थार-सप्तक-2
रचनाकार | ओम पुरोहित ‘कागद’ |
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प्रकाशक | बोधि प्रकाशन, जयपुर |
वर्ष | 2012 |
भाषा | राजस्थानी |
विषय | कविता |
विधा | मुक्त छन्द |
पृष्ठ | 112 |
ISBN | |
विविध | काव्य |
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प्रहलादराय पारीक
चैनसिंह शेखावत
- गुड़ आळा दिन / चैनसिंह शेखावत
- बॉर्डर पर / चैनसिंह शेखावत
- कुरजां / चैनसिंह शेखावत
- भीष्म / चैनसिंह शेखावत
- चड्डी आळो फूल / चैनसिंह शेखावत
- चांद अेकलो : अेक / चैनसिंह शेखावत
- चांद अेकलो : दो / चैनसिंह शेखावत
- चांद अेकलो : तीन / चैनसिंह शेखावत
- जूण / चैनसिंह शेखावत
- सरणाटो / चैनसिंह शेखावत
- किण दरदां / चैनसिंह शेखावत
- उन्याळै स्यूं पैली / चैनसिंह शेखावत
- चांद रो चितराम : अेक / चैनसिंह शेखावत
- चांद रो चितराम : दो / चैनसिंह शेखावत
राजूराम बिजारणियां
- पट / राजूराम बिजारणियां
- चितराम : हे नागौरण : अेक / राजूराम बिजारणियां
- चितराम : हे नागौरण : दो / राजूराम बिजारणियां
- धरती होळै भूंवै / राजूराम बिजारणियां
- बीजी दुनियां थांरी म्हारी / राजूराम बिजारणियां
- बदळणो / राजूराम बिजारणियां
- थळी रा संस्कार / राजूराम बिजारणियां
- आंगण आया / राजूराम बिजारणियां
- फर्क कांई..? / राजूराम बिजारणियां
- चाल भतूळा रेत रमां! : अेक / राजूराम बिजारणियां
- चाल भतूळा रेत रमां! : दो / राजूराम बिजारणियां
- चाल भतूळा रेत रमां! : तीन / राजूराम बिजारणियां
- गळगी-रगळी / राजूराम बिजारणियां
- रचाव / राजूराम बिजारणियां
अंकिता पुरोहित
राजेन्द्रसिंह चारण
- पैल / राजेन्द्रसिंह चारण
- जीवन रो उनाळो / राजेन्द्रसिंह चारण
- खुद रै मांयता री / राजेन्द्रसिंह चारण
- चिड़कली / राजेन्द्रसिंह चारण
- खांचा / राजेन्द्रसिंह चारण
- जीत-हार / राजेन्द्रसिंह चारण
- कोयलड़ी / राजेन्द्रसिंह चारण
- भूख / राजेन्द्रसिंह चारण
- फसलां / राजेन्द्रसिंह चारण
- सांच बोले तो / राजेन्द्रसिंह चारण
- पालो काटता / राजेन्द्रसिंह चारण
- प्रीत रा गीत / राजेन्द्रसिंह चारण
- सांच'र झूठ / राजेन्द्रसिंह चारण
- नूंई चपलां / राजेन्द्रसिंह चारण
- मिन्दर / राजेन्द्रसिंह चारण
- संसद सूं बारै / राजेन्द्रसिंह चारण
गौरीशंकर
- सीव अर पीड़ / गौरीशंकर
- सौं कीं : एक / गौरीशंकर
- सौं कीं : दो / गौरीशंकर
- थांरी मुळक / गौरीशंकर
- सूरज री भोर / गौरीशंकर
- खेत री बां जमीन / गौरीशंकर
- झुळसतौ रैवूं / गौरीशंकर
- निरखतौ रैयो / गौरीशंकर
- अबोट हिरणी ज्यूं / गौरीशंकर
- अधपकी सी ओळयूं / गौरीशंकर
- ओळयूं / गौरीशंकर
- म्हारा पिताजी / गौरीशंकर
- आज बा / गौरीशंकर
- थूं बुहारी काढ़ती / गौरीशंकर
- हक मांग्या नीं मिळै / गौरीशंकर
- पांच माथा चाईजै / गौरीशंकर
- धोबो भरयो पाणी रो / गौरीशंकर
- मा / गौरीशंकर
- मून धारयां बैठ रैयी बा / गौरीशंकर
- ओ परेम / गौरीशंकर
- थारौ ईसर / गौरीशंकर
- भान : एक / गौरीशंकर
- भान : दो / गौरीशंकर
- भान : : तीन / गौरीशंकर
- दोनां कांनी / गौरीशंकर
उगामसिंह राजपुरोहित `दिलीप'
- खुद रो पतियारो कोनीं / उगामसिंह राजपुरोहित `दिलीप'
- अबोली छै आ ज़िदगीं / उगामसिंह राजपुरोहित `दिलीप'
- आज रात भरत / उगामसिंह राजपुरोहित `दिलीप'
- उगतो सूरज / उगामसिंह राजपुरोहित `दिलीप'
- समै रो फेर / उगामसिंह राजपुरोहित `दिलीप'
- नूवीं बींदणी / उगामसिंह राजपुरोहित `दिलीप'
- छोरी जावै सासरै / उगामसिंह राजपुरोहित `दिलीप'