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आड़ी तानें-सीधी तानें / हरीश भादानी
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आड़ी तानें-सीधी तानें
रचनाकार | हरीश भादानी |
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प्रकाशक | कवि प्रकाशन, डी-२, मुरलीधर नगर, बीकानेर |
वर्ष | २००६ |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविताएँ |
विधा | |
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विविध |
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- ऐसे तट हैं - क्यों इन्करें / हरीश भादानी
- एक-एक क्षण जिया गया है / हरीश भादानी
- चाहे जिसे पुकार ले तू … अगर अकेली है! / हरीश भादानी
- सात सुरों में बोल… मेरे मन की पीर !/ हरीश भादानी
- रही अछूती / हरीश भादानी
- सभी सुख दूर से गुजरें / हरीश भादानी
- सुधियाँ साथ निभाएँगी / हरीश भादानी
- साँसों की अँगुली थामे जो / हरीश भादानी
- फेरों बाँधी हुई सुधियों को / हरीश भादानी
- तेरी-मेरी जिन्दगी का गीत एक है / हरीश भादानी
- पीर कुछ ऐसी / हरीश भादानी
- मैंने नहीं कल ने बुलाया है !/ हरीश भादानी
- शहर सो गया है!/ हरीश भादानी
- क्षण-क्षण की छैनी से / हरीश भादानी
- थाली भर धूप लिए / हरीश भादानी
- उतरी जो चाह अभी / हरीश भादानी
- कोलाहल के आँगन / हरीश भादानी
- आए जब चौराहे / हरीश भादानी
- प्यास सीमाहीन सागर / हरीश भादानी
- उम्र सारी / हरीश भादानी
- टूटी ग़ज़ल न गा पाएँगे !/ हरीश भादानी
- कल से क्या / हरीश भादानी
- ओ दिशा ! ओ दिशा !/ हरीश भादानी
- आ, सवाल चुगें, धूपाएं.....आ !/ हरीश भादानी
- ड्योढ़ी रोज़ शहर फिर आए..... / हरीश भादानी
- सुबह उधेड़े, शाम उधेड़े / हरीश भादानी
- शहरीले जंगल में सांसों / हरीश भादानी
- कोई एक हवा ही शायद / हरीश भादानी
- चले कहाँ से / हरीश भादानी
- पीट रहा मन बन्द किवाड़े !/ हरीश भादानी
- बता फिर क्या किया जाए / हरीश भादानी
- सड़क बीच चलने वालों से / हरीश भादानी
- देखे मुझे हँसे सन्नाटा !/ हरीश भादानी
- इसे मत छेड़ पसर जाएगी / हरीश भादानी
- रेत में नहाया है मन ! / हरीश भादानी
- बिणजारे आकाश ! करले / हरीश भादानी
- आँखों भर की हदवाले आकाश ! / हरीश भादानी
- सड़कवासी राम ! / हरीश भादानी
- केवल घर, घरवाला खोजें.... / हरीश भादानी
- जो पहले अपना घर फूंके,/ हरीश भादानी
- हद, बेहद दोनों लांघे जो ! / हरीश भादानी
- हदें नहीं होती जनपथ की/ हरीश भादानी
- ऐसी एक छाँह देखी है..... / हरीश भादानी
- ऐसी एक ठौर देखी है !/ हरीश भादानी
- ऐसी एक चलन देखी है ! / हरीश भादानी
- घर का सच / हरीश भादानी
- ना घर तेरा, ना घर मेरा / हरीश भादानी
- उड़ती हुई सुपर्णा मुझसे / हरीश भादानी
- उड़ना मन मत हार सुपर्णे / हरीश भादानी
- यूं जीने का रोज भरम उघड़े / हरीश भादानी
- अभी और चलना है..... / हरीश भादानी