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बोली बानी / जगदीश पीयूष
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बोली बानी
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रचनाकार | जगदीश पीयूष |
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अनुक्रम
जगदीश पीयूष
- बोला कहाँ ले पुकारी / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- ताकैं नीक कै निबौरी / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- कुर्ता खादी का चौचक / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- कतौ आंधी पानी आय / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- मौका देंय जबै भगवान / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- हियाँ न केवकै / बोली बानी / जगदीश पीयूष'
- भवा देस म चलन / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- डीजल आवै दूने दाम / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- बरैं अंधरू पड़उनू चबांय माई जी / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- गउना बदलिगा हमार / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- होलई गईं जरि मरि / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- मई जून का महीना / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- उतरा अकास से तुरान बदरा / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- गोरी गावे कजरी / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- बीता भादौं गा कुवार / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- नई नई चूरिया मंगाय दे मुरहुआ / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- जियरा म आवा थै घुंघुटवा उघारी / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- मोहें गहना ना गढ़ावा / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- खेली चाही जहाँ घर अंगना दुवारे / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- नाहीं ऊसर नाहीं मेड़ / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- नाहीं दाना पानी बाय / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- बाटै गोड़ घहरात / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- नाहीं भवा जौन सोचे / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- दिया बिटिया क दान / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- भवा बिटिया क बियाह / बोली बानी / जगदीश पीयूष
सुशील सिद्धार्थ
- चाहे सब नखत बुतायँ सोम ब्योम मा समायँ / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- होय केतनेउ बिकट अँधेरु / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- कइसे गुजर अब होइ अइसे गुजरिया / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- रचै जिन्दगी धरती अंबर पवन अगिनि औ पानी / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- हमरे लोभु औरु पाप कै / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- हम सांचु सांचु बतलाइति / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- मछरी मछरी केत्ता पानी / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- पाखु अंधियारु जब राह का खाइगा / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- बागन बागन कहै चिरैया / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- हिम्मति ना हार्यो सजनवा / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- सुनौ हो भइया हमहू देखेन / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- ना जानै या गरमी का करी / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- बाबा साहेब कै महिमा महान सखी / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- गुड्डू गुंडा की जै ब्वालौ / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- बारा बजे महट्टर आये / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- साधो हियैं मदारी पासी / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- साधो खांसि रहे ककुआ / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- साधो अब ना जाब बजारै / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- साधो भोरहे ते अंधियारु / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- साधो को की ते बतलाय / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- साधो बगिया भई उदास / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- साधो मन के मीत हेराने / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- साधो सपन भये उइ बोल / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- साधो यहै तरक्की आय / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- साधो नदिया पी गै नीरु / बोली बानी / जगदीश पीयूष
भारतेन्दु मिश्र
- रीति रिवाज पच्छिमी हुइगे / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- तीनि-पाँच बइमानी कइकै / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- ह्यांवत मा ना जुरिहै अबकी / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- खाकी वरदी पहिने द्याखौ / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- कबहूँ तौ घाम कड़ा है / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- घुरु-घुरुर-घुरुर चकिया ब्वालै / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- जिउ हमार जुड़ुवाये हैं / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- ललचाई आँखिन ते बेटवा / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- चंदावती / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- सहरन ते जुड़िगा है / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- हियाँ न भुइयाँ हैं नींबी तर / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- करक्वालै उड़ि गयीं / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- दगाबाज दुनिया है सबै कुछु रुपइया / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- बरबर बरबर लाग रहति है / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- जो जाना-पहिचाना होई / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- अइसी वइसी बहस कै रही / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- ई खजूर का काटब भइयनि / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- उन्नीस / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- चइत कइस भुजवा बनि / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- फारि फारि खाती हैं / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- धुक्कु-पक्कु / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- यहै सिटी बस हवै / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- आजादी कै कपास / बोली बानी / जगदीश पीयूष
- कच्ची-पक्की जस मिलि जाई / बोली बानी / जगदीश पीयूष