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'सिराज' औरंगाबादी
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'सिराज' औरंगाबादी
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जन्म | 1715 |
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निधन | 1763 |
जन्म स्थान | औरंगाबाद, महाराष्ट्र, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
'सिराज' औरंगाबादी / परिचय |
ग़ज़लें
- आ फँसा हूँ हिज्र के जंजाल में / 'सिराज' औरंगाबादी
- आईना-रू के शौक़ में हैराँ हुआ हूँ मैं / 'सिराज' औरंगाबादी
- अगर कुछ होश हम रखते तो मस्ताने हुए होते / 'सिराज' औरंगाबादी
- पी कर शराब-ए-शौक़ कूँ बेहोश हो बेहोश हो / 'सिराज' औरंगाबादी
- नक्श-ए-कदम हुआ हूँ मोहब्बत की राह का / 'सिराज' औरंगाबादी
- मुस्कुरा कर आशिक़ों पर मेहरबानी कीजिए / 'सिराज' औरंगाबादी
- क़द तिरा सर्व-ए-रवाँ था मुझे मालूम न था / 'सिराज' औरंगाबादी
- राह-ए-ख़ुदा परस्ती अव्वल है ख़ुद-परस्ती / 'सिराज' औरंगाबादी
- शर्बत-ए-वस्ल पिला जा लब-ए-शीरीं की क़सम / 'सिराज' औरंगाबादी
- तिरा रूख़ देख कर जल जाए जल में / 'सिराज' औरंगाबादी
- तुझ रूख़ का रंग देख ख़जिल है चमन में गुल / 'सिराज' औरंगाबादी
- यार जब मेरी तरफ़ आने लगा / 'सिराज' औरंगाबादी
- यार को बे-हिजाब देखा हूँ / 'सिराज' औरंगाबादी
- अगर मस्जिद में ऐ ज़ाहिद वो मस्त-ए-नीम-ख़्वाब आवे / 'सिराज' औरंगाबादी
- ऐ सनम तुझ बिरह में रोता हूँ / 'सिराज' औरंगाबादी
- चराग़-ए-मह सीं रौशन तर है हुस्न-ए-बे-मिसाल उस का / 'सिराज' औरंगाबादी
- देखा है जिस ने यार के रूख़्सार की तरफ / 'सिराज' औरंगाबादी
- दिल-ए-नादाँ मिरा है बे-तक़सीर / 'सिराज' औरंगाबादी
- दिन-ब-दिन अब लुत्फ़ तेरा हम पे कम होने लगा / 'सिराज' औरंगाबादी
- हर किसी कूँ गुज़र-ए-इश्क़ में आनाँ मुश्किल / 'सिराज' औरंगाबादी
- हवस की आँख सीं वो चेहरा-ए-रौशन न देखोगे / 'सिराज' औरंगाबादी
- हिज्र की आग में अज़ाब में न दे / 'सिराज' औरंगाबादी
- हुआ है मेहरबाँ वो मू-कमर आहिस्ता आहिस्ता / 'सिराज' औरंगाबादी
- हुआ हूँ इन दिनों माइल किसी का / 'सिराज' औरंगाबादी
- इश्क़ की जो लगन नहीं देखा / 'सिराज' औरंगाबादी
- जाना पे जी निसार हुआ क्या बजा हुआ / 'सिराज' औरंगाबादी
- जिस ने तुझ हुस्न पर निगाह किया / 'सिराज' औरंगाबादी
- काफ़िर हुआ हूँ रिश्ता-ए-जुन्नार की क़सम / 'सिराज' औरंगाबादी
- कौन कहता है जफ़ा करते हो तुम / 'सिराज' औरंगाबादी
- ख़ाक हूँ ऐतबार की सौगंद / 'सिराज' औरंगाबादी
- मैं न जाना था कि तू यूँ बे-वफ़ा हो जाएगा / 'सिराज' औरंगाबादी
- ख़बर-ए-तहय्युर-ए-इश्क़ सुन न जुनूँ रहा न परी रही / 'सिराज' औरंगाबादी
- ख़ुदा जाने सबा ने क्या कहीं ग़ुंचों के कानों में / 'सिराज' औरंगाबादी
- कोई हमारे दर्द का मरहम नहीं / 'सिराज' औरंगाबादी