं रँग-बिरँगी कारों में / हबीब जालिब
- कितना सुकूत है रसन-ओ-दार की तरफ़ / हबीब जालिब
- कौन बताए कौन सुझाए कौन से देस सिधार गए / हबीब जालिब
- कम पुराना बहुत नया था फ़िराक़ / हबीब जालिब
- कहीं आह बन के लब पर तिरा नाम आ न जाए / हबीब जालिब
- जीवन मुझ से मैं जीवन से शरमाता हूँ / हबीब जालिब
- जागने वालो ता-ब-सहर ख़ामोश रहो / हबीब जालिब
- इस शहर-ए-ख़राबी में ग़म-ए-इश्क़ के मारे / हबीब जालिब
- हमने सुना था सहन-ए-चमन में कैफ़ के बादल छाए हैं / हबीब जालिब
- हम आवारा गाँव-गाँव बस्ती-बस्ती फिरने वाले / हबीब जालिब
- हर-गाम पर थे शम्स-ओ-क़मर उस दयार में / हबीब जालिब
- ग़ज़लें तो कही हैं कुछ हमने उनसे न कहा अहवाल तो क्या / हबीब जालिब
- घर के ज़िन्दाँ से उसे फ़ुर्सत मिले तो आए भी / हबीब जालिब
- 'फ़ैज़' और 'फ़ैज़' का ग़म भूलने वाला है कहीं / हबीब जालिब
- दुश्मनों ने जो दुश्मनी की है / हबीब जालिब
- दिल वालो क्यूँ दिल-सी दौलत यूँ बे-कार लुटाते हो / हबीब जालिब
- दिल की बात लबों पर लाकर अब तक हम दुख सहते हैं / हबीब जालिब
- कराहते हुए इनसान की सदा हम हैं / हबीब जालिब
- कैसे कहें कि याद-ए-यार रात जा चुकी बहुत / हबीब जालिब
- कभी तो मेहरबाँ हो कर बुला लें / हबीब जालिब
- झूटी ख़बरें घड़ने वाले झूटे शे'र सुनाने वाले / हबीब जालिब
- जब कोई कली सेहन-ए-गुलिस्ताँ में खिली है / हबीब जालिब
- हमने दिल से तुझे सदा माना / हबीब जालिब
- हुजूम देख के रस्ता नहीं बदलते हम / हबीब जालिब
- गुलशन की फ़ज़ा धुआँ-धुआँ है / हबीब जालिब
- ग़ज़लें तो कही हैं कुछ हम ने उन से न कहा अहवाल तो क्या / हबीब जालिब
- 'ग़ालिब'-ओ-'यगाना' से लोग भी थे जब तन्हा / हबीब जालिब
- इक शख़्स बा-ज़मीर मिरा यार 'मुसहफ़ी' / हबीब जालिब
- दिल-ए-पुर-शौक़ को पहलू में दबाए रक्खा / हबीब जालिब
- दिल पर जो ज़ख़्म हैं वो दिखाएँ किसी को क्या / हबीब जालिब
- दयार-ए-'दाग़'-ओ-'बेख़ुद' शहर-ए-देहली छोड़ कर तुझ को / हबीब जालिब
- दरख़्त सूख गए रुक गए नदी नाले / हबीब जालिब
- भुला भी दे उसे जो बात हो गई प्यारे / हबीब जालिब
- बड़े बने थे 'जालिब' साहब पिटे सड़क के बीच / हबीब जालिब
- और सब भूल गए हर्फ़-ए-सदाक़त लिखना / हबीब जालिब
- अपनों ने वो रंज दिए हैं बेगाने याद आते हैं / हबीब जालिब
- आग है फैली हुई काली घटाओं की जगह / हबीब जालिब
- चूर था ज़ख़्मों से दिल ज़ख़्मी जिगर भी हो गया / हबीब जालिब
- बहुत रौशन है शाम-ए-ग़म हमारी / हबीब जालिब
- बातें तो कुछ ऐसी हैं कि ख़ुद से भी न की जाएँ / हबीब जालिब
- और सब भूल गए हर्फ़ सदाक़त लिखना / हबीब जालिब
- अब तेरी ज़रूरत भी बहुत कम है मिरी जाँ / हबीब जालिब
नज़्में
- अफ़्सोस तुम्हें कार के शीशे का हुआ है / हबीब जालिब
- अहद-ए-सज़ा / हबीब जालिब
- उट्ठो मरने का हक़ इस्तिमाल करो / हबीब जालिब
- एक याद / हबीब जालिब
- ऐ जहाँ देख ले ! / हबीब जालिब
- औरत / हबीब जालिब
- कहाँ टूटी हैं ज़ंजीरें हमारी / हबीब जालिब
- कॉफ़ी-हाउस / हबीब जालिब
- काम चले अमरीका का / हबीब जालिब
- ख़तरे में इस्लाम नहीं / हबीब जालिब
- ख़ुदा हमारा है / हबीब जालिब
- 14-अगस्त / हबीब जालिब
- जम्हूरियत / हबीब जालिब
- जवाँ आग / हबीब जालिब
- ज़ाबता / हबीब जालिब
- ज़ुल्मत को ज़िया सरसर को सबा बन्दे को ख़ुदा क्या लिखना / हबीब जालिब
- तेज़ चलो / हबीब जालिब
- तेरे होने से / हबीब जालिब
- दस्तूर / हबीब जालिब
- दास्तान-ए-दिल-ए-दो-नीम / हबीब जालिब
- दिल की बात लबों पर लाकर / हबीब जालिब
- नन्ही जा सो जा / हबीब जालिब
- नाम क्या लूँ / हबीब जालिब
- नीलो / हबीब जालिब
- 'नूर-जहाँ' / हबीब जालिब
- पाकिस्तान का मतलब क्या? / हबीब जालिब
- फ़िरंगी का दरबान / हबीब जालिब
- बगिया लहूलुहान / हबीब जालिब
- बातों दी सरकार (पंजाबी) / हबीब जालिब
- बीस घराने / हबीब जालिब
- भए कबीर उदास / हबीब जालिब
- मता-ए-ग़ैर / हबीब जालिब
- मल्का-ए-तरन्नुम नूर-ए-जहाँ की नज़्र / हबीब जालिब
- माँ / हबीब जालिब
- मीरा-जी / हबीब जालिब
- मुम्ताज़ / हबीब जालिब
- मेरी बच्ची / हबीब जालिब
- मुलाक़ात / हबीब जालिब
- मुशीर / हबीब जालिब
- मुस्तक़बिल / हबीब जालिब
- मौलाना / हबीब जालिब
- ये और बात तेरी गली में ना आएं हम / हबीब जालिब
- यौम-ए-इक़बाल पर / हबीब जालिब
- यौम-ए-मई / हबीब जालिब
- रक्शिन्दा ज़ोया से / हबीब जालिब
- रेफ़्रेनडम / हबीब जालिब
- रोए भगत कबीर / हबीब जालिब
- लता मंगेश्कर / हबीब जालिब
- लायल-पूर / हबीब जालिब
- वतन को कुछ नहीं ख़तरा / हबीब जालिब
- शहर-ए-ज़ुल्मात को सबात नहीं / हबीब जालिब
- सच ही लिखते जाना / हबीब जालिब
- सलाम लोगो / हबीब जालिब
- सहाफ़ी से / हबीब जालिब
- सहाफी से / हबीब जालिब
- हिन्दुस्तान भी मेरा है और पाकिस्तान भी मेरा है / हबीब जालिब