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- 20:41, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,070) . . सितम ढा रहे हैं सवेरे-सवेरे / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 20:41, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+890) . . शराब इश्क़ की तेरे न पिया होता तो / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 20:40, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+674) . . प्यार होता है हर कहानी में / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 20:40, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+646) . . मेरे आँसुओं को समन्दर ने माँगा / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 20:39, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+921) . . ज़रा-सी बात पे रिश्ता नहीं तोड़ा जाता / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 20:39, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+964) . . बेटियाँ हैं तो ये संसार सुहाना लगता / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 20:38, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,236) . . जन्नत में आँगन की ख़ुशबू मिलती है कि नहीं / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 20:38, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+893) . . चढ़ गया रंग फूलों पे मधुमास का / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 20:37, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,137) . . हम बूढ़ों को आँख दिखाकर चले गये / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 20:37, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+993) . . तेरे प्यार में जाने कितने रिश्ते टूट गये / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 20:36, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,174) . . दम घुटता है मगर अभी तक ज़िंदा हूँ / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 20:36, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,055) . . ख़ुदा गर चाहता है हर बशर दौड़ा चला आये / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 20:35, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,477) . . बहुत-सा काम बंदों का स्वयं भगवान करता है / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 20:35, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+760) . . ज्योतिषी सबकी कुंडली जाने / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 20:34, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,112) . . रंगत बिगड़ गयी हो तो तस्वीर क्या करे / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 20:33, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,143) . . न ज़माने को ताक़त दिखाने चला है / डी. एम. मिश्र ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=डी. एम. मिश्र |संग्रह=वो पता ढूँढें...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) (मौजूदा)
- 20:32, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+118) . . वो पता ढूँढें हमारा / डी. एम. मिश्र
- 15:27, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,463) . . यूँ ही रहा तो खेती करने वाले नहीं मिलेंगे / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 15:26, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,169) . . किससे कहूँ कि खेतों से हरियाली ग़ायब है / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 15:25, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,007) . . गाँव में रहना कोई चाहे नहीं / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 15:25, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,305) . . ख़ू़ब जनता को नचाया जा रहा / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 15:24, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,046) . . अपने नसीब को न बार-बार कोसिये / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 15:23, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,296) . . जामे-ज़हर भी पी गया अश्कों में ढालकर / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 15:23, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,498) . . वो तुझे रोटी है देता तू उसे भूखा सुलाता / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 15:22, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,004) . . मेरा प्यार बेशक समंदर से भी है / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 15:22, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,406) . . आपने सोचा कभी है क्यों मरे भूखा किसान / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 15:20, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,169) . . एक सोने का मगर झूठा शज़र था सामने / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 15:19, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,121) . . ज़हर उतरने में थोड़ा-सा वक़्त लगेगा / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 15:18, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,313) . . बिना रीढ़ वाले भी कैसे खड़े हैं / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 15:18, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (-1) . . आशनाई की ग़ज़ल गाने से कुछ हासिल नहीं / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 15:18, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+991) . . आग लगाने वाले भी कम नहीं यहाँ / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 15:18, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,480) . . आशनाई की ग़ज़ल गाने से कुछ हासिल नहीं / डी. एम. मिश्र
- 15:17, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,325) . . न जाने क्यों वो मुझसे दूर होता जा रहा है / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 15:17, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (-1) . . हमारे शहर को ये क्या हो गया है / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 15:16, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,144) . . जनता हो लाचार तो राजा मज़ा करे / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 15:16, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+787) . . हमारे शहर को ये क्या हो गया है / डी. एम. मिश्र
- 15:15, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,318) . . देशभक्ती के नारे गढ़े जा रहे / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 15:14, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,550) . . मेरी सुबहों मेरी शामों पे बुलडोज़र चला देगा / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 15:13, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,992) . . जो ग़रीब का ख़ून चूसती वह सरकार निकम्मी है / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 15:13, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,303) . . मुझे भी हारकर तेवर दिखाना पड़ गया आखि़र / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 15:12, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,183) . . टूट कर जाता बिखर गर हौसला होता नहीं / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 15:12, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,773) . . मैं शोला तो नहीं फिर भी हूँ इक नन्हीं-सी चिन्गारी / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 15:11, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+945) . . हमारी वफ़ा की तिजारत करोगे / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 15:11, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,574) . . कोई ‘हिटलर’ अगर हमारे मुल्क में जनमे तो / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 15:10, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,058) . . भटक रही है ज़िंदगी न रास्ता सूझे / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 15:10, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,279) . . साथ खड़े हैं जनता के ख़ुद को जनसेवक कहते / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 15:10, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,322) . . जनता को तू समझ रहा नादान, तू कितना नादान / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 15:09, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,073) . . अपने बहते हुए लहू का दोष मढ़ें किस सर पर / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 00:30, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+1,034) . . रक्त का संचार है पर्यावरण / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
- 00:30, 30 दिसम्बर 2018 (अंतर | इतिहास) . . (+992) . . पुरख़तर यूँ रास्ते पहले न थे / डी. एम. मिश्र (मौजूदा)
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